गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा है कि पृथ्वी हमारी मां है। मां के साथ मां जैसी भावना से व्यवहार करेंगे तो मां खुश होगी और अपने बच्चों को आशीर्वाद देगी। भारतीय दर्शन आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण का पक्षधर रहा है। प्रो. टंकेश्वर कुमार पर्यावरण एवं अभियांत्रिकी विभाग द्वारा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य पर ‘केयरिंग मदर अर्थ’ कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि सम्बोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. अनिल कुमार पुंडीर बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। प्रो. के.सी. अरोड़ा कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे। अध्यक्षता पर्यावरण विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रवीण शर्मा ने की।
प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि दुनिया में 1970 के आस-पास पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान देना शुरू किया लेकिन भारत ने अनंत काल से ही पर्वत, नदियों, वृक्षों और झीलों आदि की पूजा की है। इस पूजा का अभिप्राय पर्यावरण संरक्षण के लिए पर्वत, पेड़ व पौधों का बचाना व लगाना तथा जल आदि को स्वच्छ रखना ही था। हमने प्रकृति को धर्म के साथ जोड़कर आम जनमानस में प्रकृति के प्रति श्रद्धा व सम्मान उत्पन्न किया। उन्होंने कहा कि गुरू जम्भेश्वर जी महाराज की शिक्षाएं पर्यावरण संरक्षण की शिक्षाएं हैं। हमारा विश्वविद्यालय उन्हीं के नाम पर स्थापित है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करना इस विश्वविद्यालय की और अधिक जिम्मेदारी बनती है।
मुख्य वक्ता प्रो. के.सी. अरोड़ा ने पाश्चात्य संस्कृति और भारतीय संस्कृति में अंतर बताते हुए कहा कि पाश्चात्य देश केवल सुख और सुविधाओं पर ध्यान देते हैं। ये सुख और सुविधाएं केवल शारीरिक हैं जबकि भारतीय संस्कृति में सुख शारीरिक न होकर आत्मिक और मानसिक होता है। हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम अपना प्रत्येक पर्व पर्यावरण संरक्षण को समर्पित करें। जन्म दिन व विवाह आदि की वर्षगांठ पर हम अधिक से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ज्यों-ज्यों पर्वत, पेड़ और नदियों के प्रति हमारा श्रद्धाभाव कम हुआ है। त्यों- त्यों प्रदूषण का संकट बढ़ा है।
डा. अनिल कुमार पुंडीर ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमने अपने व्यक्तिगत सुखों के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दुरूपयोग किया है। यही कारण है कि आज हमें पृथ्वी दिवस मनाने की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के नुकसान का सबसे अधिक खामियाजा भारत जैसे विकासशील देशों को ही भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम अपनी दिनचर्या में सुधार लाकर तथा छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर पर्यावरण संरक्षण में अपना बढ़ा योगदा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय होने के कारण हमारा दायित्व बनता है कि हम जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण एवं स्वच्छता आदि की दिशा में काम करें।
विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रवीण शर्मा ने कहा कि ओजोन परत संरक्षण के लिए आवश्यक है कि ग्रीन हाऊस गैसों का उत्सर्जन कम किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि ओजोन परत एक सन स्क्रीन की तरह काम करती है जो हमें सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है। संयोजक सचिव प्रो. आर. भास्कर ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया तथा विषय से सम्बंधित विभाग की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। धन्यवाद प्रस्ताव डा. आर.के. लोहचब ने प्रस्तुत किया। मंच संचालन एकता चौधरी ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निमार्ण विभाग के सौजन्य से सभागार के बाहर पौधारोपण भी कराया गया।
परिणाम इस प्रकार रहे :
इस उपलक्ष्य पर विभाग द्वारा पोस्टर बनाओ व स्लोगन लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया तथा पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने का संदेश देने वाली एक स्किट प्रस्तुत की गई। स्किट में मंदीप, अजय, विकास, विक्रम डूडी, पूजा, मनीषा, रजनी तथा सोनिया ने अभिनय किया। इन प्रतियोगिताओं में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के अतिरिक्त अन्य शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में सैंट कबीर स्कूल, हिसार के सुखविन्द्र ने पहला, ओपी जिन्दल स्कूल, हिसार की दीक्षा ने दूसरा तथा शीरीष कुमार ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। जूनियर वर्ग में ओपी जिन्दल माडर्न स्कूल, हिसार की तनिष्का राव पहले स्थान पर, न्यू लाहोरिया विद्यामंदिर, हिसार का गुरप्रीत दूसरे स्थान पर तथा ओपी जिन्दल माडर्न स्कूल, हिसार की पलक शर्मा तीसरा स्थान पर रही। स्लोगन लेखन प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में ओपी जिन्दल स्कूल, हिसार की घ्वनि अग्रवाल ने पहला, भव्या गोयल ने दूसरा तथा सिद्धार्थ इंटरनेशनल स्कूल, हिसार की अमिषा श्योराण ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। जूनियर वर्ग में सिद्धार्थ इंटरनेशनल स्कूल, हिसार की अंतरिक्षा ने पहला, ओपी जिन्दल माडर्न स्कूल की अपूर्वी ने दूसरा तथा सैंट कबीर स्कूल, हिसार के आर्थिक ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
विश्वविद्यालय स्तर की प्रतियोगिताओं में पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता में सुनीता कुमारी ने पहला तथा वरिन्द्र कौर ने दूसरा तथा स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में सुनीता कुमारी ने पहला तथा समिता ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।