हिसार : गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा है कि डा. भीमराव अम्बेडकर एक महामानव के रूप में धरती पर आए। आने वाली पीढ़ियां उन्हें और अधिक आदर व सम्मान से याद करेंगी। उन्होंने विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों की शिकायतों को दर्ज करने के लिए विश्वविद्यालय की वैबसाईट पर स्थापित किए गए एक लिंक का उद्घाटन भी किया। प्रो. टंकेश्वर कुमार डा. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंति के उपलक्ष्य पर विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार के सेमीनार हाल-1 में अम्बेडकर स्टूडेंट फ्रंट के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्यातिथि सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सेवानिवृत आईपीएस डा. दलबीर भारती थे। अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. अनिल कुमार पुंडीर ने की। डीएन कॉलेज के प्राध्यापक डा. महेन्द्र सिंह कार्यक्रम में वक्ता के रूप में तथा अम्बेडकर स्टूडेंट फं्रट के अध्यक्ष मनदेव मुख्य आयोजनकर्ता के रूप में मंच पर उपस्थित रहे।
कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि डा. भीमराव अम्बेडकर राष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के हीरो हैं। उन्होंने कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए जिस प्रकार एक महान मुकाम को छुआ वो दुनिया में अपने आप में एक अनूठी मिसाल है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब जैसे महान नायकों से सम्बंधित दिवसों को हम सबको मिलकर मनाना चाहिए। ये महानायक जाति, धर्म, वर्ग या सम्प्रदाय के नहीं बल्कि पूरी मानव जाति व राष्ट्र के नायक हैं। उन्होंने घोषणा की कि आगामी वर्षों में बाबा साहेब के जन्मदिन पर विश्वविद्यालय स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। साथ ही उन्होंने इस अवसर पर बाबा साहेब की एक फोटो का अनावरण भी किया तथा कहा कि बाबा साहेब की फोटो विश्वविद्यालय के कार्यालयों में लगाई जाएगी।
मुख्य वक्ता दलबीर भारती ने अपने वक्तव्य में कहा कि बाबा साहेब ने सम्पूर्ण मानव जाति में समानता और एकता स्थापित करने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने शिक्षा से प्राप्त ज्ञान को केवल रोजी-रोटी के लिए नहीं बल्कि समाज व देश में बदलाव लाने के लिए किया। सामाजिक एकता के बिना राजनीतिक लोकतंत्र कामयाब नहीं होगा। समाज में अभी भी जाति और धर्म के नाम पर भेद है। इस भेद को मिटाकर एक ऐसे समाज की स्थापना करने की जरूरत है जो भेदभावों और असमानता से परे हो।
कुलसचिव अनिल कुमार पुंडीर ने कहा कि डा. बी.आर. अम्बेडकर पूरी दुनिया को यह समझाने में कामयाब रहे कि शिक्षा ही एक ऐसा कारगर हथियार है जिससे व्यक्ति किसी भी ऊंचाई को छू सकता है। बाबा साहेब के संघर्ष से यह सिद्ध होता है कि कठिनाइयां बेशक बड़ी हों यदि आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय हो तो रास्ते निकल जाते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा और नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में बाबा साहेब का अतुलनीय योगदान है। डा. महेन्द्र ने अपने वक्तव्य में कहा कि व्यक्ति की नहीं बल्कि विचारों की पूजा करनी चाहिए। महान विचारों को अपने जीवन में ढाल कर ही व्यक्ति महान बन सकता है। उन्होंने बाबा साहेब के जीवन से जुड़ी कई घटनाओं पर विस्तृत प्रकाश डाला।
अम्बेडकर स्टूडैंट फ्रंट के अध्यक्ष मनदेव ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर ने सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तन लाने के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया। उनके विचारों को आमजन तक पहुंचाने के लिए अम्बेडकर स्टूडेेंट फ्रंट प्रतिबद्ध है। इस प्रकार के आयोजन आगे भी किए जाते रहेंगे।
इस अवसर पर छात्र दीपक को सम्मानित किया गया। मंच संचालन स्वाति ने किया। वैबसाईट पर स्थापित लिंक से संबंधित सॉफ्टवेयर विश्वविद्यालय के कंप्यूटर सैंटर में तैयार किया गया। कंप्यूटर सैंटर के हैड मुकेश कुमार ने बताया इस लिंक पर शिकायत दर्ज कराने वाले विद्यार्थी को उसकी शिकायत दर्ज होने की सूचना उसके फोन पर एसएमएस के माध्यम से भी मिलेगी। साथ ही शिकायत सीधी उच्च अधिकारियों तक पहुंचेगी। अम्बेडकर स्टूडैंट फ्रंट की ओर से कुलपति को ज्ञापन भी सौंपा गया जिसमें विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का नाम डा. बी.आर. अम्बेडकर पुस्तकालय रखने तथा विश्वविद्यालय में डा. बी. आर. अम्बेडकर चेयर स्थापित करने की मांग की गई। कुलपति ने इन मांगों पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया।