हिसार : गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार की फाइलों की मूवमैंन्ट की जानकारी अब मोबाइल व कम्पयूटर पर भी उपलब्ध होगी। फाइल के हर स्टेट्स की जानकारी संबंधित अधिकारियों व कार्यालय किसी भी समय जान सकेंगे। इस संबंध में मंगलवार को विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी कम्पयूटर एंड इन्फोरमैटिक्स सैन्टर के सौजन्य से सैन्टर के सेमीनार हॉल में एक कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि फाइलों की मूवमैंट के डिजिटलाइजेशन से विश्वविद्यालय में जबावदेही व प्रादशर्शिता बढ़ेगी तथा फाइलों के निपटान में भी तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि हम डिजिटल इंडिया की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। तकनीकी विश्वविद्यालय होने के कारण गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय की इस दिशा में कार्य करने की जिम्मेदारी और अधिक बनती है। उन्होंने कहा कि आगे भी इस प्रकार के और कदम उठाए जाएंगे।
कुलसचिव प्रो. एम.एस. तुरान ने अपने संबोधन में कहा कि फाइल मैनेजमैंट और अप टू डेट ऑफिस रिकार्ड समय की मांग है। विश्वविद्यालय का यह कदम विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल की व्यवस्था में फाइलों को लेकर कई बार भ्रम की स्थिति बन जाती है। अब ऐसा होने से बचा जा सकेगा।
कार्यशाला के मुख्यवक्ता एनआईसी हिसार के तकनीकी निदेशक एम.पी. कुलश्रेष्ठ थे। उन्होंने सैन्ट्रल फाईल मूवमैन्ट एंड ट्रैकिंग इन्फोरमेशन सिस्टम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम का हरियाणा सरकार के चंडीगढ़ सचिवालय में सफलतापूर्वक प्रयोग हो रहा है। यह सिस्टम अत्यंत लाभदायक है। उन्होंने इस सिस्टम से संबंधित सभी शंकाओं का समाधान भी किया तथा बताया कि इससे फाइलों की गोपनीयता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। साथ ही यह भी बताया कि फाइलों का आदान-प्रदान वर्तमान सिस्टम से ही होगा। इससे केवल फाइलों की मूवमैंट की जानकारी मिलेगी।
यूनिवर्सिटी कम्पयूटर एंड इन्फोरमैटिक्स सैन्टर के हैड मुकेश कुमार ने अपने संबोधन में बताया कि विश्वविद्यालय इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है। शीघ्र ही इस सिस्टम की जानकारी के लिए संबंधित कार्यालयों के स्टाफ सदस्यों की कार्यशाला का आयोजन भी किया जाएगा। उसके बाद यह सिस्टम विश्वविद्यालय में कार्य करने लगेगा। सिस्टम लागू किए जाते समय सभी शंकाओं व सुझावों को ध्यान में रखा जाएगा।
कार्यशाला में विश्वविद्यालय के अधिकारी, डीन, डायरेक्टरज, चेयरपर्सनज तथा ब्रांच अधिकारी आदि उपस्थित थे।