गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा है कि खुश रहने के रास्ते खुद तलाशने से ही मनुष्य खुश रह सकता है। परिस्थितियां मनुष्य की खुशी को प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन परिस्थितियों को समझ कर उन्हें अपने अनुरूप बनाने की कला सीखना जरुरी है। प्रो. टंकेश्वर कुमार फैकल्टी ऑफ मैडिकल साईंसेज के सौजन्य से ‘रिसैन्ट ट्रेन्डन्स इन हैल्थ केयर’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय कान्फ्रैन्स के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के चौ. रणबीर सिंह सभागार के हॉल नंबर एक में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता फैकल्टी ऑफ मैडिकल साईंसेज के डीन प्रो. मिलिन्द पारले ने की। पीजीआईएमएस रोहतक से डा. विवेक कौशल व डा. ज्योति कौशल मुख्यवक्ता के रूप में उपस्थित थे। डा. शबनम जोशी कान्फ्रैन्स की संयोजक हैं।
प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए खुश रहना अत्यंत आवश्यक है। खुश रहने व सकारात्मक सोच बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने आसपास के वातावरण को भी साफ सुथरा रखें। उन्होंने कहा कि बीमारियों के लिए इलाज के लिए इस समय कई थैरेपी हैं। बीमारी व उसकी स्थिति के अनुसार रोगी को थैरेपी अपनानी चाहिए। उन्होंने योगा को श्रेष्ठ थैरेपी बताते हुए कहा कि यदि समय रहते योगा को अपने जीवन का अंग बना लें तो कोई बीमारी नजदीक नहीं आएगी। उन्होंने घोषणा की शीघ्र ही विश्वविद्यालय में विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में योगा कक्षाएं लगाने की व्यवस्था की जाएगी। योगा पर पाठ्यक्रम शुरु करने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सेवा में समय लगाकर भी व्यक्ति अपने आप में सृजानात्मक ऊर्जा का संचार कर सकता है।
प्रो. मिलिंद पारले ने अपने संबोधन में कहा कि केवल जीवन शैली व सोच में बदलाव लाकर ही हम न केवल बीमारियों से बच सकते हैं बल्कि बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कभी भी आज का काम कल पर मत छोड़ो। अपने अंदर अच्छी आदतें विकसित करो तथा खान-पान में सुधार लाओ। जीवन भी सुधर जाएगा। जीवन खुद एक शिक्षक है जो बहुत कुछ सिखाता है। कोई भी काम पूरा करने के लिए अंतिम समय की प्रतीक्षा कतई ना करो। व्यक्ति और परिस्थितियां जैसी भी हैं उन्हें उस रूप में स्वीकार करें। अपने बॉस को कभी ना ना कहें तथा काम ही पूजा है के सिद्धांत को जीवन में अपनाएं। उन्होंने हँसी को सबसे अच्छी दवा बताया।
डा. विवेक कौशल ने अपने व्याख्यान में कैंसर के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैंसर अब पूरे विश्व की समस्या बन चुकी है। अकेले भारत में प्रतिवर्ष कैंसर के दस लाख नए रोगी हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि समय रहते इलाज हो जाए तो कैंसर लाइलाज नहीं है। उन्होंने नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह दी। डा. ज्योति ने बताया कि मधुमेह बीमारी तेजी से फैल रही है। उन्होंने इस बीमारी के लक्षणों के बारें में बताते हुए कहा कि यदि बार-बार पेशाब आने लगे तथा बार-बार कुछ खाने को मन करे तो ये मधुमेह के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने इसके इलाज के बारे में बताया तथा कहा कि अपनी जीवन शैली में बदलाव लाकर मधुमेह रोग से बचा जा सकता है। इस अवसर पर कान्फ्रैन्स से संबंधित एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। समारोह को फिजियोथेरेपी विभाग के डा. एस. कुलन्देविलन ने भी संबोधित किया। डा. शबनम ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। मंच संचालन डोली धवन ने किया। इस अवसर पर फिजियोथेरेपी विभाग के डा. जसप्रीत कौर, डा. मनोज मलिक व डा. कालिन्दी उपस्थित रहे।
जीवन मे छोटीछोटी बातो का घ्यान रख न सिर्फ हम स्वस्थ रह सकते है अपीतू दवाओ से मुक्ती
पा सकते है
.प्रात व साय नियमीत तौर पर सैर करे
. अपनी सोच को सकारत्मक रखे
. जीवन के हर पल खुश रह कर व्यतीत करे
.भोजन कासमय नियमित करे
. खाने मे हरी सब्जियो व सलाद जरूर रखे
.किसी जरूरतमदं की जितनी हो सके मद्द करे
. ये छोटी छोटी बाते न केवल आपको शान्ती देगी बल्की आपको बिमारीयो से भी मुक्त करा देगी