सीखिये वर-बधु की कुण्डली मिलान (अध्याय-1- भाग-8) : शिवयोगी श्रीप्रमोदजी महाराज

भकूट-विचार : भकूट का तात्पर्य वर-कन्या की राशियों के आपसी अन्तर से होता है || भकूट छ प्रकार का •••••••••••••••••••••••••••••••••••••...

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सीखिये वर-बधु की कुण्डली मिलान (अध्याय-1- भाग-5) : शिवयोगी श्रीप्रमोदजी महाराज

मैत्री एवं ग्रह मैत्री : मेलापक में ग्रह में मित्रता का बहुत योगदान होता है || ग्रह में मित्रता का...

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सीखिये वर-बधु की कुण्डली मिलान (अध्याय-1- भाग-4) : शिवयोगी श्रीप्रमोदजी महाराज

योनि विचार : योनि-मेलापक का विचार न केवल वर-वधु के मेलापक में ही विचारणीय होता है || अपितु यह साझेदारी...

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