बी डी जैस्वाल , बालाघाट : हर सनातनी आज इस पार्टी से नफ़रत नहीं बल्कि घृणा करता हे, हर घोटाले, भृष्टाचार या कुछ भी माफ़ किया जा सकता है क्योंकि नेता या पार्टियाँ दूध की धुली नहीं है….
लेकिन….??? लेकिन….??? सौ करोड़ हिन्दुओं को जातिवाद, क्षेत्रवाद में बाँटकर एक पार्टी ने अपनी ही कब्र खोदनी शुरू की, कहा जा रहा हे अभी तो इससे भी बुरी दुर्गति होनी है इस पार्टी की क्योंकि इस पार्टी पर जगदगुरु श्री करपत्रि जी महाराज का श्रआप लगा हुआ है जो उन्होंने प्रधानमंत्री को तब दिया था जब संसद मार्ग पर उसने गौमाता, निहाथे संतों, गौभक्तों के साथ महिलाओं व दूध मुँहे बच्चों पर गोलियाँ चलवाई थी और उस दिन गोपाष्टमी तिथि थी तारीख़ थी 7 नवम्बर 1966
इस पार्टी से जुड़े उन हिन्दुओं पर तरस आता है जो इससे अभी भी जुड़े हुए हैं क्योंकि हमारे हिन्दू शास्त्रों में स्पष्ट लिखा है कि जो गाय को तनिक भी कष्ट पहुँचाता है तो वह नर्क का भागी बनता है तो सोचो जिन्होंने गाय को ही काट दिया उनका व उस पार्टी से जुड़े सभी हिन्दू पाप नहीं बल्कि महापाप के भागी हुए न… अतः अभी भी समय है भगवान श्रीरामकृष्ण जी की भी पूज्या गौमाता से अपने भगवद अपराधों को क्षमा करवाने का…जय गौमाता जय गोपाल
(यह लेखक के अपने विचार हैं)