पंकज गोयल : कोर्ट के फैसले भी कुछ ऐसे आ रहे कि की मानो परिवार पर एक से बढ़कर एक गाज गिर रही है मानो भारत मे कोई भी परिवार ना रहे , एक तरफ शादी एक पवित्र रिश्ता होता है जिसे तोड़ने के एक से एक हतकंडे आज आजमाते नजर आरहे है , ये अजीबो गरीब कानून से एक तो पति पत्नी का पोषिन्दा बोलता है इसलिए 125 से ओ पत्नी हकदार होती है , दूसरी तरफ पति उसका मालिक नही ऐसा सुप्रीम कोर्ट कहता हैं, तो ओ पति उसे किस आधार पर गुजारा भत्ता दे , ओ अपनी मर्जी की मालिक है तो ओ अब जिसके पास है अपनी मर्जी से तो उसका हक उसपर होना चाहिए, पति पर क्यों , ये पुरुषो का उत्पीड़न नही तो क्या है ये जल्द बंद होना चहिये ,