भोपाल ( लेखक एक चिंतक ) : फुट डालो और राज करो, यह अंग्रेजों ने केवल भारत में किया था और मेरा मानना है कि अंग्रेजों को यह बुद्धि —- के सिवा और कोई नही दे सकता था..
इसी रणनीति पर चलते हुए एक बड़ी राजनीतिक पार्टी ने हिन्दुओ में फूट डालने के लिये एस सी एस टी एक्ट लाया हैं और एक्ट लागू हो गया। कितनी बहस हुई, विपक्ष ने क्या कहा, क्या संशोधन प्रस्तावित किये, कितने माने गए कितने नहीं,, यह सब तो संसद की लाइब्रेरी में पढ़ने के बाद पता चलेगा..
इस एक्ट मे अगर कोई एस सी का व्यक्ति किसी सवर्ण पर इस एक्ट को लगा FIR दर्ज करवाता है तो उसकी तुरन्त गिरफ्तारी हो जाती है, मेरी भी हुई और लगभग 2 वर्षों तक मेरा परिवार त्रासदी को झेलता रहा। जाॅच बाद में चलती रही किन्तु जिस दिन मामला न्यायालय के अधीन हुआ, जांच बन्द, केस डायरी प्रस्तुत और मामला सबूतों, गवाहों पर चला गया।
यह एक्ट लगभग तीस वर्ष तक इसी प्रकार लागू रहा। किसी को कोई परेशानी नहीं हुई क्योकि तब तक लगभग सेक्युलर सरकारे रही। हमने कभी इस एक्ट का कोई विरोध नही किया और ना ही किसी कोर्ट को इसमें कोई खराबी दिखायी दी लेकिन जैसे ही मोदी सरकार आती है इस एक्ट मे लाख खराबी हो जाती है।
कोर्ट इसमे सॅशोधन करता है और इसका उत्तरदायित्व मोदी सरकार पर डाल दिया जाता है। सोशल मीडिया से लेकर समाज मे मोदी सरकार को #विलेन बनाकर प्रचारित किया जाता है!
अगर एक्ट में सरकार सॅशोधन नही करती तो एस सी मोदी से नाराज और अगर करती है तो सवर्ण नाराज!
यह एक ऐसा खेल , जिसे जानबूझ कर खेला गया , जिससे मोदी को हराया जा सकता है। जब लगभग तीस वर्ष तक यह एक्ट सही था तो इसमे खराबी कैसे आ गयी…?
फिर इस एक्ट को लाने वाली तो #काग्रेस ही थी ना, तो उसकी आलोचना क्यो नही, कांग्रेस दोषी क्यों नही..? यह तो वही हुआ की पाप कोई करे और दण्ड मोदी जी को…?