१.क्या मैं संघ को जानता हूँ?
2.क्या संघ को मैंने देखा है?
३.संघ कहाँ है?
४.संघ क्या करता है?
५.संघ को लोग ग़लत कहते है,क्यों? कहने वाले भले कहे लेकिन आखिर सच्चाई का पता तो करूँ?
६.आज विभिन्न क्षेत्रों में संघ परचम लहरा रहा है, ओर हम विरोध कर रहे हैं, कहीं हम ही तो ग़लत नही है?
७. हर युवा के जुबान पर संघ का नाम है क्यों?
८.ओर वही युवा राष्ट्रवाद की बात करते दिखाई देते है क्यों?
९. संघ में हर वर्ग हर उम्र हर क्षेत्र से लोग आते हैं क्यों?
१०.बच्चा भी संघ में शाखा जाता है, ओर उनका दादा भी शाखा जाते हैं, आख़िर सब क्या करते हैं वहां?
११. ओर बड़े कार्यक्रम होते हैं तब तो लाखों लोग सम्मिलित होते हैं! यह सब कैसे संभव है?
१२. किसान भी है तो मजदूर भी है,ओर विद्यार्थी वर्ग से है तो नोकरी पेसे से जुड़े हुए भी है, एक साथ सब कैसे संभव है?
२३. गृहस्थी भी है, तो प्रचारक भी है(पढ़ाई लिखाई के बाद अपना सम्पूर्ण समय भारत माता के लिए समर्पित) यह कैसे संभव हुआ?
१४.इस भौतिकवादी युग में सब अपने जीवन मे मस्त है, सब अपने काम धंधो मे व्यस्त हैं?
१५. लोगों के पास तो समय भी नही है ऐसा कहते हुए आगे बढ़ जाते है और संघ के स्वयंसेवक विपरीत परिस्थितियों में कार्य करते हुए दिखाई देते हैं क्या इनके पास समय कहीं अलग से है? नहीं न तो क्यों? प्राक़तिक प्रकोप के समय बढ़चढ़कर सेवा कार्य करते हुए दिखाई देते है, तो इनके ख़ुद के कार्यों को कौन पूरा करता है?
१६. इनके भी परिवार है, रिश्तेदार है,काम धंधे है, दैनिक कार्य भी होंगे फ़िर भी सबसे पहले ओर आगे दिखाई देते है यह सब कैसे हो सकता हैं? क्या ऐसा मैं कर सकता हूँ! मैं ऐसा कब बनूँगा! यदि ऐसा बन भी गया तो मैं सब कार्य व्यवस्थित तरीके से करने लग जाऊंगा।
१७. संघ के लोग वादे और इरादों के पक्के होते हैं! इतना करने के बाद यह सब कैसे हो सकता हैं मेरी समझ से तो बार है?
१८. समय का विशेष ध्यान ऱखते है, हर कार्य समय रहते पूरा कर लेते है।
१९. इनकी भाषा तो इतनी मधुर है कि बार बार बातचीत करने का मन करता हैं।
२०. लेकिन एक बात और कहूंगा कि यह सब होते तो अलग अलग स्थानों से है पर पता नहीं लगा सकते कि यह सब भाई है या अलग अलग है, इतने मिलजुलकर कैसे रहते है?
यह सब प्रश्न मेरे समझ में तो आ गये है।पर इन प्रश्नों के माध्यम से जो हल निकलेगा वो कैसे हो रहा है यह ढूंढ रहा हूँ।
………….यदि सब पढ़ लिए है…….तो अपने जीवन में यह उतारने की कोशिश करें।
.संघ क्या करता है?५.संघ को लोग ग़लत कहते है,क्यों? कहने वाले भले कहे लेकिन आखिर सच्चाई का पता तो करूँ?६.आज विभिन्न क्षेत्रों में संघ परचम लहरा रहा है, ओर हम विरोध कर रहे हैं, कहीं हम ही तो ग़लत नही है?७. हर युवा के जुबान पर संघ का नाम है क्यों?८.ओर वही युवा राष्ट्रवाद की बात करते दिखाई देते है क्यों?९. संघ में हर वर्ग हर उम्र हर क्षेत्र से लोग आते हैं क्यों?१०.बच्चा भी संघ में शाखा जाता है, ओर उनका दादा भी शाखा जाते हैं, आख़िर सब क्या करते हैं वहां?११. ओर बड़े कार्यक्रम होते हैं तब तो लाखों लोग सम्मिलित होते हैं! यह सब कैसे संभव है?१२. किसान भी है तो मजदूर भी है,ओर विद्यार्थी वर्ग से है तो नोकरी पेसे से जुड़े हुए भी है, एक साथ सब कैसे संभव है?२३. गृहस्थी भी है, तो प्रचारक भी है(पढ़ाई लिखाई के बाद अपना सम्पूर्ण समय भारत माता के लिए समर्पित) यह कैसे संभव हुआ? १४.इस भौतिकवादी युग में सब अपने जीवन मे मस्त है, सब अपने काम धंधो मे व्यस्त हैं?१५. लोगों के पास तो समय भी नही है ऐसा कहते हुए आगे बढ़ जाते है और संघ के स्वयंसेवक विपरीत परिस्थितियों में कार्य करते हुए दिखाई देते हैं क्या इनके पास समय कहीं अलग से है? नहीं न तो क्यों? प्राक़तिक प्रकोप के समय बढ़चढ़कर सेवा कार्य करते हुए दिखाई देते है, तो इनके ख़ुद के कार्यों को कौन पूरा करता है?१६. इनके भी परिवार है, रिश्तेदार है,काम धंधे है, दैनिक कार्य भी होंगे फ़िर भी सबसे पहले ओर आगे दिखाई देते है यह सब कैसे हो सकता हैं? क्या ऐसा मैं कर सकता हूँ! मैं ऐसा कब बनूँगा! यदि ऐसा बन भी गया तो मैं सब कार्य व्यवस्थित तरीके से करने लग जाऊंगा। १७. संघ के लोग वादे और इरादों के पक्के होते हैं! इतना करने के बाद यह सब कैसे हो सकता हैं मेरी समझ से तो बार है?१८. समय का विशेष ध्यान ऱखते है, हर कार्य समय रहते पूरा कर लेते है।१९. इनकी भाषा तो इतनी मधुर है कि बार बार बातचीत करने का मन करता हैं।२०. लेकिन एक बात और कहूंगा कि यह सब होते तो अलग अलग स्थानों से है पर पता नहीं लगा सकते कि यह सब भाई है या अलग अलग है, इतने मिलजुलकर कैसे रहते है?
यह सब प्रश्न मेरे समझ में तो आ गये है।पर इन प्रश्नों के माध्यम से जो हल निकलेगा वो कैसे हो रहा है यह ढूंढ रहा हूँ।
………….यदि सब पढ़ लिए है…….तो अपने जीवन में यह उतारने की कोशिश करें।