मतदाता चाहे युवा हो या बुजुर्ग, व्यापारी हो या बुनकर सभी के वोट की कीमत बराबर होती है! मतदाता ही मतदान करके अपना प्रतिनिधि चुनते हैं! देश का भविष्य मतदाता ही तय करते हैं! मतदाता दिवस पर केंद्र सरकार और जिम्मेदार विद्यार्थी संगठन ने शिवर लगाकर कॉलेजो और यूनिवर्सिटी में मतदान के प्रति लोगों को जागरुक किया! अगर देखा जाए तो 21वीं सदी में चुनाव को लेकर वोटरों में उत्सुकता देखने को मिली है! जैसे लोग एक एक वोट की कीमत समझते जा रहे हैं, ठीक वैसे ही आम चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव मे भी मतदान प्रतिशत बढ़ता जा रहा है! यह सब हमारे सरकारी सिस्टम और संगठनों की ही देन है!
जब पहले देश में चुनाव होते थे तो सिर्फ 30 से 35 फीसदी ही मतदान होता था! केंद्र व राज्य सरकारों ने लोगों को जागरुक किया! अब मतदान 70 से 75 फीसदी या उससे भी ऊपर तक पहुंच जाता है! नक्सलवाद व आतंकवाद ग्रस्त इलाकों में भी लोग चुनाव के पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं! हाल ही में जम्मू कश्मीर में निकाय व पंचायत चुनाव में मतदाताओं का उत्साह देखते ही बनता था! लोगों ने मतदान केंद्रों पर लाइनों में खड़े होकर देश से गद्दारी करने वालों को आइना दिखाया! मतदान करने वालों की सराहना भी करनी चाहिए, जिन्होंने लोगों को मतदान के प्रति जागरुक किया!
देश के होने वाले इन आम चुनावों में युवाओं के रूप में नए वोटरो की संख्या बढ़ी है! मतदान करना सभी का अधिकार है, इसलिए सभी को इस में भाग लेना चाहिए! ‘नोटा’ का बटन ना दबाकर लोकतांत्रिक तरीके से किसी को चुनने के रूप में मतदान करना चाहिए!
सौरभ कपूर, लेखक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पंजाब के विभाग संगठन मंत्री है!