मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद् : श्रावण संक्रांति 16 जुलाई , सोमवार को आषाढ़ के शुक्ल पक्ष में रात्रि 10 बजकर 26 मिनट पर आरंभ हो गई जब सूर्य कर्क राशि में प्रवेश कर गया। सूर्य राशि के अनुसार सावन का महीना 16 जुलाई से आरंभ हो चुका है।
सूर्य का एक राशि से दूसरा राशि में प्रवेश ‘संक्रांति’ कहलाता है. सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश ही ‘कर्क संक्रांति या श्रावण संक्रांति’ कहलाता है. सूर्य के ‘उत्तरायण ‘ होने को ‘मकर संक्रांति ‘ तथा ‘दक्षिणायन’ होने को ‘कर्क संक्रांति’ कहते हैं. ‘श्रावण’से ‘पौष’ मास तक सूर्य का उत्तरी छोर से दक्षिणी छोर तक जाना ‘ दक्षिणायन’ होता है. कर्क संक्रांति में दिन छोटे और रातें लंबी हो जाती हैं.
सावन संक्रांति अर्थात कर्क संक्रांति से वर्षा ऋतु का आगमन हो जाता है. देवताओं की रात्रि प्रारम्भ हो जाती है और चातुर्मास या चौमासा का भी आरंभ इसी समय से हो जाता है.
– इस सूर्य संक्रांति से आरंभ हुए सावन में 5 सोमवार 16 जुलाई, 23 जुलाई, 30 जुलाई , 6 व 13 अगस्त को आएंगे क्योंकि 17 अगस्त को भाद्रपद संक्राति आ जाएगी।
– अन्य पर्व निम्नानुसार आएंगे-
– 23 जुलाई- हरिशयनी एकादशी, चौमासा आरंभ
– 27 जुलाई- गुरु पूर्णिमा, व्यास पूजा
– 27/28 जुलाई- खग्रास चंद्रग्रहण
– 28 जुलाई- पूर्णिमा से श्रावण मास आरंभ
– 9 अगस्त -श्रवण शिवरात्रि व्रत
– 11 अगस्त- हरियाली अमावस
– 13 अगस्त – हरियाली तीज
– 15 अगस्त – नागपंचमी
– 26 अगस्त – रक्षाबन्धन एवं श्रावण पूणर््िामा
– 29 अगस्त – कजली तीज
इसके विपरीत
इस साल श्रावण महीने की शुरुआत 27 जुलाई से हो रही है. लेकिन इसे उदया तिथि यानी 28 जुलाई से मानी जाएगी. 26 अगस्त को श्रावण मास का आखिरी दिन होगा.
इस साल श्रावण मास में 4 सोमवार पड़ेंगे. अगर आप सावन के महीने में सोमवार व्रत रखते हैं तो इस साल आपको सिर्फ चार ही व्रत रखने होंगे.