डॉ राजेश कुंटल : राहुल गाँधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर माँ ने ही पुत्र को ऐसे चक्रव्यूह में फंसा दिया है जिससे निकास का रास्ता पुत्र को नहीं मालूम है. जरा गौर कीजिए…राहुल गाँधी और उनके सलाहकारों की सोच जहाँ खत्म होती है वहां से नरेंद्र मोदी और अमित शाह की सोच शुरू होती है.
उदाहरणार्थ, उत्तर प्रदेश में भाजपा ने हिन्दू मतों को एकजुट किया तो गुजरात में राहुल गाँधी को जहाँ मन्दिर मिले वे वहां गुहार लगाने पहुंच गए. उन्हें पता भी नहीं चला और भाजपा ने मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगा दी. तीन तलाक के नाम पर मुस्लिम महिलाओं को भाजपा का समर्थक जुटाया तो लोकसभा में कांग्रेस को तीन तलाक का समर्थन करना पड़ा. फिर किसी सलाहकार ने कहा- जो मुस्लिम मत बचे हैं उन्हें सम्भाले तो राज्यसभा में कांग्रेस ने तीन तलाक कानून पारित नहीं होने दिया. यह भी भाजपा के पक्ष में रहा. अब २०१९ तक भाजपा मुस्लिम महिलाओं से कहेगी- हमनें तो आपके सम्मान के प्रयास किए थे पर कांग्रेस ने खेल बिगाड़ दिया.
कांग्रेस ७० साल से अलगाववादियों को इस उम्मीद से संरक्षण देती रही कि वे पाकिस्तान को आतंकवाद रोकने के लिए तैयार करेंगे. नरेंद्र मोदी ने शार्ट कट नहीं अपनाया. अलगाववादियों की फन्डिंग रोककर उन्हें नपुसंक ही बना दिया. इसे कहते हैं दूर की सोच जो राहुल गाँधी के बूते की बात ही नहीं है.
राहुल गाँधी के समर्थक कितने नासमझ है… इजराइल के प्रधानमंत्री का प्रोटोकॉल तोडकर नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट पर स्वागत किया और गले लगाया तो कांग्रेस ने विरोध किया और मजाक बन गए. नरेंद्र मोदी से मित्र बनाने की कला सीखने के बजाए राहुल गाँधी खीझ रहे हैं और हंसी के पात्र बन रहे हैं.
अमित शाह ने विपक्ष को जिस चतुराई से छिन्न- भिन्न किया उस पर भी गौर करें. नितीश एनडीए में लौट आए हैं. लालू यादव जेल पहुच गए है तो ममता हिन्दुओं के प्रति साफ्ट होने लगी है. शरद यादव और शरद पंवार हाशिए में चले गए हैं. मायावती और मुलायमसिंह अपना आधार बचाने में लगे हुए है.
आज नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प है क्या?
यह उनकी डिप्लोमेसी ही हैं कि अपने दुश्मन पाकिस्तान के विरुद्ध उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प को खड़ा कर दिया.
क्या राहुल गाँधी इतने परिपक्व हैं कि अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प, रूस के पुतिन, जापान के शिंजो एबे या इंग्लेंड की थेरेसा मेय के साथ १५ मिनट भी चर्चा कर सकें?
मैं नरेंद्र मोदी का अंध समर्थक नहीं हूँ पर मानता हूँ कि आज हिंदुस्तान को ऐसा नेता चाहिए जो केवल देश के बारे में सोचें, देश के लिए जीए