नई दिल्ली : (16 सितम्बर) : एम.बी.बी.एस. और बी.डी.एस. की प्रवेश–परीक्षा ‘नीट’ – नेशनल एलिजीब्लिटी कम एंट्रेंस टेस्ट के उपरांत काउंसलिंग के नाम पर लाखों रूपए की धनराशी लेकर मेडिकल कोलेजों में प्रवेश देने वाली संस्थाओं को अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सलाह व आदेश एफ.1-6 /2016 (सी.पी.पी.-आई/डी.यू.) दिनांक 15 सितम्बर 2016 के तहत लूट की छूट नहीं होगी I यह जानकारी मेडिकल प्रवेश-परीक्षाओं में भ्रष्टाचार के विरूद्ध जारी अभियान “प्रोजेक्ट क्लीन” के संयोजक सुरेन्द्र सिंह हुड्डा ने प्रेस को जारी एक बयान में दी I
प्रोजेक्ट क्लीन के संयोजक सुरेन्द्र सिंह हुड्डा ने बताया कि देश में 57,000 से ज्यादा मेडिकल प्रवेश के लिए एम. बी. बी. एस. की उपलब्ध सीटें है , जिसमें आधे से ज्यादा प्राइवेट मेडिकल कालेजों के पास हैं I जिन पर प्रमाणित तथ्य मौजूद हैं कि इन प्राइवेट सीटों को भरने के लिए भ्रष्टाचार होता रहा है और उच्त्तम न्यायालय ने भी ‘नीट’ पर दिए अपने फैसले में इस प्रकार की राय रखी है I
जैसा कि इस वर्ष मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ के तहत यह स्पष्ट हो गया था कि प्राईवेट मेडिकल कॉलेज केवल और केवल ‘नीट’ – नेशनल एलिजीब्लिटी कम एंट्रेंस टेस्ट की परीक्षा में मेरिट के अनुसार ही अपने यहाँ दखिलें देंगे , जिस पर देश के प्राइवेट मेडिकल संस्थानों ने काउंसलिंग के नाम पर लाखों रूपए ठगने का रास्ता यह कहते हुए निकाल लिया कि वे केवल उन्हीं छात्रों को प्रवेश देंगे जो उन्हीं के द्वारा व उनके व्यावसायिक समूह के द्वारा प्रस्तावित काउंसलिंग के मार्फ़त आवेदन करेंगें I
हुड्डा कहा कि संविधान और सरकारी व्यवस्था का खुलेआम मजाक उड़ाते हुए इन मेडिकल शिक्षण -संस्थाओं ने अपनी स्वयं-भू काउंसलिंग की और उसमें अपनी आदतनुसार भ्रष्टाचार किया , इतना ही नही इन संस्थाओं ने उनके राज्यों की प्रदेश सरकारों द्वारा की गई काउंसलिंग को भी सिरे से नकार दिया , जिस पर होनहार व मेहनती छात्र –छात्राओं को ‘नीट’ परीक्षा होने के बाद भी मायूस होना पड़ा I
प्रोजेक्ट क्लीन संयोंजक ने प्रधानमंत्री और देश के शिक्षामंत्री से यह आग्रह किया है कि यू. जी. सी. –विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का 15 सितम्बर को आया स्पष्टीकरण आदेश तर्कसंगत ही नहीं बल्कि न्यायसंगत भी है , जिसका पालन होना चाहिए और यह सरकार का दायित्व भी बन जाता है कि देश के होनहार छात्र –छात्राएं जो ‘नीट’ के माध्यम से मेरिट में आए हैं उनके साथ और देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो I