प्रो. वेद प्रकाश कुमार : उच्च शिक्षा को , भारतवर्ष मे , आजादी के काफी समय तक वह विस्तार एवं ध्यान नही मिला , जिसकी उसे वास्तविक रूप से जरूरत थी ! वही उच्च शिक्षा मे गुणवता , निष्पक्ष मूल्याकन ,मूल्यांकन के उपकरण , मान्यता , मूल्यांकन की कार्यप्रणाली तथा देश एवं समाज को ध्यान मे रखते हुये , उच शैक्षिक संस्थानों का मूल्यांकन लगभग ना के बराबर रहा ! इन्ही सभी कारको को ध्यान मे रखते हुए , राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद(NAAC) का गठन 1984 मे किया गया ! यह विश्व विधालय अनुदान आयोग का स्वायत संस्थान है ! इस वर्ष यह अपने 25 वर्ष की रजत जयंती भी मना रहा है !
नैक संस्था ने हाल ही मे ,देश हित , समाज हित तथा अपने लक्ष्यों को ध्यान मे रखते हुए , काफी मेहनत एवं लगन से, संशोधित प्रत्यायन ढांचा (RAF) प्रारम्भ किया है , जोकि अपने आप मे नवविचार का पुलिंदा है ! जिसमे मूल्यांकन सम्बन्धित सभी प्रणाली ,उपकरण, गुणवता , सामग्री का सत्यापन , छात्र संतुष्टि सर्वैक्ष्ण को भी शामिल किया है ! यह सब नैक संस्था के अधिकृत पोर्टल पर उपलब्ध है , जिसे ऑनलाईन शुल्क दे कर भरा जा सकता है ! वैसे काफी समय से नैक संस्था का स्वयं की मूल्यांकन , की बात भी विभिन्न मंचो से , शिक्षाविदो द्वारा समय समय पर आती रहती थी ! क्योकि पिछले कुछ वर्षो मे , कई ऐसे अनुभव आये कि नैक संस्था ने , ऐसे संस्थानों को भी B ग्रेड यहा तक कि A+ ग्रेड दे दिया , शिक्षा से सम्बन्धित आधारभूत सुविधाये भी पूर्णरूप से उपलब्ध नही थी ! इन्ही सब विषयों तथा नैक संस्था के प्रति अविश्वनीयता को ध्यान मे रखते हुए , श्याद संस्था ने स्वयं का भी आत्मचिंतन एव मूल्यांकन किया तथा संशोधित प्रत्यायन ढांचा (RAF) प्रारम्भ किया है ! यह मुख्यत इन्द्र धनुष के सात रंगो की तरह , सात भागो मे , मूल्यत: 1. पाठ्यक्रम 2. शिक्षण- सीखना और मूल्यांकन 3. शोध , नवाचार एवं विस्तार 4. शैक्षण भवन एवं सीखने के संसाधन, 5. छात्र समर्थन एवं प्रगति , 6. शासन, नेतृत्व और प्रबंधन 7. संस्थागत मूल्य एवं सर्वोत्तम प्रथाएं , मे है ! इसमे विश्वविधालयो , सम्बद्ध कॉलेज एवं स्वायत्त कॉलेज को अलग अलग अंको के , आधार दिया गया है ! इसको आनलाइन पूरा करने के बाद , नैक संस्था द्वारा इस कार्यप्रणाली मे निपुण शिक्षाविद की सहकर्मी टोली , पूर्व सुचना दे कर संस्थान मे आती है तथा उनके प्रतिवेदन के आधार पर , संस्थान को निश्चित अवधि के लिए , जोकि समान्यत 5 वर्ष की रहती है , A++ , A+ , B++, B+, B इत्यादि ग्रेड , औसत संचयी ग्रेड प्रणाली द्वारा दिए जाते है ! संस्थान अगर प्राप्त ग्रेड से संतुष्ट नही है या उसे लगता है कि उसे इससे ज्यादा ग्रेड मिलने की सम्भवना है तो वह नैक संस्था के निदेशक को मूल्यांकन प्रमाण पत्र मिलने के , 30 दिन के अंदर अपील भी कर सकता है !
संशोधित प्रत्यायन ढांचा (RAF) जैसा बदलाव आने वाले समय मे , भारतवर्ष के विश्वविधालय को , विश्व स्तर पर , प्रथम 100 विश्वविधालयो की सूची मे शामिल कराने मे , महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा और आशा है , ऐसे मे राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद(NAAC) का कार्य , मापदंड , कुशल प्रबंध एवं संस्थागत मूल्य , एक बहुत अहम भूमिका निभायगे !
* शिक्षाविद एव वरिष्ठ सलाहकार , चो.बंसीलाल विश्वविधालय, भिवानी, हरियाणा