डा. निशान्त गुप्ता : आपकी सारी जाँचें ठीक हैं फिर भी आप निःसंतान हैं या जाँचें ठीक नही आ रही व बहुत औषधियाँ उपयोग करने पर भी आप निःसंतान हैं या किसी यौन रोग से पीड़ित हैं तो यह लेख पढ़कर सही निर्णय लें और अपना परिवार खुशहाल बनायें
मित्र नमस्कार आधुनिक जाँचों के आधार पर यह तो सुनिश्चित किया जा सकता है कि शुक्र सम्बन्धी आपके घटक परिपक्व हैं या नहीँ व उसी आधार पर आपकी चिकित्सा की जाती है लेकिन उस स्थिति का क्या जब अच्छी से अच्छी औषधि प्रयोग करने के बाद भी आपको लाभ नहीँ मिलता या पति-पत्नी दोनों की ही जाँच सही पाए जाने पर भी संतान प्राप्ति नहीँ होती❓
लेकिन आयुर्वेद विज्ञान सम्बन्धित कुछ ऐसे पहलू हैं जिनको आधुनिक चिकित्सा या मूत्र,शुक्र संस्थान से सम्बंधित उच्च ज्ञान न रखने वाला आयुर्वेदिक चिकित्सक तक भी कभी नही पकड़ पाता क्योंकि ऐसी स्थितियों में केवल शुक्र सम्बन्धी औषधियाँ नाकारगर होती हैं जानिये कैसे ⁉
हमारा शरीर आयुर्वेदानुसार सप्त धातु(सात धातु)से बना है – रस,रक्त,मांस,मेध,अस्थि, मज़्जा,शुक्र(पुरुषों में) रज(स्त्रियों में) यें 6 धातु पुष्ट होने पर व हर प्रकार से रोग मुक्त होने पर ही शरीर की साँतवी धातु शुक्र शरीर को यौन शक्ति (जोश आदि)देती है जिससे बलशाली संतानोत्पत्ती होने के बाद भी शरीर वृद्धावस्था में भी संयमित यौन क्रिया करते हुए पुष्ट रह सकता है
—— लेकिन——
यदि शुक्र धातु का किसी सुशुप्त(सोये)हुए रोग के कारण ऊपर की धातुओं की ओर से धीरे-धीरे क्षय(नुकसान)होता रहता है तो अनुलोम क्षय कहलाता है व सीधे शुक्र धातु की ओर से ऊपर की सभी धातुओं का क्षय होने पर यह प्रतिलोम क्षय कहलाता है व इस प्रकार अनुलोम क्षय या प्रतिलोम क्षय होने की स्थिति में कोई भी यौन रोग जैसे जोश की कमी,शीघ्रपतन, मूत्र में शुक्र आना, शुक्राणुओं की कम गति या कमी के कारण संतानोत्पत्ती न होना आदि यौन रोग हो सकते हैं
ऐसी स्थितियों में अष्ट-विधि विज्ञान द्वारा अनुलोम क्षय या प्रतिलोम क्षय निर्धारित किया जाता है व उपयुक्त औषधियों का चयन करके सभी धातुओं के दोष को क्रमशः दूर करके लाभ दिया जाता है व इस प्रकार आपका परिवार बनता है खुशहाल और सामाजिक दृष्टि से भी परिपक्व‼
यदि आप भी हैं निःसंतान या ऐसे किसी यौन रोग से पीड़ित तो अपने रोग के बारे में हमसे वार्तालाप करने पर आप महसूस करेंगे कि वाकई में हम वैज्ञानिक रीति से आपकी चिकित्सा करने में सक्षम हैं और अन्यों से कैसे बेहतर हैं,ये नहीँ कि संजय को भी वही दवा और धनंजय को भी वही
आपकी व्याधि की सटीक जानकारी लेकर इस ‘किलकारी योग’ व कुछ सहायक औषधियों द्वारा आपकी चिकित्सा में प्रयुक्त होने वाली यें औषधियाँ हृदयव,बल्य,विश-निस्सारक सिद्ध होकर अपने सर-गुण,मंद-गुण,सूक्ष्म-गुण द्वारा जीवनदायनी बनकर पूरे शरीर के स्त्रोतों की रुकावट दूर कर,शरीर को हष्ट-पुश्ट बनाकर यौन रोग या अज्ञात कारणों से मुक्त कर देंगी❗
नीचे दिए गए whats app नं. पर संपर्क कर अपनी व्याधि बताकर अपनी प्रकृति अनुसार इलाज बनवायें व खुशहाल जीवन पायें
जीवन में चेतना लौटेगी ऐसा वादा है ईश्वर आपको स्वस्थ रखे
आपका ही – डा. निशान्त गुप्ता आयुष, बी.फ़ार्म,एम.आयु,एन.डी, पी.एच.डी(आयु),एम.डी – (पंचगव्य)