अभिजीत श्रीवास्तव : मोदी सरकार ऐसे ही एक के बाद एक चुनाव नहीं जीत रही है, 2014 के बाद मोदी सरकार ने प्राथमिकता से उत्तर पूर्व के राज्यो के विकास पर ध्यान दिया है, देखिए कैसे मोदी सरकार पिछले साढ़े चार वर्षो में नॉर्थ इस्ट के राज्यो के विकास के लिए क्या क्या किया है..
एनईसी उत्तर पूर्वी राज्यों में 715 विकास परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है.
नॉर्थ ईस्ट राज्यों में सभी प्रकार की कनेक्टिविटी को बढ़ाया गया है/जा रहा है.
नगा शांति समझौता.
M-DoNER द्वारा पहली बार नॉर्थ ईस्ट वेंचर फंड बनाया गया.
पूर्वोत्तर राज्यों में हवाई अड्डे के विकास के लिए 3400 करोड़ का आवंटन किया गया.
सिक्किम में पहला हवाई अड्डा “पाक्योंग” बनाया गया और शुरू हुआ.
अगरतला हवाई अड्डे पर 500 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय के साथ एक नई टर्मिनल इमारत का निर्माण किया जा रहा है.
52030 करोड़ रुपये की 20 प्रमुख रेलवे परियोजनाएं. जिसमे 13 नई लाइन प्रोजेक्ट, 2 गेज कन्वर्जन प्रोजेक्ट, और 2624 किलोमीटर के साथ 5 दोहरीकरण प्रोजेक्ट है, जिसपर काम चल रहा है.
पहली बार आसियान में भूमिका निभाई.
3 साल में मिजोरम को रेल कनेक्टिविटी से जोड़ा.
नॉर्थ ईस्ट में 100% केंद्रीय फंडिंग के साथ 19 नए जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग के तौर पर विकसित किया जा रहा है.
असम में ब्रम्हपुत्र नदी के किनारे 1300 किलोमीटर लंबा नॉर्थ ईस्ट का पहला एक्सप्रेसवे बन रहा है.
उत्तर पूर्वी क्षेत्र में 37691.05 करोड़ रुपये की 197 सड़क विकास परियोजनाएं चल रही है, सड़क विकास परियोजनाओं की कुल लंबाई 4320.95 किमी है.
असम में गैस सप्लाई के लिए 1500 किलोमीटर की गैस पाइपलाइन बिछाई जा रही है.
पूर्वोत्तर राज्यों के सभी गांवों में बिजली पहुंचाई.
उत्तर-पूर्वी राज्यों में 29 नई रेल गाड़ियों का संचालन शुरू किया गया.
जिरीबाम, तुपुल, इंफाल को रेल कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है.
मौजूदा 2 के अलावा, ब्रह्मपुत्र नदी पर 3 नए रेल-रोड ब्रिज का निर्माण हो रहा है.
मौजूदा 2 के अलावा, ब्रम्हपुत्र नदी पर 5 नए रोड ब्रिज का निर्माण हो रहा है.
5576 मेगावाट के 16 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का निर्माण चल रहा है.
नॉर्थ ईस्ट राज्यो में 4 नए प्रमुख रेल लिंक का निर्माण चल रहा है.
नॉर्थ ईस्ट राज्यों में 3 प्रमुख रेल सुरंगे बनाई जा रही है.
“भारतनेट” परियोजना के तहत नॉर्थ इस्ट में सभी ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी पहुंचाई जा चुकी है.
अरुणाचल प्रदेश के 4119 गांवों और असम के दो जिलों में मोबाइल कवरेज प्रदान करने के लिए 2817 मोबाइल टावर लगाए गए.
नॉर्थ ईस्ट राज्यो में दशकों से लंबित बॉर्डर रोड निर्माण का काम शुरू हुआ.
कार्गो और यात्री परिवहन को बढ़ावा देने के लिए असम में नए Ro-Ro टर्मिनल बनाए गए.
मिजोरम और नागालैंड में म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा पर 2 नए बॉर्डर क्रॉसिंग पॉइंट खोले गए.
2018 के बजट में ‘राष्ट्रीय बांस मिशन’ के लिए 1290 करोड़ व्यय का प्रावधान किया गया जो उत्तर पूर्वी राज्यो को प्रोत्साहन देगा.
देश की सुरक्षा के लिए अरुणाचल प्रदेश में ब्रम्होस रेजिमेंट तैनात किया.
एनआरसी अपडेट किया जा रहा है और अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या को निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
एनईसी द्वारा वित्त पोषित परियोजनाएं – राजस्व और पूंजी दोनों – 100% केंद्र द्वारा वित्त पोषित है.
उत्तर पूर्वी सड़क क्षेत्र विकास योजना का विस्तार (NERSDS) 100% केंद्रीय वित्त पोषित है.
इतना सब कुछ 2014 के बाद हुआ है, मोदी सरकार ने दशकों से उपेक्षित पूर्वोत्तर राज्यों को यह एहसास करवाया की ये सरकार साफ नियत से सबका साथ सबका विकास करने आई है, वहां के निवासियों को यह एहसास करवाया की वो सब भी भारत के नागरिक है.
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(special thanks to Avinash Bhai)