गाँधी जी का अध्यन करने के बाद लोगो में गांधी से नफरत क्यों है, हरामी #गांधी जी कितने महान थे ज़रा ध्यान से पढ़ें.
Mahanta no.1 …शहीदे आजम सरदार भगतसिंह जी कोफांसी दिए जाने पर अहिंसाके महान पुजारी गांधी ने कहा था….‘‘हमें ब्रिटेन के विनाश केबदले अपनी आजादी नहींचाहिए।’’ और आगे कहा…
‘‘भगतसिंह जी की पूजा से देशको बहुत हानि हुई और होरही है । वहीं (फांसी) इसकापरिणाम गुंडागर्दी का पतन है
फांसी शीघ्र दे दी जाएताकि 30 मार्च से करांची मेंहोने वाले कांग्रेस अधिवेशन मेंकोई बाधा न आवे ।”
अर्थात् गांधी की परिभाषामें किसी को फांसी देना हिंसानहीं थी ।
Mahanta no.2 ….इसी प्रकार एक ओर महान्क्रान्तिकारी जतिनदास को जब आगरा में अंग्रेजों नेशहीद किया तो गांधी आगरा में ही थे और जब गांधी को उनके पार्थिक शरीर पर माला चढ़ाने को कहा गया तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया
अर्थात् उस नौजवान द्वारा खुद को देश के लिए कुर्बान करने पर भी गांधी के दिल में किसी प्रकार की दया औरसहानुभूति नहीं उपजी, ऐसे थे हमारे अहिंसावादी गांधी ।
Mahanta no.3 …जब सन् 1937 में कांग्रेसअध्यक्ष के लिए नेताजी सुभाष और गांधी द्वारा मनोनीत सीता रमैया के मध्य मुकाबला हुआ तो गांधी नेकहा…
यदि रमैया चुनाव हार गयातो वे राजनीति छोड़ देंगेलेकिन उन्होंने अपने मरनेतक राजनीति नहीं छोड़ी जबकि रमैया चुनाव हार गएथे।
Mahanta no.4 ….इसी प्रकार गांधी ने कहा था,“पाकिस्तान उनकी लाश परबनेगा” लेकिन पाकिस्तानउनके समर्थन से ही बना ।ऐसे थे हमारे सत्यवादी गांधी ।
Mahanta no.5 …इससे भी बढ़कर गांधी औरकांग्रेस ने दूसरे विश्वयुद्ध मेंअंग्रेजों का समर्थन किया तोफिर क्या लड़ाई में हिंसा थीया लड्डू बंट रहे थे ?पाठक स्वयं बतलाएं ?
Mahanta no.6 …गांधी ने अपने जीवन में तीनआन्दोलन (सत्याग्रह) चलाएऔर तीनों को ही बीच मेंवापिस ले लिया गया फिर भीलोग कहते हैं कि आजादीगांधी ने दिलवाई ।
Mahanta no.7 ….इससे भी बढ़कर जब देश केमहान सपूत उधमसिंह नेइंग्लैण्ड में माईकल डायर कोमारा तो गांधी ने उन्हें पागलकहा इसलिए नीरद चौधरी नेगांधी को दुनियां का सबसेबड़ा सफल पाखण्डी लिखा है
Mahanta no.8 ….इस आजादी के बारे में इतिहासकार CR मजूमदार लिखते हैं “भारत की आजादी का सेहरा गांधी के सिर बांधना सच्चाई से मजाक होगा ।