पं.जयशंकर जोशी : श्रावण माह शिव का महीना माना जाता है माँ पार्वती ने युवावस्था से निराहार रहकर कठोर तपस्या व्रत किया महादेव को प्रसन्न करके,हर जन्म मैं शिव को पाने के साथ विवाह भी किया
शास्त्रों मैं सक्रांति से महीना शुरू होता है बहुत से लोग पूर्णिमा से पूर्णिमा को मानते हैं धार्मिक कार्यों मैं सकंल्प लेकर कार्य शुरू होता है।
श्रावण मैं रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है करना भी चाहिए भगवान शिव को प्रसन्न करने लिये दूध जल लस्सी ,सरसों का तेल, गन्ने का रस,शहद पंचामृत से रुद्राभिषेक अवश्य करना चाहिए तुलसीदल,कमल के सफेद फूलो से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं
देवभूमि कुमाऊँ ट्रस्ट रजि के संस्थापक पं,जयशंकर जोशी जी ने बताया शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है
गंगाजल भगवान शिव को बहुत प्रिय है उन्हेंने अपना जटाओं मैं धारण किया है
दूध गाय के दूध से यश, लक्ष्मी की प्राप्ति होती है घर मैं कलह क्लेस दूर होते हैं
दही से परिवार मैं मधुरता शान्ति संवृद्धि बढ़ती है
धी से दीर्धायु वंश की वृद्धि होती है
गन्ने का रस से घर मैं लक्ष्मी सैदव वास करती है किसी भी वस्तु की कमी नही रहती है
सरसों का तेल से शत्रुओं का नाश,हर क्षेत्र मैं विजय की प्राप्ति होती है शहद से रोगों का नाश,लगे रोग भी दूर हो जाता है
पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करने से कष्ट का निवारण होता है
मक्खन से उत्तम सन्तान की प्राप्ति होती है
धतूरा सवा लाख धतूरे का फूल निरन्तर चढ़ाने से शुभफलो की प्राप्ति लाल डंठल धतूरे चढ़ाना उत्तम होता है सन्तान का सुख मिलता है
सुगन्धित वस्तुओं फल पुष्प चढ़ाने से भोग ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है
चमेली के तेल व फूल से वाहन का सुख ,दौलतमंद बनने के लिए कमल का फूल व शंखपुष्पी चढ़ाना चाहिए
बेलपत्र चढ़ाने से घर मे सुख संवर्द्धि,आती है समस्या बाधाए भी दूर होती है 108 बार ॐ नमः शिवाय कहकर बेलपत्र शिवलिंग मैं अर्पित करे।
शिवामुट्ठी जौ, चढ़ाने से वंश वर्द्वि चावल चढ़ाने से घर मैं शान्ति धन की प्राप्ति होती है सफेद तिल चढ़ाने से पापो का नाश होता है खड़े मूंगे ,जौ सतुआ चढ़ाने का भी महत्व है।
विवाह कार्य मैं बिलंब, सन्तान होने मैं समस्या औऱ दवाइयों भी काम नही कर रही है जिनके कुंडली मैं कालसर्पयोग है वो भी शांति महारुद्राभिषेक अवश्य करे।