गौपुत्र कृष्णानन्द जी द्वारा अबतक गौमाता के संरक्षण संवर्धन को लेकर अब तक 6000किमी की यात्रा कर चुके है उन यात्राओं की सफलता के बाद एक बार पुनः 10 जून 2018 भंडारा के सर्किट हाउस से एक कदम गौरक्षा की खातिर यात्रा का शुभारंभ किया जो लगभग 3000 किमी की दूरी 4 माह में नागपुर ,हैदराबाद चेन्नई रामेश्वरम के रास्ते कन्याकुमारी तक जाएगी
सफल बनाने के लिए
समाज में गौमाता की दयनीय हालत इस कदर हो गई है कि लोग देशी गायो को जरशी गायो में दूध के लालच में तब्दील करने लगे हैं जिस गौमाता की रक्षा के लिए प्रभु श्री राम ने पुनः कृष्ण रूप में जन्म लेकर गाये चराई माखन चुराए ,ऋषि मुनियों ने गौमाता के लिए जान गवाई, पहली रोटी गौमाता का भोग लगाया जाता था आज उस गौमाता को लोग असहाय कर रहे हैं गोमाता के दूध के बजाय जहर पी रहे हैं जैविक खाद के बजाय उर्वरक खादों का प्रयोग कर खेतो से जहर पैदा कर रहे हैं
यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में गौमाता तो फोटो में लटकी हुई मिलेगी ही साथ में हमारे शरीर का हाल भी दयनीय हालत में होगा चारो तरफ भुखमरी बीमारियां भी होगी
इन सब से कोई बचा सकता है तो वह सिर्फ हमारी गौमाता ही है
अतः आप सब से निवेदन करता हूँ कि गौरक्षा के लिए एक कदम उठाए और उनकी रक्षा कर अपना जीवन धन्य करे
आपसब से निवेदन है कि ज्यादा से ज्यादा इस यात्रा में शामिल होकर गौमाता को पुनः उनका हक दिलाये साथ ही तन मन धन से सहयोग प्रदान करे