प्रवीन त्यागी : हम हिन्दु धन दौलत एश्वर्य के पीछे अन्धे होकर दौड रहे हैं लेकिन जो हमने हजारों वर्षों से कमाया है क्या वह पूर्णतया सुरक्षित है उत्तर है नही तो आज से सौ वर्ष पहले जो ईसाईयो के बहुत सम्पन्न देश थे जिनमे मुस्लिम केवल नाममात्र के थे आज ऐसे पचास देश इस्लामिक हो चुके हैं जो हमारा देश है इसमें से कितनी ही बार हमने उनको अपने देश मे से हिस्सा दे देकर जान बचाते आ रहे हैं लेकिन कब तक अपनी जान बचाओगे जिस दिन उन्हें देने के लिए हमारे पास कोई हिस्सा नही रहेगा फिर क्या दोगे?
ये मैं कोई मनगढंत कहानी नही सुना रहा हूँ पिछले बीते हुए समय को देखकर ओर आने वाले समय की सच्चाई बता रहा हूँ जहाँ इस्लामिक जिहाद होता है वहाँ धन दौलत पढाई लिखाई ऊंच नीच कोई काम नही आता केवल इस्लाम का ग्रास बनना पडता है इसलिए आज समय है जब आप अपने धर्म को मजबूत करके लडना सीखों बिना लडे बिन कर्म किये कोई अवतार बचाने नही आयेगा। आप सभी अवतार हो बस मजबूती से खडे होने की देर है।
हमारा धर्म दया करूणा माफी आध्यात्मिक से भरपूर माना जाता है लेकिन हमारे धर्म मे सैक्युलर, कायरता, बुशदिली, आध्यात्म के नाम पर नपुंसकता, कृष्ण के नाम पर नाच गाना, माता के जागरण के नाम पर अश्लील नाच गाने, इन सभी के लिए कोई जगह नही है। ये हमारे धर्म के बिल्कुल अलग हैं।
हमारा धर्म जहां पाप करने से रोकता है वहीं पापी का सर्वनाश करना भी सीखाता है हमारा धर्म पूजा पाठ आध्यात्म सीखाता है साथ ही साथ कर्म करने की प्रेरणा भी देता है।
हमारा धर्म सच्चाई के लिए अपनो से भी लडना सीखाता है तो वहीं वसूधैव कुटुम्बकम की शिक्षा भी देता है।
हमारा धर्म कहीं भी कभी भी ये नही सीखाता कि कोई आपके साथ अन्याय करे आपके घर परिवार पर गलत निगाह रखे आपके खून का प्यासा हो ओर आप पूजा, पाठ, आध्यात्म, का चोला ओढे मन्दिर मे घण्टे हिलाते रहो। अपने धर्म को पहचानने की आवश्यकता है। आज आपके पास समय है कर्म करो समय कभी नही रूकता समय दौड रहा है। हम अपने बच्चों को धन दौलत सुख सुविधाएं देना चाहते हैं अच्छी बात है लेकिन कहीं ऐसा न हो आपके बनाये गाडी बंगलो ओर सोने के महलो मे विधर्मियों का राज हो।
धर्मों रक्षति रक्षितः