हिन्दू जागरण मंच सभी भारतीय लोगो से एक आग्रह करता हे की अपनी प्राचीन संस्कृति की मह्तावता को जानिए की हमारी संस्कृति में जो भी विद्यमान ता आज विज्ञानं उसके महत्त्व को समझ रहा हे पर दुःख की बात हे की हमारे नौजवान अपने पुरातन ज्ञान से अनभिग्य हैं , आज में हिन्दू जागरण मंच के सदस्य होने के नाते सभी भारतियों को ओके (OK) का त्याग करने को कह रहा हूँ आप इसकी जगह ॐ (OM) का उच्चारण करैं इसके आपको कई शारीरिक लाभ मिलते हैं ।
ॐ : ओउम् तीन अक्षरों से बना है।
अ उ म् ।
“अ” का अर्थ है उत्पन्न होना,
“उ” का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,
“म” का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् “ब्रह्मलीन” हो जाना।
ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।
ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।
जानीए
ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग…
● *उच्चारण की विधि*
प्रातः उठकर पवित्र होकर ओंकार ध्वनि का उच्चारण करें। ॐ का उच्चारण पद्मासन, अर्धपद्मासन, सुखासन, वज्रासन में बैठकर कर सकते हैं। इसका उच्चारण 5, 7, 10, 21 बार अपने समयानुसार कर सकते हैं। ॐ जोर से बोल सकते हैं, धीरे-धीरे बोल सकते हैं। ॐ जप माला से भी कर सकते हैं।
01) *ॐ और थायराॅयडः*
ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
*02) *ॐ और घबराहटः-*
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
*03) *..ॐ और तनावः-*
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
*04) *ॐ और खून का प्रवाहः-*
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।
*5) ॐ और पाचनः-*
ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।
*06) ॐ लाए स्फूर्तिः-*
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
*07) ॐ और थकान:-*
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
*08) .ॐ और नींदः-*
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।
*09) .ॐ और फेफड़े:-*
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
*10) ॐ और रीढ़ की हड्डी:-*
ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
*11) ॐ दूर करे तनावः-*
ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।
आशा है आप अब ओके (OK) का त्याग करैंगे और ॐ का उच्चारण ही करेंगे ।
ॐ आपका प्रयास एक सार्थक कदम है उन हिन्दूओ को जगाने के लिये जो पश्चिम की सभ्यता को अपनाने हेतु आतुर है। ॐ