नीरज जोशी : बाबा रामदेव जी का काफ़ी लोग अनभिज्ञता में मज़ाक़ उड़ाते है, उनपर कटाक्ष भरे भाव में विरोध भी करते है, लेकिन क्या किसी ने आजतक यह सोचा है की भगवाधारी संत जिसने Out of the Box सोचकर एक Paradigm Shift किया और एक कल्पना को Innovation में परिवर्तित कर अपने Objective और Target दोनो को प्राप्त किया।
ये जितने भी अंग्रेज़ी के शब्दों का मैंने यहा पर उल्लेख किया है, ये वो सारे शब्द है जो मैनेजमेंट की पढ़ाई में सिखाए जाते है और जो सीखते है वे केवल और केवल पावरपोईंट में ही दिखते है। क्या हमने कभी सोचा है की इतना ज्ञान लेकर और फ़र्राटेदार अंग्रेज़ी बोलकर हम एक चने का पैकेट भी अपने नाम से बेचने की क्षमता रखते है?
बाबा रामदेव जी ने केवल गुरुकुल के ज्ञान के आधार पर इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा किया की आज तमाम बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ सदमे में है। और पतंजलि के उत्पाद भी गुणवत्ता से भरपूर है। तो अगली बार जब बाबा रामदेव का उपहास करो तो पहले अपने गीरेबान में ज़रूर झाँकिये की हमारी स्वयं की जीवन की उपलब्धि क्या है।