वध दोष
वध दोष अर्थात एक नक्षत्र दूसरे नक्षत्र के प्रभाव को या कम कर देता है या बढ़ा देता है ||
उदाहरणार्थ
विवाह लग्न के समय पर जिस नक्षत्र में कोई ग्रह होगा उस नक्षत्र का पञ्चसलाखा सामने वाले नक्षत्र में वध करेगा ||
विवाह लग्न का अगर कृतिका नक्षत्र है और पंचसलाखा चक्र में उसके सामने विशाखा नक्षत्र आता है तो ऐसी स्थिति में विशाखा नक्षत्र कृतिका नक्षत्र का वध करेगा ||
तब ऐसी स्थिति में इस नक्षत्र में विवाह नही करना चाहिए ||
इसके अलावा कुछ स्थितियों में वध दोष का बुरा प्रभाव कम हो जाता है ||
जैसे विवाह
● लग्न में शुभ ग्रह हो
● लग्न का स्वामी लाभ स्थान में बैठा हो
● विवाह शुभ ग्रह की होरा में हो रहा हो
● चन्द्रमा बलवान हो
तो वध दोष का बुरा प्रभाव कम हो जाता है ||