भद्रा परिहार एवं राशि के अनुसार भद्रा निवास
भद्रा परिहार : दिन की भद्रा रात्रि को एवं रात्रि की भद्रा दिन में भी व्याप्त हो जाए तो भद्रा दोष रहित हो जाती है ||
इसी भाँति स्वर्ग में व पाताल में वास करने वाली भद्रा शुभ फला एवं धन धान्य प्रदायिनी होती है ||
तथा भूलोक में वास करने वाली भद्रा का फल अरिष्टकारी माना जाता है ||
राशि के अनुसार भद्रा निवास
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मेष वृष मिथुन व वृश्चिक का
चन्द्रमा होने पर भद्रा स्वर्ग लोक में
कन्या तुला धनु मकर का
चन्द्रमा होने से भद्रा पाताल में
कर्क सिंह कुम्भ मीन का
चन्द्रमा होने पर भद्रा मृत्यु लोक में अर्थात सम्मुख में रहती है ||
भू-लोक वासी भद्रा अशुभ प्रदा एवं कार्यारम्भ में त्याज्य मानी जाती है ||
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लोक स्वर्ग पाताल भू-लोक
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चन्द्र 1,2, 6,7, 4,5,
राशि 3,8 9,10 11,12
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भद्रा उध्र्व अधो सम्मुख
निवास मुखी मुखी
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तिथि भद्रा वास
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किसी विशेष शुभ कार्य हेतु
यात्रा में भद्रा का होना अशुभ है ||
परन्तु आवश्यक स्थिति होने पर
जिस दिशा में भद्रा का वास हो तो
उसी दिशा में यात्रा विशेषतया त्याज्य होती है ||
अत्यावश्यक हो
तो उस दिन वार से सम्बद्घ वस्तु का सेवन करके एवं उस दिन वार के देवता की पूजा व ध्यान कर के सम्बद्घ वस्तु को मुंह लगा लें ||