भद्रा निवास : भद्रा का निवास चन्द्रमा जिस राशि में हो उसके आधार पर होता है ||
मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार
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चन्द्रमा-भद्रावास
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कुम्भ मीन कर्क या सिंह राशि में हो
तो भूमि पर वास
मेष वृषभ मिथुन या वृश्चिक राशि में हो
तो स्वर्गलोक में वास
कन्या धनु तुला या मकर राशि में हो
तो पाताल में वास
इसप्रकार
भद्रा का वास देखा जाता है ||
जिस लोक में भद्रा का वास होता है
प्रभाव भी उसी लोक में होता है ||
कुम्भ मीन कर्क तथा सिंह राशि में भद्रा स्थित हो तो पृथ्वी वासियो को त्याग करना चाहिए ||
भद्रा विहित कार्य
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भद्रा में
युद्घ वाद-विवाद राजा मंत्री से मिलना डाक्टर को बुलाना जल में तैरना रोग निवारण दवा लेना पशुओ का संग्रह करना अपनी या अन्य स्त्री की इच्छा पूर्ति करना तथा विवाह आदि कार्य किया जा सकता है ||
कालिदासजी के अनुसार
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महादेवजी का जप अनुष्ठान में
मीन राशि के चन्द्रमा में
देव पूजन करने में
एवं दुर्गामाँ जी का हवन करने तथा
सभी प्रकार के कार्यो में एवं
मेष राशि के चन्द्रमा होने पर
भद्रा अशुभ फलदायिनी नही होती ||