मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़ : वर्तमान समय में भले ही सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था कितनी ही अच्छी क्यों न हो गई हो, निजी वाहन रखना एक आवश्यकता है। एक से अधिक वाहन रखना भी एक मजबूरी हो सकती हेै और स्टेटस सिंबल भी। बैंकों ने वाहन खरीदना बहुत सरल बना दिया है। जो साइकल पर था वो आज स्कूटर पर है, स्कूटर वाला कार पर है।एक सर्वे के अनुसार चंडीगढ़ जैसे नगर में ,प्रति व्यक्ति वाहन संख्या भारत में सब से अधिक है।
वाहनों की संख्या के साथ साथ , दुर्घटनाएं भी बढ़ी हैं। जब भी कोई नया या पुराना वाहन खरीदता है, ज्योतिष में विश्वास हो न हो , फिर भी एक बार ज्योतिषी को पूछ अवश्य लेता है कयोंकि दुर्घटना का डर अवश्य दिमाग में रहता है।
किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन में वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है। वाहन खरीदने से पहले व्यक्ति के मन में अनेक प्रकार के
प्रश्न उत्पन्न होते है जैसे —
क्या वाहन खरीदना मेरे लिए शुभ होगा ?
वाहन खरीदने का शुभ समय है या नहीं ?
किस रंग का वाहन हमारे लिए शुभ होगा।
वाहन का नंबर क्या होना चाहिए। इत्यादि इत्यादि
उपर्युक्त प्रश्नों का उत्तर ज्योतिष के माध्यम से दिया जा सकता है ।
ज्योतिष और वाहन |
इसके लिए जन्मकुंडली में चतुर्थ, नवम तथा एकादश भाव से विचार किया जाता है। जन्मकुंडली में चतुर्थ भाव से वाहन का विचार किया जाता है।नवम भाव भाग्य स्थान और यात्रा का है। एकादश भाव आय,
लाभ तथा ईच्छापूर्ति का है। यदि चौथे भाव का सम्बन्ध लाभ तथा यात्रा भाव से बनता है तो यह समझा जाता है कि व्यक्ति को वाहन से
यात्रा करने पर लाभ की प्राप्ति होगी। यदि सम्बन्धित भाव और भावेश पर
किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि नहीं है तो जातक को वाहन से लाभ मिलेगा । शुक्र ग्रह भवन , वाहन, सुख ऐश्वर्य का परिचायक है और राहु, केतु, मंगल आदि दुर्घटना के ग्रह हैं। यदि चतुर्थ ीााव में शुक्र की हालत , उस पर दृष्टि, दशा आदि अनुकूल है तो उत्तम श्रेणी का वाहन या एक से अधिक गाड़ियां जीवन में आती हेैंे।
वाहन किस रंग का
तथा किस नम्बर का खरीदना शुभ रहेगा।
वैदिक ज्योतिष के आधार पर यह निर्णय किया जा सकता है कि किस व्यक्ति को किस रंग का वाहन खरीदना चाहिए जो शुभ हो। व्यक्ति
विशेष के लिए रंग शुभ या अशुभ हो सकताहै इस बात से सभी भलीभांति वाकिफ हैं।
कई बार ऐसा देखने के लिए मिलता है कि व्यक्ति नई गाड़ी खरीदता है और हमेशा खराब ही रहता है।बार बार उसे ठीक करवाने तथा उसके ऊपर पैसे खर्च करते रहने के बाद भी वाहन साथ नहीं देता।
कभी एक्सीडेंट हो जाना तो बार-बार पंचर हो जाना आदि समस्या लगी ही रहती है।
यदि आपको यह लगता है की यह गाडी मेरे लिए शुभ नहीं है जब से यह वाहन घर में आया है कोई न कोई परेशानी लगी ही रह रही है तो
घबराने की जरूररत नहीं है किसी ज्योतिषी के परामर्श से अपनी राशि के अनुसार शुभ मुहूर्त, रंग तथा नंबर का चुनाव करके गाडी /वाहन/व्हीकल खरीद ले इसका परिणाम आपको अवश्य हीशुभ मिलेगा ।
यदि आप कोई भी वाहन खरीदने का मन बना रहे हैं तो शुभ-मुहूर्त, ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति के अलावा राशि के अनुसार भी वाहनों के रंगों का विशेष ज्योतिषीय महत्व होता है।आइए जानें अपनी राशि के
अनुसार किस रंग का वाहन खरीदें :-
मुहूर्त
हर शुभ कार्य को करने से पहले ज्योतिष में शुभ मुहूर्त देखने की परंपरा होती है। शादी, गृहप्रवेश, पूजा या खास आयोजन के अलावा लोग वाहन लेते समय भी शुभ मुहुर्त
का ध्यान रखा जाता है। वाहन खरीदते समय कौन सा शुभ मुहूर्त श्रेष्ठ होता है आइए जानते हैं।
- कृष्ण पक्ष की पड़वा और शुक्ल पक्ष की चौथ, नवमी ,द्वादशी और चतुर्दशी की तिथि वाहन खरीदने के लिए शुभ मानी जाती है।
-अश्विवनी, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, चित्रा, स्वाति, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा और रेवती नक्षत्र में वाहन खरीदना उत्तम होता है।
-सोमवार, बुधवार,गुरूवार और शुक्रवार का दिन वाहन खरीदने के लिए शुभ होता है।
- वृष, मिथुन, कर्क, तुला,धनु, और मीन लग्न ही प्रशस्त हैं और शुभ होरा का भी ध्यान देना चाहिए।
- कई अबूझ मुहूर्त हैं जिन पर आप वाहन ले सकते हैं। अक्षय तृतीया, नव संवत, धन तेरस, दशहरा, दीवाली,भाई दूज, नवरात्रि।
कई ऐसे दिन भी हैं जिन पर वाहन नहीं लेने चाहिए जैसे श्राद्ध पक्ष, ग्रहण काल,अमावस आदि। हर दिन का राहुकाल
भी देखना चाहिए।
कुछ लोग मंगलवार और शनिवार लोहे की चीज खासकर वाहन घर नहीं लाते। ज्योतिष के अनुसार जिनकी कुंडली में शनि
की स्थिति बढ़िया है, या लोहे का ही व्यापार करते हें , उन्हें गाड़ी शनिवार को ही लेनी चाहिए।
आजकल कार कंपनियां भी स्मार्ट हो गई हैं। अपशकुन टालने के लिए उन्होंने शोरुम में पंडित जी रखे हुए हैं जो कार
डिलीवरी से पहले उस पर धार्मिक चिन्ह बनाते हैं, नींबू मिर्चे लटकवाते हैं, नारियल तुड़वाते हैं, पुष्प वर्षा करते हैं और
मार्किटिंग के लोग, आपकी व परिवार की फोटो ,वाहन की चाबी देते समय पकड़ा देते हैं। इसके बाद आप अपनी आस्थानुसार
वाहन किसी मंदिर आदि में ले जा सकते हैं जहां पुजारी उस के अंदर स्ठीयरिंग पर शुभ चिन्ह बनाता है,माता की चुन्नी
टांगता है और दुर्घटना नाशक यंत्र, छुहारे, चांदी का चौरस टुकड़ा आदि ग्लोव में रखवाता है। कई बार डैश बोर्ड को सजाने
व सुराक्षार्थ, गणेश जी, हनुमान जी अथवा अपने धर्मानुसार या आस्थानुसार कोई छोटी सी मूर्ति लगा दी जाती है।
चंद्र राशि के आधार पर वाहन के रंग का निर्धारण
मेष राशि के जातकों को पीले लाल या उससे मिलते-जुलते रंग के वाहन शुभ होते हैं। वहीं काले और भूरे रंग का वाहन नहीं लेना चाहिए।
वृषभ राशि के जातकों के लिए सफेद और क्रीम कलर के वाहन शुभ माने जाते हैं। वहीं पीले और गुलाबी रंग के वाहनों को खरीदने से बचना चाहिए।
मिथुन राशि के जातकों के लिए हरा या क्रीम कलर का वाहन लाभदायक माना गया है।
कर्क राशि के जातकों के लिए काला, पीला और लाल रंग के वाहन शुभ माने गए हैं।
सिंह राशि के जातकों के लिए ग्रे और स्लेटी रंग के वाहन शुभ साबित होते हैं।
कन्या राशि के जातकों के लिए सफेद और नीले रंग के वाहन शुभ माने गए हैं। परंतु लाल रंग के वाहन कन्या राशि वाले जातकों को नहीं लेना चाहिए।
तुला राशि के जातकों के लिए काले अथवा भूरे रंग का वाहन शुभ माना गया है।
वृश्चिक राशि के जातकों को सफेद रंग के वाहन खरीदने चाहिए। वहीं काले रंग के वाहन को खरीदने से बचें।
धनु राशि के जातकों को सिल्वर और लाल रंग के वाहन विशेष फलदायी माने गए हैं। वहीं काले और नीले रंग के वाहन नहीं लेना चाहिए।
मकर राशि के जातकों को सफेद, ग्रे और स्लेटी रंग के वाहन लेना चाहिए। यह रंग इन राशि वालों के लिए अच्छे माने जाते हैं।
कुंभ राशि के जातकों को सफेद, ग्रे या नीले रंग के वाहन खरीदने चाहिए।
मीन राशि के जातकों को पीला, नारंगी या गोल्डन रंग का वाहन लाभकारी होता है।
आपकी गाड़ी का नंबर?
यदि आपके मूलांक या भाग्यांक का तालमेल, गाड़ी के इंजन, चैसिस ओैर रजिस्ट्रेशन नंबर से है तो आपकी गाड़ी बढ़िया
चलेग
कई बार ऐसा होता है की गाड़ी चलाते समय नियमों का पूरी तरह पालन करने के बाद भी कोई ना कोई दुर्घटना हो जाती है।
वाहन लेते समय उन अंकों का चयन करना चाहिए, जिनके मूलांक की उसके मूलांक से मित्रता हो। किस मूलांक और भाग्यांक के जातक के
लिए किस मूलांक और भाग्यांक तथा किस रंग का वाहन उपयुक्त होगा,
मूलांक होता है आपके जनम की तारीख, महीने और साल का जोड़। किसी व्यक्ति का मूलांक और भाग्यांक अलग-अलग हों तो ऐसी स्थिति में
जीवन की घटनाओं का विश्लेषण करते हुए यह देखना चाहिए कि कौन सा
मूलांक अधिक शुभ है
जिन लोगों का जन्म रात्रि में हुआ हो, उन्हें इस संबंध में दुविधा रहती है कि वे अपना मूलांक रात्रि से पूर्व वाली तारीख से मानें अथवा पश्चात्
वाली तारीख को। इस संबंध में सुस्थापित मत यही है कि रात्रि 12 बजे तक जन्मे
लोगों का मूलांक रात्रि से पूर्व की तारीख के अनुसार और रात्रि 12 बजे के बाद जन्मे लोगों का मूलांक रात्रि के बाद वाली तारीख के अनुसार होगा।
आप और गाड़ी का नंबर
यदि आपके मूलांक या भाग्यांक का तालमेल, गाड़ी के इंजन, चैसिस ओैर रजिस्ट्रेशन नंबर से है तो आपकी गाड़ी बढ़िया चलेगी।
मूलांक या भाग्यांक 1
जिन लोगों का जन्म 1,10,19 या 28 तारीख को हुआ हो, उनका मूलांक 1 होगा। 1 मूलांक या भाग्यांक वाले व्यक्ति को 1, 2, 4 और 7 मूलांक
वाले वाहन रखने चाहिए । 1 मूलांक या भाग्यांक वाले किसी व्यक्ति को 6 या 8 मूलांक
वाला वाहन नहीं रखना चाहिए। इन्हें पीले, सुनहरे अथवा क्रीम रंग का वाहन क्रय करना चाहिए, नीले, भूरे, बैंगनी या काले रंग का वाहन नहीं।
मूलांक या भाग्यांक 2
जिन लोगों का जन्म 2, 11, 20 या 29 तारीख को हुआ हो, उनका मूलांक 2 होगा। 2 मूलांक वाले किसी व्यक्ति को 1,2,4 और 7 मूलांक वाला
वाहन रखना चाहिए। इसके लिए मूलांक 9 वाला वाहन अशुभ होगा।
ऐसे लोग सफेद अथवा हल्के हरे रंग का वाहन क्रय करें लाल और गुलाबी रंग का नहीं।
मूलांक या भाग्यांक 3
जिनका जन्म 3,12,21 या 30