मुहूर्त क्या है ?
ब्रह्माण्ड में सूर्य के चारो ओर
ग्रह घूमते-2 जब शुभनक्षत्र शुभराशि या शुभयोगो पर भ्रमण करते है तो
उस समय को शुद्घ मुहूर्त कहते है ||
इस मुहूर्त का समय को 2घटी कहते है तथा मिनिट के हिसाब से 48 मिनिट माना जाता है ||
इस समय में अगर कोई भी काम किया जाता है तो वह काम निश्चित समय पर बिना बाधा के ही सम्पन्न होता है ||
एक वैज्ञानिक कारण
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ब्रह्माण्ड में यदि
चन्द्रमा अच्छी राशि पर भ्रमण करते हुए उस समय आपको बहुत अच्छी किरण दे रहा हो तो आपका मनोबल उच्च हो जाता है और उसी दिन से अच्छे कार्य की प्रेरणा हो जाती है और आप ऊंचाइयों को छूने लगते है ||
जिस समय आप किसी कार्य का मुहूर्त कर रहे है उस समय चन्द्रमा सूर्य गुरु अच्छी जगह पर करते है मनोबल उच्च का होता है ||
इसके विपरीत
जिस समय चंद्रबल सूर्यबल गुरुबल बहुत कमजोर हो पापी ग्रह शनि राहु केतु का बल अधिक हो तो उस समय कार्य करने मे बाधाये अवश्य आती है ||
मुहूर्त का भाग
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मुहूर्त मुख्यतः 5 भागों में बंटा है :-
● तिथि
● नक्षत्र
● योग
● करण
● वार
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मुहूर्त में तिथियों का महत्त्व