मध्यम आयु योग :
कुछ मध्यम आयु के योग भी है जिसके आधार पर 32 से लेकर 70वर्ष तक की आयु माना जा सकता है ||
इससे सम्बंधित कुछ योग इसप्रकार है
● लग्नेश निर्बल हो त्रिकोण में हो तथा बली शनि 6 व् 8वें स्थान में हो ||
● लग्नेश भाग्येश के साथ हो पंचमेश पर गुरु की दृष्टि हो तथा कर्मेश केंद्र में उच्च राशि में हो ||
● पाप ग्रह दशम स्थान में हो तथा दशमेश पंचमेश के साथ हो ||
● शनि चतुर्थ या एकादश स्थान में हो और अष्टमेश केंद्र में हो ||
● अष्टमेश केंद्र में मंगल लग्न में बृहस्पति 3,6 और 11वें स्थान में हो तो व्यक्ति की आयु 44वर्ष की होती है ||
● राशि पति पाप ग्रह के साथ अष्टम स्थान में हो लग्नेश पाप ग्रह के साथ 6ठे स्थान में हो तथा बलवान हो शुभ ग्रहो की उस पर दृष्टि नही हो तो जातक की 45वर्ष की आयु होगी ||
● लग्न में चन्द्रमा वर्गोत्तम नवांश में हो उसपर पाप ग्रहो की दृष्टि हो तथा शुभ ग्रह निर्बल हो तो व्यक्ति की आयु 48वर्ष की होती है ||
शिवयोगी श्रीप्रमोदजी
● लग्नेश अष्टम स्थान की राशि के नवांश में हो व् अष्टमेश लग्न की राशि के नवांश में पाप ग्रह के साथ हो तो व्यक्ति 50वर्ष का होगा ||
● लग्न में द्विस्वभाव की राशि हो द्वादश स्थान में चन्द्रमा व् शनि हो तो मनुष्य की आयु 52वर्ष की होगी ||
● अष्टमेश सप्तम स्थान में हो चन्द्रमा पाप ग्रहो के साथ 6 और 8वें स्थान में हो तो व्यक्ति की 58 वर्ष जीता है ||
● लग्नेश से पाप ग्रह 6,8 और 12वें स्थान में हो पर वे अष्टम भाव में न हो तो 60वर्ष की आयु होगी ||
● होरा या जन्मराशि की स्वामी ये दोनों अष्टम में हो तथा अष्टमेश केंद्र में हो तो मनुष्य की आयु 66वर्ष की होगी ||
शिवयोगी श्रीप्रमोदजी महाराज