हीरा मेहरा : एक तऱफ तो भारत में बुलेट ट्रेन लाने की सोच रहा है,, दूसरी और बच्चियां भूख के कारण मर रही है,,, भूख ही बच्चियों को मौत के घाट उतार रही है,,,, सरकार हर साल भूख के कारण कितने ही लोगों की मौत होती है,,, ये आंकड़ों के जरिए सब बतायागया है,,, हाल ही में दिल्ली में भूख के कारण एक ही परिवार की तीन बच्चियों की मौत हो गई,,, ये झकझोर करने वाली बात है,,, ये किसी को भी हिला कर रख देगी… भूख के कारण तीन बच्चियों की मौत होने के बाद सरकारी संस्थाएं भी सरकार से नाराज है,,, एक तरफ तो देश बुलेट ट्रेन लाने की सोच रहा है,, बचपन बचाओं आंदोलन चला रहा है,, स्कूलों में फ्री शिक्षा ड्रैस की व्यवस्था कराई जा रही है,, वहीं दूसरी और बच्चियों को घर पर ही खाना नहीं मिल रहा है,, बच्चों को यदि बचपन में ही खाना नहीं मिलेगा,, तो वों कहा से स्कूल जाएंगी,,, और कहां खाना खाएगी,,, रिक्शा चोरी होने पर बच्ची के पिता को मकान मालिक ने घर से निकाल दिया,, तो जिसके सिर पर छत नहीं,, घर के लिए सामान नहीं… बिल्कुल लाचार आदमी है,, तो कहां से खाना खिलाए,, तो ऐसे में बच्चियों को खाना उपलब्ध कराने के लिए कोई सामाजिक संस्था भी आगे नहीं आई,,, और अब सरकार के खिलाफ नाराजगी जता रही है,,, कितनी सामाजिक संस्थाएं ऐसी है .. जो गरीबो महिलाओं के लिए योजनाएं चला रही है,,, सरकार से इसके लिए फंड ले रही है,, लेकिन दूसरी और बच्चियों की कुपोषण से मौत हो रही है,,, तो ऐसे में सरकार का तो क्या कहना है,, इसके लिए संस्थाओं को भी कुछ सोचना चाहिए,,, जो लोग एनजीओं के नाम पर सरकार से पैसे ले रहे है,, उन्हें इसके लिए सोचना चाहिए
भूखे रहने के कुछ तथ्य
आबादी के छठे हिस्से को पर्याप्त पोषक पदार्थ नहीं मिल पाते… 19 करोड़ लोग भारत में रोज भूखे पेट रहने को मजबूर हैं. 30.7 फीसदी बच्चे (5 साल से कम उम्र के) भारत में अंडरवेट हैं… 58फीसदी बच्चों की ग्रोथ इंडिया में 2 साल से कम उम्र में रुक जाती है,,, जिल कारण आगे जाकर उन्हें बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ता है,,, 4 में से हर एक बच्चा भारत में कुपोषण का शिकार है.. क्योकि उन्हें समय पर खाना, प्रोटीन नहीं मिल पाता है,,,, 3,000 बच्चे इंडिया में कुपोषण से पैदा होने वाली बीमारियों के कारण रोज मरते हैं… महिलाएं अपने बच्चों को दूध नहीं मिला पाती… इसके पीछे भी एक कारण है,, वहीं दुनियाभर में 5 साल से कम उम्र में मरने वाले में 24 फीसदी बच्चे भारत के है,,, 30फीसदी नवजात शिशुओं की मौत भारत में होती है,,,
वहीं आपको बताते है की भारत में भूख, कुपोषण की वजह क्या है
भारत में 40 फीसदी फल-सब्जियां और 20 फीसदी अनाज खराब सप्लाई चेन के कारण बर्बाद हो जाता है…. और उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाता है,, बीपीएल परिवार खाने-पीने पर 70 फीसदी रुपये खर्च करते हैं… एपीएल परिवारों की ओर से खाने-पीने पर खर्च होने वाली रकम 50 सिर्फ 50 फीसदी है…. शहरी वर्किंग क्लास 30% खाने-पीने पर खर्च करता है,,, साथ ही बता दे कि जीडीपी में खेती बाड़ी का योगदान 2013 में 13.7 फीसदी है… भारत में कृषि क्षेत्र में 50 फीसदी लोग कार्यरत हैं
विश्व स्तर के आंकड़ो की बात करे तो दुनिया के बेहद गरीब लोगों में 64 फीसदी लोग सिर्फ 5 देशों में रहते है,, 20,000 बच्चे दुनियाभर में भूख के कारण रोज मरते हैं… और 80 फीसदी लोग 10 डॉलर प्रतिदिन से कम पर गुजर-बसर करते हैं…. दुनिया में हर नौ में से एक आदमी रोज भूखे पेट सोने को मजबूर है… दुनिया के टॉप 85अमीर लोगों की कुल संपत्ति 3.5 अरब सबसे गरीब लोगों यानी दुनिया की आधी आबादी की संपत्ति के बराबर है,,, 80.5 करोड़ लोगों को दुनिया में भरपेट खाने को नहीं मिलता… हर साल एड्स, मलेरिया और टीबी से कुल जितने लोग मरते हैं,.. उससे ज्यादा लोगों को भूख निगल जाती है… 79.1 करोड़ ऐसे लोग विकासशील देशों में हैं,.. जिन्हें भरपेट खाना नहीं मिलताय…. 13.5%विकासशील देशों की आबादी का वह हिस्सा है…, जो कुपोषण का शिकार है…. 52.6 करोड़ लोग एशिया में आधा पेट खाने को मजबूर है,,,, 45 फीसदी दुनिया में 5 साल से कम उम्र के बच्चों का हिस्सा है,… जिसकी कुपोषण से मौत होती है…
वहीं हाल में ही तेजी से महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत में तकरीबन 19 करोड़ लोग भूखे पेट रह कर सोने को मजबूर हैं… हालांकि भारत का स्थान पिछले साल के मुकाबले ग्लोबल हंगर इंडैक्स में 63 के मुकाबले 53वां है…. मंगल पर अपना यान भेजने वाले देश भारत में भूख के खिलाफ जंग सबसे बड़ी चुनौती है… बच्चों में कुपोषण और उनकी मृत्यु दर का स्तर बेहद चिंताजनक है….. यहां तक कि नेपाल और श्रीलंका की स्थिति भारत से बेहतर है… जबकि पाकिस्तान और बंगलादेश जैसे पिछड़े देशों में स्थिति और भी बुरी है
वहीं हाल ही में तीन बच्चियों की भूख के कारण देश की राजधानी दिल्ली में मौत हो गई है,, यह एक ऐसी दर्दनाक घटना है जिसके बारे में सुनकर हर किसी का सर शर्म से झुक जाए. तीन सगी बहनों की मौत इसलिए हो गई क्योंकि उन्हें कई दिनों से खाना नहीं मिला था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हिसाब से उनकी मौत कुपोषण और भुखमरी से हुई है. तीन तीन बेटियों की दर्दनाक मौत की घटना झकझोर देने वाली है. आठ साल की मानसी, चार साल की शिखा और दो साल की पारुल का शव मंडावली में एक कमरे से बरामद हुआ. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि तीनों की मौत मंगलवार को सुबह हुई और मौत की वजह है कुपोषण… बच्चियों के शव के पोस्टमार्टम में खाने का एक भी अंश नहीं मिला. डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें सात-आठ दिन से खाना नहीं मिला था. इन बच्चियों की मां वीणा की हालत मानसिक रूप से ठीक नहीं है. उसके मुताबिक बच्चियों को कई दिन से उल्टियां आ रही थीं इसलिए खाना नहीं दिया. वीणा ने बताया कि उन्होंने कई दिन से खाना नहीं खाया था. उनको उल्टी और खांसी हो रही थी बच्चियों के पिता मंगल सिंह बचपन में दिल्ली के होटलों में बर्तन धोते थे, फिर मजदूरी करने लगे. वे कुछ सालों से रिक्शा चला रहे थे.
उनके दोस्त नारायण यादव के मुताबिक कुछ दिन पहले उनका रिक्शा चोरी हो गया तो उनके मकान मालिक ने उन्हें घर से निकाल दिया, क्योंकि रिक्शा उसी का था. बीते शनिवार को नारायण ने अपने एक कमरे के घर में मंगल सिंह के परिवार को भी रख लियानारायण यादव ने बताया कि जब मंगल को घर से निकाल दिया तो बारिश हो रही थी. बारिश में बच्चे कीचड़ में पड़े होंगे तो हर किसी को दया आ जाती है, फिर ये तो मेरा दोस्त था,इसलिए मैं बच्चों को अपने घर ले आया
पुलिस का कहना है कि अब वह बच्चियों का दोबारा पोस्टमार्टम कराएगी. पूर्वी दिल्ली के डीसीपी पंकज कुमार ने बताया कि ”इसमें हमने मेडिकल बोर्ड के लिए रिक्वेस्ट किया है. जिससे दुबारा हम सही कारण पता लगा पाएं
इस घटना को लेकर कई सामाजिक संगठन सरकार से बेहद नाराज हैं. ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के निदेशक प्रोग्राम राकेश सेंगर ने कहा कि ”यह घटना शर्मसार करने वाली है. संसद से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ऐसा हुआ. सरकार को शर्म आनी चाहिए. हर जिले में चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी होती है जो बच्चों की पढ़ाई, पोषण और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखती है. वो क्या कर रही है? यह घटना बेहद शर्मनाक है
(दूरदर्शन में कार्यक्रम सहायक)