मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्. चंडीगढ़: दिव्य संयोग लिए आ रहे हैं नवरात्र, 8 अप्रैल से ही सौम्य नामक नव संवत 2073 का शुभारंभ है तथा चैत्र नवरात्रे आरंभ हो रहे हैं जो 15 तारीख तक रहेंगे। तृतीया तिथि का क्षय होने से नवरात्रे 8 दिन के है। श्री दुर्गाष्टमी का कन्या पूजन, 14 अप्रैल को होगा और राम नवमी अर्थात राम जन्मोत्सव 15 तारीख को है।
कैसे रहेंगे इस साल के नवरात्र ?
इस साल नवरात्र में कई दिव्य संयोग बन रहे हैं। शुक्रवार का दिन, अश्विनी नक्षत्र, एवं प्रतिपदा व अष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग आदि , यह सब मांगलिक कार्यों, नवीन कार्यारंभ , खरीदारी आदि के लिए अधिक सार्थक व शुभ रहेगा। नवरात्र के दौरान ही अमृतसिद्धि तथा पुष्य योग भी रहेगा। चतुर्थी पर रवि योग, पंचमी पर अमृतसिद्धि योग, षष्ठी , सप्तमी व नवमी पर रवि योग रहेगा। नवमी इस बार विशेष फलदायी रहेगी क्योंकि इस दिन पुष्य नक्षत्र तथा अमृतसिद्धि योग बनने से गृह प्रवेश, सोना खरीदना, वाहन लेना , नया काम आरंभ करना आदि अत्यंत शुभ रहेगा।
इस साल घर की सुख समृद्धि के लिए करें छोटा सा यह उपाय
सौम्य नामक नए विक्रमी संवत पर, इस साल -8 अप्रैल , शुक्रवार के दिन बैंक में नया खाता खेाला जाए या पुराने खाते में धन जमा कराया जाए तो धन में निरंतर वृद्धि होती है। इस दिन किया गया कोई भी नया निवेश कई गुणा बढ़ जाता है। आप नई बीमा पालिसी, म्युचुअल फंड , सोने आदि में पहले दिन धन लगा सकते हैं। इसके अलावा बैंक या घर के लाॅकर में , लाल या पीले कपड़े में 12 साबुत बादाम या गिरियां बांध कर रख दिए जाएं तो भी आभूषणों में वृद्धि होती रहती है और उसमें कभी कमी नहीं आती। यह काफी समय से प्रमाणित प्रयोग हैं जो भारतीय परंपरा , आस्था एवं ज्योतिष का एक भाग हैं। इस दिन लोन एकाउंट में पैसा लौटाएं और किसी को उधार न दें न किसी से लें। फिर देखिए आपके यहां बरकत कैसे नहीं होती !
घट स्थापना का मुहूर्त – प्रातः 10.44 से 12.55 तक
शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय के बाद अभिजीत मुहूर्त में क्लश स्थापना की जाती है। इस दिन वैधृति योग प्रातः 10.44 तक है। अतः इसके बाद ही शुभकार्यों का आरंभ किया जाना चाहिए। पंजाब हरियाणा व हिमाचल क्षेत्रों में अभिजीत मुहूर्त , 8 अप्रैल को दोपहर 12.06 से 12.54 तक रहेगा। अतः घट स्थापना का शुभ समय यही उचित है। परंतु वैधृति योग के बाद 10.40 से 10.55 तक अमृत चैघडि़या और दोपहर 12.04 से 12.55 तक शुभ चैघडि़ये में भी क्लश स्थापना की जा सकती है।
कैसे करें घट स्थापना ?
घर का एक ऐसा स्वच्छ स्थान सुनिश्चित कर लें जहां कोलाहल न हो और पूजा के समय आपका मुख पूर्व या उत्तर की ओर हो और आप आसन पर बैठें। मिटट्ी या किसी धातु के क्लश में गंगा जल, एक सिक्का,जौ, चावल , रोली व तिल डालें। क्लष के मुंह पर 5 या 7 आम के पत्ते रखें। क्लश पर रोली से स्वास्तिक का चिन्ह बना दें और मौली बांध दें।
एक पानी वाले नारियल पर लाल चुनरी या वस्त्र बांध कर लकड़ी की चैकी या मिटट्ी की बेदी पर ईशान कोण में स्थापित कर दें ।
नवरात्रि की तालिका
8 अप्रैल -प्रतिपदा-शुक्रवार -क्लश स्थापना एवं देवी शैल पुत्री की आराधना
9 अप्रैल -द्वितीया एवं तृतीया-शनि वार – देवी ब्रहमचारिणी एवं चंद्रघंटा की पूजा
10 अप्रैल – चतुर्थी- रविवार – कूष्माण्डा देवी की उपासना
11 अप्रैल – पंचमी- सोमवार – स्कंदमाता की पूजा
12 अप्रैल – षष्ठी – मंगलवार – कात्यायनी पूजा
13 अप्रैल – सप्तमी- बुधवार – कालरात्रि पूजा
14 अप्रैल – दुर्गाष्टमी- वीरवार- महा गौरी आराधना
15 अप्रैल -राम नवमी- शुक्रवार -सिद्धिदात्री उपासना