मदन गुप्ता सपाटू , ज्योतिर्विद् : विशेष ज्योतिषाीय संयोग
इस वर्ष 29 अगस्त को 12 साल बाद रक्षा बंधन पर गुरु- आदित्य योग बन रहा है जब सूर्य की पंचम राशि में ही गुरु व सूर्य एक साथ विराजमान हैं। धनिष्ठा नक्षत्र पूर्णिमा पर पड़ने से सिंह और धनु राशि वालों को विशेष तौर पर और अधिक फलदायक रहेगा । इन राशि वालों को गोल्डन, सुनहरी, या स्वर्ण जडि़त राखी पहननी चाहिए या बहन को इसी रंग या धातु का उपहार देना चाहिए जिससे उनका आपसी सौहार्द्र दीर्घकालीन रहेगा। इसके अलावा इलैक्ट्र्ानिक उपहारों का भी आदान प्रदान कर सकते हैं।
मुहर्त
राखी का त्योहार श्रावण पूर्णिमा पर मनाया जाता है जो 29 अगस्त, शनिवार को दोपहर एक बजकर 50 मिनट के बाद मनाना शुभ एवं ज्योतिषीय दृष्टि से शास्त्रसम्मत रहेेगा। यह अवधि रविवार को सायंकाल 16-17 तक रहेगी।यदि बहुत आवश्यक हो कहीं कार्यवश बाहर जाना पड़ जाए या कोई आपात स्थिति हो ,तो प्रातः 10 बज कर 14 मिनट से लेकर 11 बजकर 16 मिनट तक भी भद्रा पुच्छ काल में राखी बांधी जा सकती है परंतु 11.16 से दोपहर एक बजकर 50 मिनट तक – भद्रा मुखकाल होने से ऐसा षुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इसके अलावा मध्यानोत्र 14.15 से लेकर 17.25 तक अमृत का चैघडि़या भी है। अतः कुल मिला कर षुभ समय दोपहर 13ः50 से सायं 17ः25 के मध्य रक्षाबंधन का पवित्र कार्य किया जा सकता है।
उत्तर भारत में परम्परागत तौर पर सुबह ही राखी बांध दी जाती है। परंतु जो लोग ,ज्योतिष एवं मुहूर्त में विश्वास रखते हैं, उन्हें इस बार , उपरोक्त मुहूर्त में ही रक्षाबन्धन मनाना चाहिए।
उत्तर भारत में परम्परागत तौर पर सुबह ही राखी बांध दी जाती है। परंतु जो लोग ,ज्योतिश एवं मुहूर्त में विषवास रखते हैं, उन्हें इस बार , उपरोक्त मुहूर्त में ही रक्षाबन्धन मनाना चाहिए।