मदन गुप्ता सपाटू : इस श्रावण मास में नागपंचमी १९ -२० अगस्त, को पड़ेगी । इस दिन भारत के कई क्षेत्रों में व्रत भी रखे जाते हैं।श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में इस पंचमी पर कई अंचलों में द्वारों पर भित्ति चित्रों की तरह विषधारी नाग बनाए जाते हैं तथा उनका पूजन किया जाता है । नारद पुराण में भी सर्पदंश से बचाव हेतु नाग व्रत का विधान बताया गया है।
ग्रामीण अंचलों में इस दिन दीवारों पर सात नागों के चित्र बना कर उनका पूजन किया जाता है। एक रस्सी में 7 गाठें लगाकर सर्प की आकृति बनाई जाती है और विधिवत् निम्न मंत्र से पूजन किया जाता है।
! अनन्तमं् ,वासुकि, शेषम, पदनाभम्, चकम्बलम्,ककोंटकम, तक्षकम् !!
कच्चे दूध में गुड़ या चीनी मिला कर सांप की बांबी या बिल के बाहर रखते हैं। नागपंचमी के दिन ही ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियां कपड़े की बनाई गुडिय़ा विसर्जित करती हैं। लडक़े इन गुडिय़ों को डंडे से खूब पीटते हैं और बहनें उन्हें पैसे और आशीर्वाद देती हैं।
नागपंचमी एवं ज्योतिष
जिनकी जन्मपत्रियों में शनि की दशा या शनि की स्थिति अच्छी नहीं है या शनि के कारण अशुभ फल मिल रहे हों उन्हें इस अवसर पर सांप को दूध पिलाने से लाभ मिलता है। यहां यह बताना हितकर होगा कि आप दूध के पैसे सपेरे को न दें अपितु परोक्ष रूप से नाग को दुग्धपान कराएं।यदि सपेरा स्वयं दूध पी जाता है या आप द्वारा दिए गए पैसों का भोजन कर लेता है तो उस उपाय अथवा दान का कोई माहात्म्य नहीं रह जाता। आप उपाय भी करें और उसका लाभ भी न हो इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिये । सर्पपालक को शुल्क के तौर पर उसे अलग धन राशि दी जा सकती है।
इसके अतिरिक्त नवनाग स्तोत्र का पाठ किया जा सकता है। चांदी का नाग बना कर मध्यमा में धारण किया जा सकता है। शिवलिंग पर तांबे का सर्प अनुष्ठानपूर्वक चढ़ाया जा सकता है। तांबे के लोटे में नाग के जोड़े डाल कर ,बहते जल में प्रवाहित किये जा सकते हैं। इस दिन राहु यंत्र भी रखा जा सकता है। काल सर्प दोष निवारण यन्त्र स्थापित एवं धारण किया जा सकता है।
यह अवसर काल सर्प दोष की शान्ति पूजा करवाने के लिए सर्वथा उचित होता है । मंदिर में ऐसी पूजा का विशेष प्रावधान भी किया जाता है। किसी कारण सुयोग्य कर्मकांडी उपलब्ध न हो तो आप खुद भी ’ ओम् रां राहुवे नम:’ मन्त्र का 108 बार जाप करके शिव प्रतिमा पर दुग्ध ,नाग नागिन की प्रतिमाएं आदि अर्पित कर सकते हैं। ’ काल सर्प जनन शान्ति ’, नारायण नागबली इत्यादि त्रयंबकेश्वर ज्यार्तिलिंग, नासिक में करानी चाहिए ।घर या मंदिर में पंचदशी यन्त्र की सिद्घि नागपंचमी के दिन श्रेष्ठ मानी गई है। इस दिन काले तिल, काले उड़द,काली राई, नीला वस्त्र, जामुन, काला साबुन, कच्चे कोयले, सिक्का-रांगा या लैड आदि दान अथवा चलते पानी में प्रवाहित करने से विशेष लाभ मिलता है।
नाग पंचमी पर यदि भवन निर्माण कराना हो तो नींव में सर्प की आराधना के पश्चात् चांदी का सर्प रखा जाता है।
लाल किताब के अनुसार चलते पानी में नारियल, मसर की दाल व कच्चा कोयला बहाना अच्छा रहता है। रसोई में ही खाना खाना नागपंचमी पर अच्छा होगा। शयन कक्ष में लाल रंग के पर्दे , तकिये, चादर आदि उपयोग किए जा सकते हैं। जन्मांगानुसार ,इसी दिन गोमेद या लहसुनिया पहनने का लाभ रहेगा । इसके लिए आप अपने ज्योतिष परामर्शदाता की सलाह अवश्य लें।
काल सर्प योग भारत की कुंडली के अलावा अब्राहम लिंकन ,जवाहर लाल नेहरु,अंबानी, राजेश पायलट,लारा दत्ता आदि बहुत से प्रसिद्घ व्यक्तियों की जन्मकुंडलियों में रहा है। आप भी अपनी जन्मपत्रियों में यह सुनिश्चित अवश्य कर लें कि क्या वास्तव में सभी ग्रह राहु और केतु के एक ओर आ गए हैं और पूर्ण सर्पकालिक योग बनता भी है अथवा नहीं ? क्या यह अंशकालिक है ? यदि यह योग उपस्थित हो, तभी उपाय करें अन्यथा धन अपव्यय न करें।
कालसर्प दोष निवारण हेतु आप भी उपरोक्त उपायों का नागपंचमी पर विशेष लाभ उठा सकते हैं।
ऽ आंशिक या पूर्ण काल सर्प दोष के लिए क्या करें?
1-कालसर्प योग की विधिपूर्वक पूजा सुयोग्य कर्मकांडी से करवाएं।
– ।हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में सपाटू की गुग्गा माड़ी के मेले के दौरान कालसर्प दोष निवारण हेतु जा सकते है। यह मेला २ १- २३ सितंबर को होगा।
इसके अलावा
चिन्नई में कालेश्वर मंदिर, पौढ़ी गढ़वाल में रामनगर से 65 कि$मी$ दूर नागराज मंदिर, उज्जैन में महाकाल मंदिर मे ,नासिक में त्रम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग ,तिरुपति के पास कालहस्ती शिव मंदिर, केदारनाथ के पास त्रियुगोनारायण मंदिर, हिमाचल में बैजनाथ के प्राचीन शिव मंदिर में ,इलाहाबाद के संगम पर,काल सर्प दोष की विधिवत् पूजा की जाती है
2-श्री यंत्र पूजा स्थान पर रखें
3-नाग पंचमी पर नागमंदिर में दूध चढ़ाएं । कांसे की थाली में हलवा बना के ,बीच में चांदी का सर्प रख के दान करेंं । शिव आराधना करें । सवा मीटर नीला वस्त्र,नारियल ,काले तिल,शीशा, सफेद चंदन, काला सफेद कंबल, सरसों का तेल,सात अनाज दान करें ।
4-सूर्य-चंद्र ग्रहण या नाग पंचमी पर रुद्राभिषेक करवाएं, चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा तांबे के पात्र में शहद भर के रखें पूजा के बाद विसर्जित कर दें
5-ओम् रां राहवे नम: तथा ओम कें केतवे नम: का 108 बार जाप करें
6-पुष्य नक्षत्र या सोमवार को महादेव पर जल एवं दूध चढ़ाएं । महामृत्युंज्य मंत्र का जाप करें या कैसेट सुनें
7- ओम नम: शिवाय का जाप करें । मध्यमा में नाग की अंगूठी पहनें । सर्प को दूध पिलाएं ।
8-काल सर्प योग की अंगूठी, लाकेट, यंत्र , गोमेद या लहसुनिया की अंगूठी धारण की जा सकती है ।
9-500 ग्राम का पारद शिवलिंग बनवा के रुद्राभिषेक कराएं
10-ओम नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वीमनु, ये अंतरिक्षे ये दिवितेभ्य: सर्पेभ्यो नम: स्वाहा !! का 31000 मन्त्र जाप करें
11-मंगल या शनिवार हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर, चमेली का तेल, लाल चोला या झंडा चढ़ाएं
12-महामृत्युंज्य मंत्र की एक माला करें या श्रावण मास में रुद्राभिषेक करवाएं
13-घर में मोरपंख रखें ं। ओम नमो वासुदेवाय मंत्र का जाप करें
14-एकाक्षी नारियल पर चंदन से पूजन कर के 7 बार सिर से घुमा के प्रवाहित कर दें
15-सांप को सपेरे की मदद से दूध पिलाएं
16-नव नाग स्तोत्र का जाप करें
17-राहू यंत्र पास रखें या बहाएं
18$- नाग पंचमी पर वट वृक्ष की 108 प्रदक्षिणा करें।
मयूर पंख , कालसर्प दोष में सहायक है
1$ शिवपुत्र कार्तिकेय तथा विद्यादायिनी सरस्वती का वाहन है।
2$ भगवान कृष्ण ने इसे रत्न जडि़त मुकुट में धारण किया था। कालिया नाग का वध किया था।
3$ मोर की सर्प से शत्रुता है।इसलिए इसे कालसर्प दोष से ग्रसित लोगों के लिए मोर पंख सहायक माना जाता है।
4$ हिन्दू- मुसलमान दोनों ही इसे धार्मिक कार्यो तथा झाडफ़ूंक या दुरात्माओं के प्रभाव से मुक्त करने के लिए करते है।
5$ मजार ,पूजा गृहों के अलावा पाठ्य पुस्तकों में रखा जाता है।
6$ धर्मशास्त्रों,ग्रंथों,वास्तुशास्त्र,ज्योतिष शास्त्र व आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान है।
7$ तकिये के अंदर सोमवार के दिन 7 मोरपंख डालें, बच्चा चौंकेगा नहीं, सापों के सपने नहीं आएंगे।
8$ शयनकक्ष की पश्चिमी दीवार पर 11 पंखों का पंखा बना कर लगा दें।
9$ घर के दक्षिणी-पूर्व कोने में मोर पंख लगाने से बरकत बढ़ेगी।
10$ लाकर्स या धनस्थान या गल्ले में रखने से धन,सुख समृद्घि में वृद्घि होती है।
11$ ताबीज में मोर पंख भर कर बच्चे को पहनाएं, डरेगा नहीं।
12$ मयूर पंख घर की दीवारों पर लगाने से कीड़े मकौड़े मच्छर मक्खी कम आते है।
13$ कालसर्प दोष एवं संतान प्राप्ति के लिए इसे शयन कक्ष में रखें।