कैसे बताऊँ कैसे बताऊँ मैं तुम्हे…..
तुम धड़कनों का गीत हो जीवन का तुम संगीत हो…..
तुम ज़िन्दगी तुम बंदगी तुम रौशनी तुम ताज़गी…..
तुम हर ख़ुशी तुम प्यार हो तुम प्रीत हो मनमीत हो।
आँखों में तुम यादों में तुम साँसों में तुम आहों में तुम…..
नींदों में तुम ख़्वाबों में तुम तुम हो मेरी हर बात में
तुम हो मेरे दिन रात में तुम सुबह में तुम श्याम में…..
तुम सोच में तुम काम में….. मेरे लिए पाना भी तुम
मेरे लिए खोना भी तुम मेरे लिए हसना भी तुम
मेरे लिए रोना भी तुम…..
और जागना सोना भी तुम…..
जाऊं कहीं देखूं कहीं तुम हो वहाँ, तुम हो वहीं…..
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे तुम बिन तो मैं कुछ भी नहीं
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो…..
यह जो तुम्हारा रूप हैं, यह ज़िन्दगी की धुप हैं,
चन्दन से तरशा हैं बदन बहती है जिस में एक अगन…..
यह शोखियां यह मस्तियाँ तुमको हवाओं से मिली…..
ज़ुल्फ़ें घटाओं से मिली होंटों में कलियाँ खिल गयी
आँखों को झीले मिल गयी चेहरे में सिमटी चांदनी…..
आवाज़ में है रागिनी शीशे के जैसा अंग हैं फूलों के जैसा रंग हैं,
नदियों के जैसी चाल हैं क्या हुस्न हैं क्या हाल हैं…..
यह जिस्म की रंगीनियाँ जैसे हज़ारों तितलियाँ,
बाहों की यह गोलाइयाँ आँचल में यह परछाइयाँ…..
यह नगरियाँ है ख्वाब की कैसे बताऊँ मैं तुम्हे…..
हालत दिल-ए-बेताब की कैसे बताऊँ मैं तुम्हे…..
मेरे लिए तुम कौन हो कैसे बताऊँ कैसे बताऊँ
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम धर्म हो
मेरे लिए इमान हो तुम ही इबादत हो मेरी
तुम ही तो चाहत हो मेरी तुम ही मेरा अरमान हो
ताकता हूँ मैं हर पल जिसे तुम ही तो वह तस्वीर हो
तुम ही मेरी तक़दीर हो तुम ही सितारा हो मेरा तुम ही नज़ारा हो मेरा…..
यूँ ध्यान में मेरे हो तुम जैसे मुझे घेरे हो तुम
पूरब में तुम पच्छिम में तुम उत्तर में तुम दक्षिण में तुम
सारे मेरे जीवन में तुम हर पल में तुम हर चिर में तुम…..
मेरे लिए रास्ता भी तुम मेरे लिए मंज़िल भी तुम,
मेरे लिए सागर भी तुम मेरे लिए साहिल भी तुम,
मैं देखता बस तुमको हूँ, मैं सोचता बस तुमको हूँ…..
मैं जानता बस तुमको हूँ मैं मानता बस तुमको हूँ…..
तुम ही मेरी पहचान हो कैसे बताऊँ मैं तुम्हे…..
देवी हो तुम मेरे लिए मेरे लिए भगवान हो कैसे बताऊँ मैं तुम्हे…..
कैसे बताऊँ कैसे बताऊँ मैं तुम्हे…..
तुम धड़कनों का गीत हो जीवन का तुम संगीत हो…..
तुम ज़िन्दगी तुम बंदगी तुम रौशनी तुम ताज़गी…..
तुम हर ख़ुशी तुम प्यार हो तुम प्रीत हो मनमीत हो।
आँखों में तुम यादों में तुम साँसों में तुम आहों में तुम…..
नींदों में तुम ख़्वाबों में तुम तुम हो मेरी हर बात में
तुम हो मेरे दिन रात में तुम सुबह में तुम श्याम में…..
तुम सोच में तुम काम में….. मेरे लिए पाना भी तुम
मेरे लिए खोना भी तुम मेरे लिए हसना भी तुम
मेरे लिए रोना भी तुम…..
और जागना सोना भी तुम…..
जाऊं कहीं देखूं कहीं तुम हो वहाँ, तुम हो वहीं…..
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे तुम बिन तो मैं कुछ भी नहीं
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो…..
यह जो तुम्हारा रूप हैं, यह ज़िन्दगी की धुप हैं,
चन्दन से तरशा हैं बदन बहती है जिस में एक अगन…..
यह शोखियां यह मस्तियाँ तुमको हवाओं से मिली…..
ज़ुल्फ़ें घटाओं से मिली होंटों में कलियाँ खिल गयी
आँखों को झीले मिल गयी चेहरे में सिमटी चांदनी…..
आवाज़ में है रागिनी शीशे के जैसा अंग हैं फूलों के जैसा रंग हैं,
नदियों के जैसी चाल हैं क्या हुस्न हैं क्या हाल हैं…..
यह जिस्म की रंगीनियाँ जैसे हज़ारों तितलियाँ,
बाहों की यह गोलाइयाँ आँचल में यह परछाइयाँ…..
यह नगरियाँ है ख्वाब की कैसे बताऊँ मैं तुम्हे…..
हालत दिल-ए-बेताब की कैसे बताऊँ मैं तुम्हे…..
मेरे लिए तुम कौन हो कैसे बताऊँ कैसे बताऊँ
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम धर्म हो
मेरे लिए इमान हो तुम ही इबादत हो मेरी
तुम ही तो चाहत हो मेरी तुम ही मेरा अरमान हो
ताकता हूँ मैं हर पल जिसे तुम ही तो वह तस्वीर हो
तुम ही मेरी तक़दीर हो तुम ही सितारा हो मेरा तुम ही नज़ारा हो मेरा…..
यूँ ध्यान में मेरे हो तुम जैसे मुझे घेरे हो तुम
पूरब में तुम पच्छिम में तुम उत्तर में तुम दक्षिण में तुम
सारे मेरे जीवन में तुम हर पल में तुम हर चिर में तुम…..
मेरे लिए रास्ता भी तुम मेरे लिए मंज़िल भी तुम,
मेरे लिए सागर भी तुम मेरे लिए साहिल भी तुम,
मैं देखता बस तुमको हूँ, मैं सोचता बस तुमको हूँ…..
मैं जानता बस तुमको हूँ मैं मानता बस तुमको हूँ…..
तुम ही मेरी पहचान हो कैसे बताऊँ मैं तुम्हे…..
देवी हो तुम मेरे लिए मेरे लिए भगवान हो कैसे बताऊँ मैं तुम्हे…..