30 जनवरी से सिंह राशि में राहु -गुरु का चांडाल योग
मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिषविद्, चंडीगढ़ : इस साल दो विशेष ग्रह बदल रहे हैं। राहु सिंह राशि में और केतु कुंभ में । हालांकि एक पंचाग के अनुसार ,यह राशि परिवर्तन 9 जनवरी को पहले ही रात्रि 10 बजकर 10 मिनट पर हो चुका है और एक अन्य गणना के अनुसार 17 जनवरी को दोपहर 3 बजे राहु कन्या राशि से अपनी वक्री चाल के अनुसार पीछे की ओर छठी से 5वीं राशि सिंह में प्रवेश कर चुके हैं। ऐसा ज्योतिष के कई साॅफटवेयर में भी अंकित हैै। अपने ज्योतिषीय अनुभव के अनुसार बहुत से लोगों को इसका प्रभाव अपने निजी जीवन में 9 जनवरी से ही मिलना आरंभ हो गया है। कुछ लोगों को अचानक स्थान परिवर्तन के आदेश मिल गए तो कइयों की अचानक विदेश यात्रा हो गई।
फिर भी अधिकांश पंचांगों के अनुसार , 29 जनवरी की रात एक बजकर 21 मिनट पर राहु सिंह राशि में उत्त्राफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण में और केतु कुंभ राशि के पूर्वा भाद्रपद के तृतीय चरण में प्रवेश कर जाएंगे। सिंह राशि में अभी गुरु 11 अगस्त की रात्रि 9 बजकर 25 मिनट तक रहेंगे। ज्योतिष में गुरु और राहु जब एक साथ बैठे हों तो इसे चांडाल योग कहा जाता है। चांडाल शब्द ही इस तथ्य का द्योतक है कि यह कुछ अनिष्टता ही करता है परंतु सब का बुरा या सब का अच्छा ही हो, ऐसा कभी नहीं होता।
क्या रहेगा भारत व अन्य देशों पर इसका प्रभाव ?
इस साल ,एक करेला ऊपर से नीम चढ़ा वाली कहावत चरितार्थ होने जा रही है। एक तो सिंह राशि में गुरु – राहु का चांडाल योग , उसके उपर शनि की दृष्टि। मेदिनी ज्योतिष के अनुसार प्रेम संबंधों में दरारें, हृदय घात, तलाक, निसंतान दंपतियों का डाक्टरों द्वारा लूटा जाना, धार्मिक असहिष्णुता का उन्माद बढ़ना, आतंकी घटनाओं में वृद्धि, अनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार, देश द्रोह, धोखाधड़ी, फ्राॅड, साईबर क्राईम जैसे विषय मीडिया में छाए रहेंगे। केतु का कुंभ में गोचर नकली बाबाओं, धर्मगुरुओं का पर्दाफाश करेगा या न्यायिक कटघरे में पटकेगा।
केतु के कुंभ राशि में आने से जल संबंधी डूबने या अधिक वर्षा के कारण बाढ़ आना और कुछ स्थानों पर कश्मीर, चेन्नई और बद्रीनाथ केदार नाथ की याद दिलाना हो सकता है। गंगा तटों पर बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है।
केतु के कंुभ में होने से जल संबंधी रोग या नए वायरल रोग पनप सकते हैं। दवा उद्योग के क्रांति आ सकती है। कंप्यूटर में भी नए वायरस का आगमन हो सकता है। इंग्लैड , जर्मनी , ग्रीस जैसे कुछ यूरोपीय देशों में आर्थिक हालात बिगड़ सकते हैं। पाकिस्तान ,अफगानिस्तान, लीबिया व सीरिया में तालिबान व आई एस आई एस समस्या बढ़ेगी। पाकिस्तान में भी आतंकवाद जोर पकड़ेगा तथा हिंसक घटनाएं बढ़ेगी। इजरायल, सिंगापुर, बैंकाक, हांगकांग में सीरियल बम्ब ब्लास्ट की आश का रहेगी। फिलीपाइन्स में एक बड़े भूकंप और सुनामी से इंकार नहीं किया जा सकता। जबकि नेपाल, रुस और चीन में प्राकृतिक आपदाएं एक के बाद एक आने की संभावना रहेगी।
आप की कुंडली क्या कहती है?
आपकी जन्म पत्री में राहु- केतु का यह परिवर्तन 18 साल के बाद आता रहता है। यदि आपकी लग्न सिंह या कुंभ है और विवाह की बातचीत चल रही है तो विवाह की संभावना अगस्त 2016 तक प्रबल रहेगी या कहीं अचानक हो सकता है। इस लग्न व राशि वालों को ऋण मुक्ति शीघ्र मिलेगी। राहु अप्रत्याशित लाभ या हानि बिना किसी संकेत के एकाएक देता है। बैठै बिठाए अचानक सुदूर यात्रा करवा देता है। जीवन में अचानक बदलाव ला देता है। राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है और यह उन लोगों की कुंडली में जल्दी होगा , जिनकी जन्मपत्री में सिंह या कुंभ लग्न है और लग्न से ही पूर्ण कालसर्प योग भी बन रहा हो।
राहु ,जेल, बिना कमाए धन, काला बाजार आदि का भी कारक ग्रह है। जिनकी कुंडली में राहु सशक्त ग्रह है , वे फरवरी से अगस्त तक खूब कमांएगे और जेल जाएंगे।
जहां राहु छाया ग्रह अर्थात अदृष्य ग्रह है और व्यवधान डालता है, वहीं गुरु एक सौम्य ग्रह है और ज्ञान का परिचायक है। आपकी राशियों पर इस परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ेगा यह हम चंद्र राशि के अनुसार दे रहे हैं, सूर्य राशि के अनुसार नहीं। इसके लिए आपको अपनी चंद्र राशि जानना आवश्यक है वरन् अल्पज्ञानवश आप गलत राशि देख कर फजूल में या प्रसन्न होंगे या निराश हो जाएंगे। यदि आपकी कुंडली बनी हुई है तो उसमें देखें चंद्रमा के साथ क्या संख्या लिखी है ? वही संख्या आपकी चंद्र राशि होगी। बेहतर होगा आप अपनी जन्म राशि या चंद्र कुंडली देखें तो आपको राशि यों व ग्रहों का गोचर बहुत सपष्ट हो जाएगा।
आपका राशि फल
1.मेेष -इस राशि में राहु पांचवें भाव में होगा जिसे शिक्षा, मनोरंजन, शेयर, लाटरी, प्रेम, रोमांस आदि का घर कहते हैं। इस क्षेत्र में कुछ बाधाएं आ सकती हैं परंतु लाभ भी अचानक ही होंगे। संतान पक्ष से चिंता, शिक्षा या कैरियर में व्यवधान संभावित है। नए प्रेम प्रसंग का शुभाारंभ, परंतु धोखे की संभावना भी साथ ही रहेगी। प्रेम विवाह में कोई मनमुटाव की आशंका से भी सावधान रहना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा।
2.बृशभ – राहु चैथे खाने या सुख स्थान में आने से, आवास परिवर्तन, माता को कष्ट, सरकार से परेशानी, परिवार में विरोध ,भूमि विवाद जैसे विषय सामने आते हैं। अतः धैर्य रखें ,जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं। परिवार में उचित तालमेल रखें, षांति से काम लें। वाद विवाद से दूर रहें। परिवार में किसी हानि का संकेत भी है।
3.मिथुन- राशि से तृतीय अर्थात पराक्रम भाव में राहु का आगमन सुखद रहेगा। धन लाभ, आर्थिक हालत मजबूत, रुके काम पूर्ण, डूबे पैसों की वसूली, शत्रुओं पर विजय, मित्रों भाईयों से लाभ, सुखद यात्राएं… जैसे बिंदुओं से आप गुजरेंगे। यदि मीडिया या संचार क्षेत्र में हैं तो प्रोामोश न की संभावना है या नाम चर्चित होगा। भाग्य जागृत होगा।
4.कर्क- दूसरे भाव में आकर राहु कुछ कष्टदायक फल देते हैं। पारिवारिक क्लेश , व्यवसाय या नौकरी में चिंता या मानसिक परेशानी। कहीं आता आता पैसा रुक जाना, धन हानि की संभावनाएं प्रबल होने का अवसर बन जाता है।नेत्र रोग या आखों का आप्रेश न भी हो सकता है। दुष्मन सक्रिय होंगे। सावधानी का समय होगा।
5.सिंह- राहु के केंद्र यानी अपनी राशि में आने से मान सम्मान बढ़ेगा। धन, प्रापर्टी, संतान की संपत्ति में वृद्धि के योग बनेंगे। बीच बीच में मानसिक वेदना भी चलेगी। कोई बड़ा प्रस्ताव भी आ सकता है जिससे अचानक धन लाभ होगा। महत्वाकांक्षाएं भी बढ़ेगी और फलित भी अचानक और अप्रत्याशि त रुप से होंगी।
6.कन्या- 12 वें भाव में राहु विदेश यात्रा या विदेश में सैटलमेंट की संभावना प्रबल करेगा। जीवन षैली में अचानक परिवर्तन लाएगा। यदि विदेश जाने की बात सोच रहे हैं तो ठग एजेंटों से भी सावधान रहें क्योकि राहु के कारण धोखा भी हो सकता है। निवास परिवर्तन, हस्पताल या जेल यात्रा की भी संभावना रहती है। व्यय की अधिकता रहेगी।
7.तुला- एकादश भाव में भ्रमण के कारण धन का आगमन, व्यावसायिक सफलता, रुके कार्यों का संपन्न होना दर्शाता है। परंतु प्रेम संबंधों के टूटन, निजी संबंधों में दरार आने की संभावना भी बन सकती है। अच्छे कार्यों पर व्यय होगा। बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखें । छात्र सफलता हेतु अधिक परिश्रम करें।
8.वृष्चिक- दशम भाव में राहु शुभ फल देता है। मान सम्मान मिलेगा। राजनीति में सफलता। हर क्षेत्र में विजय, तीर्थाटन, पर्यटन , भ्रमण की संभावनाएं बढं़ेगी। परिवार में कुछ अस्थिरता अनुभव करेंगे। अपनी षक्ति का पूर्ण प्रदर्शन इस अवधि में आप कर सकते हैं। चुनाव हों तो अवश्य खड़े हों, विजयी होंगे।
9.धनु- नवम भाव का राहु अच्छा रहता है। यदि किसी देश में परमानेंट रेजीडेंसी , अर्थात पी आर के लिए एप्लाई किया है या वीजा की समस्या है तो अगस्त तक यह काम हो जाएगा। विेदेश गमन भी हो जाएगा। पिता से कोई विवाद न करें। यदि चल रहा है तो सुलझा लें। सरकार से लाभ रहेगा। अटके सकारी काम बनेंगे। मानसिक व्यथा बढ़ेगी।
10.मकर- राहु अष्टम स्थान पर आ जाने से अक्समात रुके धन की प्राप्ति होगी। नए व्यापारिक संबंध बनेंगे। विदेश में निवेश हो सकता है। विदेशी संपर्क बढ़ेगे। आयात निर्यात का काम करें ,लाभ रहेगा। गाड़ी से संबंधित मसलों पर ध्यान रखें। सेहत में खान पान पर अधिक ध्यान दें। कंप्यूटर, साफटवेयर से संबंधित है। तो विदेश ी संपर्क बढ़ेंगे।
11.कुंभ- सप्तम भावस्थ राहु, व्यावसायिक प्रचार प्रसार , कैरियर में उननति करवाएगा । यात्राओं से विशेष लाभ रहेगा। सरकार से लाभ या सहायता के योग बन हे हैं।मित्र भी सहायक रहेंगे। शरीर मे वायु प्रदूषण हो सकता है। जीवन साथी से थोड़ा बहुत वैमनस्य चलेगा। विवाहेत्तर संबंधों से दूर रहें। विजातीय विवाह हो सकता है।
12.मीन- छठे भाव में राहु अकारण भयग्रस्त व रोगग्रस्त पेट संबंधी नुक्सान कर सकता है।मामा पक्ष को हानि।नेत्र कश्ट संभावित। कार्यस्थ्ल पर वैचारिक मतभेद उभर सकते हैं। अप्रत्याशित धन आगमन भी संभावित हैं। शत्रु अपने आप दबे रहेंगे। बहस बाजी से बचें। दिनचर्या बदलेगी। कोर्ट में लंबित मसले सुलझ जाएंगे। शत्रु परास्त होंगे।
क्या करें उपाय ?
जिन लोगों को राहु के कारण चिंता हो रही हो वे, राहु के उपाय करते रहें। ओम् नमः शि वाय या ओम् रुद्राय नमः का मंत्र जाप करें। राहु दोष की शांति या रुद्राभिषेक करवाएं। महामृत्यंुज्य अनुष्ठान से भी बचाव रहेगा।
इसके अलावा लाल किताब के उपाय भी अच्छे रहते हैं।
गले में चांदी की चेन या चांदी की गोली घारण करें। चांदी का चैरस टुकड़ा पर्स या पाकेट में रखें। दूध में जौ धोकर प्रवाहित करें। हाथी का खिलौना माडल, या हाथी दंात से बनी चीजें घर में न रखें। काला कुत्ता पालें। शाकाहारी रहें। 48 बादाम या जटा वाला नारियल या 8 किलो सिक्के अर्थात लैड के टुकड़े शनिवार को चलते जल में बहाएं। मंदिर में 48 बादाम या अखरोट चढ़ाएं । नीले काले कपड़े न पहनें। शराब न पिएं, 250 ग्राम या 4 पव्वे काली शराब के शनिवार को चलते जल में विसर्जित कर दें। 7 मूलियां शुक्रवार की रात्रि सिरहाने के नीचे रखें, ष्शनिवार की सुबह इन्हें किसी धर्मस्थान पर दान कर आएं