मदन गुप्ता सपाटू,ज्योतिषविद्,चंडीगढ़ : जुलाई का मास धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ एवं महत्वपूर्ण माना जाता है। 17 जुलाई,शुक्रवार की प्रात: अमावस के दिन 4 बजकर 02 मिन्ट पर मिथुन लग्न में श्रावण संक्राति प्रवेश कर रही हैै । इससे पूर्व 14 को गुरु सिंह राशि में आ चुके है जो 11 अगस्त 2016 तक यहीं रहेंगे। 16 जुलाई को मल मास अर्थात अधिक मास भी समाप्त हो गया है। 17 जुलाई को जहां एक ओर जगन्नाथ पुरी में श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा आरंभ होगी वहीं इसी दिन से लेकर 25 जुलाई तक गुप्त नवरात्रि भी रहेंगे। गुरु पूर्णिमा 31 जुलाई को होगी ।
सावन आया रे परंतु कब ?
एक प्रकार से सूर्य संक्राति के अनुसार श्रावण मास 17 जुलाई से आरंभ हो गया है। दूसरी गणना आषाढ़ी पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा से की जाती है जो 31 जुलाई से है। इसके अनुसार सावन 31 जुलाई से 29 अगस्त ,रक्षा बंधन के पर्व तक रहेगा।
यों तो बहुत से श्रद्घालु श्रावण के सोमवारों को व्रत रखते हैं ,रुद्राभिषेक करवाते हैं, कांव्ड़ उठाते हैं जिसका पुण्य मिलता है परंतु यहां हम सावन में संपन्न किये जाने वाले कुछ उपाय बता रहे हैं। यदि आपके व्यापार में घाटा पड़ रहा है या आपकी अपेक्षानुसार ठीक नहीं चल रहा है तो आप श्रावण के किसी भी सोमवार की प्रात: अपने घर के पूजा स्थान पर स्नानादि से निवृत होकर एक पटड़े पर लाल रेशमी कपड़ा बिछााएं। इस पर 11 गोमती चक्र और 3 लघु नारियल रखें । रुद्राक्ष या स्फटिक की माला से यह मंत्र पढ़ते जाएं-
‘ऐं क्लीं श्रीं’
इसकी 11 माला करने के बाद , पोटली बांध कर अपनी दूकान या आफिस के मुख्य द्वार पर किसी ऊंचे स्थान पर टांग दें । इसके अलावा आप दक्षिणावर्ती शंख में चावल भर कर लाल वस्त्र में लपेट कर पूजा स्थान पर किसी सुयोग्य कर्मकांडी द्वारा शुद्घि करवा के, इस मंत्र से अभिमंत्रित करवा के स्थापित करवा दें।
‘ओम् ऐं सर्वकार्यसिद्घि कुरु कुरु स्वाहा ’
आप देखेंगे कि सावन माह में किए गए इस प्रयोग द्वारा आपके व्यवसाय में सुख समृद्घि , शांति व हरित क्रांति का आगमन होने लगेगा।इसके अलावा आप स्वयं इस मंत्र का जाप धन वृद्घि हेतु वैसे तो प्रतिदिन कर सकते हैं परंतु सावन में इसका महत्व कुछ और ही बढ़ जाता है।
‘ ओम् श्रीं श्री ययै शिव कुबेराय श्रीं ओम् नम: ’
गुप्त नवरात्रि
पूरे वर्ष में चार बार नवरात्रि आते है। वासंतीय व शरद नवरात्रि विशेष रुप से लोकप्रिय भी है और उसमें मां भगवती की आराधना की जाती है। परंतु दो अन्य प्रकार के नवरात्रि भी हैं जिन्हें काफी लोग नहीं जानते। माघ गुप्त नवरात्रि तथा आषाढ़ गुप्त नवरात्रि । आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, इस साल ,ये 17 जुलाई से 25 जुलाई तक रहेंगे। इन नवरात्रि में गुप्त साधनाओं का विशेष महत्व है। मंत्र साधना एवं प्रयोगों से इस नवरात्रि काल में अभीष्ट फलों की प्राप्ति हो सकती है। आप भी आजमाएं। इस अवधि में आप निम्नलिखित मंत्रों का जाप विभिन्न समस्याओं के लिये कर सकते हैं। इस तरह के बीज मंत्र कई महानुभाव अपने विज्ञापन के लिए बड़े बड़े समागम करके आपको एक गुप्त पासवर्ड की तरह इस हिदायत से पकड़ाते हैं कि इसे किसी और को न बताना वरना इसका प्रभाव समाप्त हो जाएगा। परंतु इस संसार में ऐसा कोई मंत्र नहीं है जो हमारे ग्रंथों में न मिले। अत: हम जनसाधारण के दुख दर्द मिटाने के लिए उन सभी रहस्यमय सूत्रों का यहां विवेचन कर रहे हैं जिनका लाभा आप घर बैठे ही प्राप्त कर सकते हैं।
आर्थिक उन्नति के लिये
-!! ओम् हृी श्रीं क्लीं क्रों घण्टाकर्ण महावीर लक्ष्मीं
प्ूारय पूरय सुख सौभाग्यं कुरु कुरु स्वाहा!!
सुख समृद्घि के लिये-
!! ओम् ऐं हृीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे!!
नौकरी के लिए-
!! ओम् वर – वरदाय सर्वकार्य सिद्घि करि करि ओम् नम: !!
मुकदमें में विजय प्राप्ति हेतु-
!! शूलेन पाहि नो देवि पाहिखड्गेन चाम्बिके!
घंटा स्वनेन न: पाहि चापज्यानि: स्वनेन च: !!
ऋण मुक्ति हेतु-
!! ओम् ऋणहर्तायै नम: !!
विदेश यात्रा व वहां की सफलता प्राप्ति के लिये-
!! क्षं फट् !!
नशा मुक्ति के लिए स्वयं करें या अभिभावक करें –
!! ओम् ग्लौं सर्व साक्षी प्राण आत्मने नम: ग्लौं ओम् !!
यदि किसी शत्रु से त्रस्त है-
!! ओम् हृीं हृीं हर हर बधि स्वाहा !!