आखिर देश में खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने के कारण क्या है। इसके पीछे प्रमुख तौर पर दो वजहे हैं। पहला सप्लाई और मांग में अंतर कम होना दूसरा कुछ कारोबारियों की ओर से की गयी जमाखोरी दालों की कीमतें काबू करने के लिए केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है लेकिन इसमें असली काम राज्य सरकारं को करना है।
जब तक राज्य सरकारे अपने राज्यों में दालों की कमी पूरा करने के लिए केन्द्र से सस्ती दाल खरीद कर मुहैया नहीं कराएंगी तब तक जनता को फायदा नहीं पहुंचेगा।
दूसरी बड़ी बात ये है कि राज्यों को ग्राहकों तक सप्लाई करने के लिए बुनियादी ढांचे को मजूबत करना होगा।
राज्यों के ही जिम्मे जमाखोरों पर काबू पाना भी है जो कीमतें बढने के लिए जिम्मेदार है।
देश में दालों की मांग और सप्लाई में 76 लाख टन का अंतर है जिसे पूरा करने के लिये अतिरिक्त आयात की संभावनाए तलाशने एक उच्चस्तरीय टीम जल्दी ही उन देशों के दौरे पर जाने वाली है जहां से दाल का आयात किया जा सकता है।
जानकार मानते हैं कि आयातित दालों के देश में आने और केन्द्र के बफर स्टॉक के बाजार में उतरने से कीमतें काबू में आ सकती हैं।
बात अगर सब्जियों की करें तो बारिश तथा कुछ स्थानीय कारणों से टमाटर जैसी सब्जियों के दामों में भी थोडी तेजी देखी गयी है जिसे काबू में करने की कोशिशें हो रही है।
कुल मिलाकर केंद्र सरकार कीमतों पर हर संभर कोशिश कर रही है लेकिन असल बात ये कि अगर केंद्र को राज्य सरकारों का साथ न मिला तो कीमतों को कम करना कठिन होगा।