9 जून 2015 , मदन गुप्ता ‘सपाटू’ : ज्योतिष में वे सभी रहस्य छिपे हुए हैं जो आप अपने बारे नन्ही आखों से नहीं देख सकते। ज्योतिषी अपनी गणना में गलत हो सकता है ज्योतिष शास्त्र नहीं। और यह गणना ज्योतिषी के अनुभव, ज्ञान, उसकी विश्लेषण योग्यता, जन्मपत्री का सही समय आदि कई बिंदंुओं पर निर्भर करता है। एक डाॅक्टर मरीज का डायग्नोसिस करके तभी रोग बता सकता है जब रोग हो चुका हो परंतु जन्मपत्री के माध्यम से उस दिन ही सब रोग पता चल जाते हैं जिस दिन वह मनुष्य इस धरती पर जन्म लेता है। पहले दिन ही बताया जा सकता है कि जातक को कब कौन सा रोग होगा? ऐनक किस आयु में लगेगी
दुर्घटना कब घटेगी जोड़ों का दर्द कब होगा सर्जरी कब होगी
किस भाग की होगी, फ्रैक्चर शरीर के किस भाग में और कब होगा, दिल की बीमारी होगी या नहीं, क्षय रोग होगा या कैंसर, रक्तचाप, एलर्जी, गठिया, किडनी आदि के रोग होंगे या नहीं, हांेगे तो किस वर्ष में आदि आदि। सब कुछ पहले ही तय है और बताया जा सकता है। परंतु मानव व्यवहार ऐसा है कि अपने बारे में कुछ भी नकारात्मक सुनना ही नहीं चाहता और ज्योतिषी के पास वह सब कुछ अच्छा अच्छा सुनने जाता है जो उसके मन में पहले से ही होता है। अतः रोग होने से पहले जानने में और उसकी सावधानी रखने में चूक जाता है।
चिकित्सा विज्ञान तो रोग घटित होने पर ही बता सकता है कि कैंसर की तीसरी स्टेज है या गाॅल ब्लैडर में पथरी है परंतु आपकी जन्मपत्री और अनुभवी ज्योतिषी आपको बरसों पहले आने वाले रोग से आगाह कर सकता है। जैसे किसी भी विषय की अलग अलग स्पेशलाइजेशन होती है वैसे ही ज्योतिष शास्त्र में भी भविष्यकथन की भिन्न भिन्न शाखा,ं हैं जिसमें सिद्धस्त ज्योतिषी ही ठीक भविष्यवाणी कर सकता है। ज्योतिषशास्त्र की मेडीकल शाखा पर अनेक विद्वानों ने अनुसंधान करके अनेकों पुस्तकें लिखीं हैं जिनमें वे सभी योग अपने अनुभवों के अनुसार लिखे हैं जिनसे ये रोग होते हैं। किस दशा में होंगे यह जानना और महत्वपूर्ण हो जाता है ताकि समय रहते उपचार आरंभ कर दिया जाए।
इस लेख में हम केवल हृदय रोग के विषय में बात करेंगे क्योंकि हार्ट अटैक या इससे संबंधित रोगों में गत कुछ वर्षों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। हर परिवार में कोई न कोई मिल जाता है जिसके सटेंट पड़ा है या बाईपास सर्जरी हुई है या इस रोग के लक्षण परिलक्षित हो रहे हैं। मेडीकल विज्ञान इसका कारण गलत जीवन शैली, अनावश्यक प्रतिस्पद्र्धा, समय रहते चेकअप न करवाने आदि को दोष देता है जो किसी सीमा तक तो ठीक है परंतु हमने अपने अनुसंधान में पाया कि यदि जन्मपत्री में वे योग जन्मकालिक ही हैं तो भी अच्छे खानपान, सादा जीवन, रोजाना की सैर, टंेंशन-फ्री -लाईफ के बावजूद ओपन हार्ट सर्जरी हो गई!
कुंडलियों का विश्लेषण
चंडीगढ़ के एक प्रसिद्ध हार्ट केयर अस्पताल के कार्डियो विभाग के मरीजों की कुंडलियों का विश्लेषण और उनसे बातचीत करने पर पाया कि यदि हार्ट अटैक का कम्बीनेशन आपकी कुंडली में है तो आपको अच्छे से अच्छा सर्जन या हृदय रोग विशेषज्ञ भी इस रोग से नहीं बचा सकता। इस अस्पताल में एक हार्ट स्पेशलिस्ट डाॅक्टर, एक किसान, एक फौजी, एक महिला, एक 12 साल का बच्चा जब बाई पास करवाते दिखे तो उन्होंने उन सभी तथ्यों की पुष्टि की जिनसे हार्ट प्राॅब्लम नहीं होनी चाहिए और फिर भी अच्छी सेहत, उचित रखरखाव और नियमित व्यायाम, योगासनों आदि के बावजूद हो गई। हृदयाघात पुराने जमाने में भी होते थे परंतु कारण समझ नहीं आता था और परिवारजन यही कहते नहीं थकते थे कि बहुत अच्छे कर्म कि, थे, बस एक मिनट लगा, आवाज दी और संसार से चुपचाप विदा हो गए। कोई सेवा नहीं करवाई। आज चिकित्सा विज्ञान सूक्ष्म स्तर पर इसके कारणों की परख और ईलाज करता है।
यों तो ज्योतिष शास्त्र की मेडीकल शाखा बहुत विशाल तथा चिकित्सा विज्ञान की तरह ही कम्पलीकेटिड है फिर भी हम एक आम पाठक की सुविधा के लिए कुछ योग बता रहे हैं जो वे स्वयं अपनी कुंडली में देख सकते हैं या सुयोग्य ज्योतिषी को दिखा सकते हैं जिसका इस शाखा में पूर्ण अनुभव हो। एम्स सहित कई अन्य चिकित्सा प्रतिष्ठानों के ऐसे चिकित्सक भी मिले जो रोग ढूंढने में इस शास्त्र का भी सहारा लेते हैं। कुछ बड़े डाॅक्टरों ने ज्योतिष शास्त्र की बाकायदा विधिवत् शिक्षा भी ली है।
कुंडली में प्रथम भाव शरीर, चैथा व पांचवां छाती व हृदय का, छठा भाव रोग, ऋण व रिपु का माना गया है। बारहवां भाव अस्पताल और व्यय का होता है। आठवां मृत्यु स्थान कहलाता है। यदि इन तीनों भावों
i am a heart patient have undergone bypass surgery on 09-01-2012 my date of birth is 11 -01-1957 time 4.15 am birth place is Barog Solan HP .When i will get heart attack .
मदन जी कृपया मुझे सही मार्ग बताएं
अभी तक कोई काम नहीं बन पाया एक कंपनी खोली है पार्टनरशिप में वो ही कम शुरू नहीं हो प् रहा जन्म तारीख 2 मार्च 1982 सवेरे 5:25 min कृपया करें।