पंडित चन्द्र भूषण, चंडीगढ़ : विश्व के समस्त भक्त जनों 9 मई 2016 को अक्षय तृतीया आ रहा हे बहुत से भक्त लोग इस दिन के महत्व को भली प्रकार नही जानते , आज में आप सभी को संछेप में इस विशेष पर्व का महत्व बता रहा हूँ , अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ और अक्षय तृतीया के दिन जो कुछ भी हम पुण्य कर्म करते हैं दान करते हैं हवन करते हैं जब करते हैं शीर्ष करते हैं गंगा स्नान करते हैं उसका अक्षय फल की प्राप्ति होती है अक्षय का मतलब है जो कभी खत्म नहीं होता है इसलिए अक्षय तृतीया के दिन प्रातः काल पर मुहूर्त में उठकर के अपने अपने इष्ट देवता का ध्यान करें पूजन करें तत्पश्चात दान करें और जो कुछ भी आप अक्षय तृतीया के दिन खरीदारी करते हैं सुबह भी अक्षय फल की प्राप्ति होती है और अक्षय तृतीया का जो विशेष महत्व है वह गंगा स्नान का है उसमें स्थान करना जो लोग नाश्ता नहीं कर सकते हैं प्रातः काल जल में गंगाजल मिलाएं और गंगा जी का ध्यान करें गंगा जी का 11 बार हर हर गंगे हर हर गंगे हर हर गंगे हर हर गंगे …. बोल कर स्नान करैं आपको गंगा का फल अवश्य प्राप्त होता है
अक्षय तृतीया की कुछ महत्वपुर्ण जानकारी इस प्रकार हे
आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था ।
महर्षी परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था ।
माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था
द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था ।
कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था ।
कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था ।
सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था ।
ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था ।
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है ।
बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो बस्त्र से ढके रहते है ।
इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था ।
अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है