शिखा शर्मा , चंडीगढ़ : समाज में हर तरह की समस्याओं की भरमार है. दिन-प्रति-दिन नई-नई समस्याएं उत्पन्न होती जा रही है. इन समस्याओं का निदान व निपटान करने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठन बीड़ा उठा रहे है. किन्तु अभी भी एक ऐसी समस्या है जो अपना विकराल रूप धारण कर चुकी है. इसके लिए शासन द्वारा राज्य स्तर पर नि:शुल्क केंद्र भी स्थापित किए है लेकिन फिर भी इसके निदान में कोई इजाफा नहीं है. इसका व्यापार भी जोरों-शोरों से फल-फूल रहा है. छोटी-बड़ी थैलियों और बोतलों में गली, दुकानों और मॉल में बेचा जा रहा है. किशोर, युवा वर्ग से लेकर अधेड़ और बुजुर्ग तक इसके शिकंजे में घिरे हुए है. स्कूल, कालेज यहां तक रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और नुक्कड़ चौराहों पर हर कोई छोटा-बड़ा इसका सेवन करता दिखता है. इसका सेवन करने से क्या परिणाम होगा यह ज्ञात होने के बावजूद भी बहुत ही शौकिया अंदाज में उसमें लीन रहते है. बहुत ही आनन्द के साथ इसका लुत्फ़ उठाते है. घर-घर में अपना घर बना चुका नशा हर घर की दीवारें खोखली कर रहा है.
नशा चाहे शराब का हो गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकु धूम्रपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक या फिर कोकिन सभी मानव जीवन के लिए मौत समान घातक है. ये सभी नशीले पदार्थ सेहत के लिए कितने घातक है ये सब जानते हुए भी कोई इससे परहेज नहीं चाहता. इन मादक पदार्थों पर चेतावनी के रूप में सुझाया भी गया है कि किस हद तक ये शरीर के लिए हानिकारक है. फिर भी इसके नशे में लिप्त होकर आनंदित हो उठते है.
कोकीन, चरस, अफीम ऐसे उत्तेजना लाने वाले पदार्थ है जिसके प्रभाव में व्यक्ति अपराध कर बैठता है. इसी तरह तंबाखू के सेवन से तपेदिक, निमोनिया और सांस की बीमारियों सहित मुंह, फेफडे और गुर्दे में कैंसर होने की संभावनाएं रहती हैं. इससे उच्च रक्तचाप की शिकायत भी रहती है. कोकीन, चरस, अफीम के अलावा शराब एक ऐसा नशा है जिसका तक़रीबन हर घर में एक व्यक्ति इसका आदी है. डॉक्टरों का कहना है कि शराब के सेवन से पेट और लीवर खराब होते हैं. इससे मुंह में छाले पड़ सकते हैं और पेट का कैंसर हो सकता है. पेट की सतही नलियों और रेशों पर इसका असर होता है. यह पेट की अंतड़ियों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ अल्सर की बीमारी भी उत्पन्न करती है. शराब के कारण गले और पेट को जोड़ने वाली नली में सूजन आ जाती है और बाद में कैंसर भी हो सकता है. इसी तरह गांजा और भांग जैसे पदार्थ इंसान के दिमाग पर बुरा असर डालते हैं. नशे के कारण शरीर को इतना अत्यधिक नुकसान है लेकिन इसकी तलब से व्यक्ति उभर नहीं पाता.
रुपयों पैसों से संपन्न लोग अपनी शानगी दिखाने के लिए आयोजनों में बड़े-बड़े ब्रांड्स का उपयोग करते है. कुछ लोग शौकिया तौर पर इसका इस्तेमाल करते है लेकिन धीरे-धीरे कब उनका शौक तलब और आदत बन जाता है पता ही नहीं चलता. इसी तरह जब निम्न व् मध्यमवर्गीय लोग इसके चुंगल में फंस जाता है. नशे का पूर्णत: आदि हो चुका अपनी तलब पूरी करने के लिए गलत रास्ते को अपना लेता है. इसी नशे के कारण हजारों लाखों घर बर्बाद हो रहे है. घरों में घरेलू हिंसाओं से तादाद बढ़ रही है. घरों में कलह-क्लेश के चलते बच्चों पर बुरा असर पड़ता है. कुंठित हो चुके बच्चे या तो उन्हीं के नक्शे क़दमों पर चलते है या फिर दब्बू बन जाते है. आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद तलबी खून-खराबे, हत्या, चोरी- डकैती की तरफ पलायन कर लेता है.
भारत के गुजरात, नागालेंड, मणिपुर, केरल और अभी हाल ही में बिहार राज्य में शराब पर प्रतिबन्ध लगा दिया. वहीं उत्तर भारत में पंजाब एक ऐसा राज्य है जिसे नशे का गढ़ कहा जा सकता है. पंजाब नशे से इतनी बुरी तरह प्रभावित है कि हरेक युवा, किशोर और बुजुर्ग नशे की चपेट में है. पिछले दो दशकों से पंजाब का युवा अफीम, हेरोईन और कोकीन का सेवन कर रहा है और दिन व दिन नशा करने वालों में इजाफा हो रहा है. इसका कारोबार बढ़ाने के लिए कई अवैध तरीके से बिक्री कर रहे है. एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के 75 प्रतिशत लोग नशे के शिकार है. इसके साथ ही 30 प्रतिशत ऐसे लोग है जो एच.आई. पोजिटिव है. नशे से छुटकारा दिलाने के लिए पंजाब के कई हिस्सों में नशा मुक्ति नि:शुल्क केद्र भी खोले गये है लेकिन इसके विपरीत नशा करने वालों की संख्या ज्यादा है. जो या तो नशा मुक्त नहीं होना चाहते या फिर रोजगार और घरेलु समस्याओं जैसी परेशानियों से दूर रहने के लिए नशे में लिप्त है.
नशे के कारण नशा करने वाला, उसका परिवार, समाज, देश सभी असहज स्थिति में है. नशे से छुटकारा पाने के लिए स्वयं में संयम रखना जरूरी है. हालांकि ये कर पाना आसान नहीं है लेकिन स्वप्रेरणा से कुछ संभव हो सकता है. नशा मुक्ति केंद्र भी नशा छुडवाने में कारगर है. इसके अलावा कुछ समय तक नशे से और नशा करने वाले से दूर रहने का प्रयास किया जाए तो धीरे-धीरे इसकी आदत छूटने लगेगी. हमें जीवन एक बार मिलता है और बहुमूल्य जीवन को जानबूझ कर नशे की गंदगी तरफ न धकेले.