भारत चेतना मंच : स्मार्टफोन का एक और खतरा आया सामने आया है, ज्यादा प्रयोग के कारण उँगलियाँ
टेढ़ी होती जा रही हैं, आमतौर पर स्मार्टफोन से होने वाले खतरों के बारे में तो हम जानते ही हैं लेकिन स्मार्टफोन से होने वाले एक बारीकी खतरे का खुलासा हुआ है, जिसके बारे में कम ही लोग अंदाजा लगा पाते हैं कि उनके साथ ऐसा कुछ हुआ है ।
इस खुलासे के अंतर्गत इस बात का पता लगाया गया है कि स्मार्टफोन के प्रयोग से हमारी उँगलियाँ पतली पड़ जाती हैं । अगर आप भी स्मार्टफोन प्रयोग कर रहे हैं तो एक बार इसका पता लगायें कहें आप जिस हाथ से फोन यूज करते आ रहे हैं उसकी सबसे छोटी उंगली में कहीं घुमाव या टेढापन तो नहीं आ गया है????
हाल ही में कई स्मार्टफोन यूजर्स के साथ यह समस्या नोट की गयी है। उनकी उंगलियां टेढ़ी होती जा रही हैं। सिडनी मॉर्निंग हेरल्ड की रिपोर्ट की माने तो जो लोग दिन में कम से कम 6 घंटों के लिए स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं, उनके
हाथ की सबसे छोटी उंगली में हल्का सा टेढापन आ जाता है।
हालाँकि इस टेढ़ेपन को कम ही लोग जान पाते है क्योंकि ये ज्यादातर बेहद सूक्ष्म या रोजाना की आदत का हिस्सा बन गया होता है । विशेषज्ञों ने उंगली में आने वाले इस टेढ़ेपन को स्मार्टफोन पिंकी का नाम दिया गया है।
उंगली में घुमाव आने का मुख्य कारण हमारे स्किन के नीचे के टिश्यूज का नर्म पड़ना और फिर धीरे धीरे उसका स्थायी हो जाना है। अगर कोई प्रयोगकर्ता स्मार्टफोन का दिन में कम से कम 6 घंटों के लिए प्रयोग करता है, तो उसके नर्म टिश्यूज पर पड़ने वाले मोबाइल के भार को इसकी वजह माना जा रहा है।
जिस हाथ से हम स्मार्टफोन का प्रयोग कर रहे हैं उस हाथ की सबसे छोटी उंगली में
यह टेढापन स्मार्टफोन के भार का पूरा वजन उसी उंगली पर टिके रहने के कारण आता
है । अगर हमें इससे बचना है तो इसका एक ही तरीका है हम स्मार्टफोन का कम से कम
इस्तेमाल करें या उसे एक ही तरह पकड़ने की आदत ना डालें बल्कि उसे अलग अलग तरह
से पकड़कर प्रयोग करने का तरीका बदलते रहें।
कान में इयरफोन लगा कर गाना सुनना बना सकता है आपको नपुंसक आज कल हर जगह आपको बहुत से युवा कानों में इयरफोन लगा कर गाने सुनते हुए अपनी ही धुन में नाचते हुए मिल जाएंगे, पर आप यह नहीं जानते कि उनमें से अधिकाँश
अपने आपको नपुंसक बना रहे हैं।
एक शोध के अनुसार
दिन में 1 घंटे तक इयरफोन लगाने से आपको चिड़चिड़ाहट व् खीज जैसी समस्याएँ सामने
आ सकती हैं।
दिन में 1-2 धंटे तक इयरफोन लगाने वालों को चिड़चिड़ाहट, के साथ साथ ऊंचा सुनाई
देने का खतरा बढ़ जाता है।
दिन में 2-3 घंटे तक इयरफोन लगाने वालों को उपरोक्त समस्याओं के साथ साथ
डिप्रेशन का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
दिन में 3-4 घंटे तक कान में इयरफोन लगाने से नपुंसकता का खतरा 80% बढ़ जाता है।
इससे अधिक इस्तेमाल करने वालों को पागलपन व् मानसिक उन्माद हो सकता है या ब्रेन ट्यूमर हो सकता है या मानसिक दवाब अधिक होने से उसकी मृत्यु हो सकती है। वैसे भी भारत में हर साल लाखों लोग इयरफोन लगा होने के कारण दुर्घटना में अपनी जान गँवा देते हैं।
आप सभी से अनुरोध है कि अधिक से अधिक लोगों को इस खतरे की जानकारी दें ताकि किसी को भी इन व्यर्थ की चीजों में फंस कर अपने प्राण न गंवाने पडें। अपना देश अपनी सभ्यता अपनी संस्कृति अपनी भाषा अपना गौरव
वंदे मातरम्
# भारतीय स्वदेशी पीठ