सरे आम पिटाई फिर भी निशान नहीं – सिम्स , बिलासपुर
BY अरुण कान्त शुक्ला : छत्तीसगढ़ प्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाले शहर बिलासपुर में रविवार , 12 सितम्बर की रात उत्तरप्रदेश गाजियाबाद के रहने वाले महेंद्रसिंह यादव का जीवन एक आला पोलिस अधिकारी के सम्मान की भेंट चड़ गया | बिलासपुर जिले के पोलिस कप्तान जयंत थोरात , बिलासपुर की बसस्टेंड स्थित टाकीज जीत में शाम का शो देखने गये थे | शो छूटने के बाद रात्री नौ बजे बाकी दर्शकों के साथ जयंत थोरात भी अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ बाहर निकलने लगे | उस समय मुख्य द्वार पर तैनात टाकीज का गार्ड महेंद्रसिंह दर्शकों को लाइन से बाहर निकलने के लिए कह रहा था , ताकि धक्का मुक्की न हो | महेंद्रसिंह सादी वर्दी में सलमान की ‘दबंग’ देखकर बाहर निकल रहे एस पी को नहीं पहचान पाया और उसने एस पी और उनके सुरक्षा कर्मियों को भी वैसा करने के लिए कह दिया | उसे क्या मालूम था कि उसकी इस अनजानी गलती का खामियाजा उसे अपनी जान देकर चुकाना पडेगा | ‘दबंग’ देखकर लौट रहे एस पी जयंत थोरात को यह बात इतनी नागवार गुज़री कि उन्होंने पार्किंग पहुँचने तक अपने सुरक्षा कर्मियों को उसे सबक सिखाने का इशारा कर दिया | फिर क्या था , पोलिस कर्मियों ने उसे इतना पीटा कि वह स्पाट पर ही मर गया |
इस पूरे मामले से न केवल एस पी जयंत थोरात ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की है कि वे तो 8.30 बजे शो खत्म होने के बाद निकल गए थे और उनके सुरक्षा कर्मी भी घटना के समय वहाँ मौजूद नहीं थे बल्कि रेंज के आई जी भी उनके बचाव में कह रहे हैं कि घटना के समय एस पी थोरात और उनके सुरक्षा कर्मी कोई भी वहाँ मौजूद नहीं था | उनके अनुसार यह कांड एक नवआरक्षक और उसके साथियों का है , जिनका टिकिट खरीदते समय उस गार्ड से विवाद हुआ था | कोढ़ में खाज यह है कि आई जी अरुणदेव गौतम यह मानते हैं कि विवाद होने पर नवआरक्षक ने अपने साथियों को बुलाकर महेंद्रसिंह के साथ मारपीट की , जिससे वह बेहोश होकर गिर पड़ा और पोलिस ने उसे जब अस्पताल पहुंचाया तो वह मर चुका था | लेकिन बिलासपुर के सिम्स अस्पताल ने पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया है कि मृतक के शरीर पर न तो अंदरूनी चोट है और न ही बाहर कोई निशान मिला | पोस्टमार्टम के लिए पांच डाक्टरों की टीम बनाई गई थी , जिसमें डीन डा.एस के मोहंती के अलावा प्रो. रमनेश मूर्ति , डा. अनिल कुमार , डा. नीरज शिंदे व डा. एच शुक्ला शामिल थे |
अभी तक प्राप्त खबर के अनुसार बिलासपुर कलेक्टर सोनमणी बोरा ने दंडाधिकारी जांच के आदेश दिए हैं और बिल्हा ब्लाक के एसडीएम चंदन त्रिपाठी को 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है | छत्तीसगढ़ गृह विभाग के प्रमुख सचिव एन के असवाल ने भी मारपीट के दौरान एस पी की भूमिका के संबंध में कलेक्टर सोनमणि बोरा से रिपोर्ट मंगाई है | यह भी समाचार है कि राज्य के गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने एस पी जयंत थोरात से पूछताछ की है , पर इसका ब्यौरा अप्राप्त है | इस पूरे कांड से और विशेषकर शासन प्रशासन के द्वारा इसे रफा दफा करने के प्रयासों से न केवल बिलासपुर शहर बल्कि पूरे प्रदेश में क्षोभ की लहर है |
AAP SABHI MEDIA VALO SE HAMARA NIVEDAN HAI KI LATE- MAHENDR SINGH KO JB TAK NEAY NAHI MIL JATI ? SATH DIJIYE jai hind sir
JURM CHAHE JO KARE VO S.P HO YA D.M. YA KOI MANTRI HO USE SAJA MILLNA CHAHIYE,LATE-MAHENDR SINGH KE PARIVAR VALO KO NEYA MILNA CHAHIYE VARNA HAR INSAN KA VISVAS UT JAYEGA KANUN SE,,, JO BHI KUCH BAKI HAI??? RITESH TIWARI DURG(C.G.)