राजीव प्रताप : अब भारत की सेना के भी अच्छे दिन आ रहे है, जैसा कि श्री नरेंद्र मोदी जी ने चुनाव के दौरान यह घोषणा की थी कि वह भारत के अच्छे दिन लेकर आएंगे। मैं पूर्ण सत्य होता प्रतीत हो रहा है आज हर कर्मचारी खुश हैं हर गरीब के सपने पूरे हो रहे हैं हर छात्र को उचित ट्रेनिंग कराई जा रही है।
आज भारत का वैज्ञानिक दिल खोल कर प्रशिक्षण कर रहा है मोदी सरकार उन्हें नए-नए प्रशिक्षण करने के लिए प्रेरित कर रही है और हरसंभव उन्हें सहायता प्रदान कर रही है जैसा की पिछली सरकारें विज्ञानिकों को खुलकर कार्य करने नहीं दे रही थी । उसी का नतीजा है भारत क्षमता रखते हुए भी पीछे था पर अब वक्त बदल रहा है और भारत पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद के स्वप्न को अवश्य पूरा करेगा और 2020 तक भारत विश्व में अपनी एक विशेष स्थान प्राप्त कर चुका होगा।
भारतीय वायुसेना के गौरवमई इतिहास से हम सभी परिचित हैं परंतु जब क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सुखोई-30 द्वारा सफल प्रशिक्षण किया गया तब मानो सभी सैनिक यह सुख में एहसास कर रहे थे की भारतीय वायुसेना के अच्छे दिन आ रहे हैं । दुनिया की सबसे ताकतवर क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को हवा में दागने की प्रणाली का सफल परीक्षण किया गया है। हवा से जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस का शनिवार को नासिक में सफल परीक्षण किया गया।
आवाज से भी तेज गति से चलने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दागने का यह दुनिया का पहला प्रयोग है। यह शक्तिशाली मिसाइल दुश्मन के इलाके में काफी अंदर तक जाकर मार करने में सक्षम है। यह दृश्यता सीमा (विजुअल रेंज) के बाहर के भी ठिकानों पर सटीक मार कर सकती है। सुखोई से ब्रह्मोस दागने की सुविधा से वायुसेना की युद्धक क्षमता में बड़ा इजाफा होगा। यह प्रणाली दुश्मन की मजबूत हवाई रक्षा व्यवस्था को भेदने में भी सक्षम है।
एयरक्राफ्ट 45 मिनट तक हवा में रहा। विंग कमांडर प्रशांत नायर और विंग कमांडर एमएस राजू ने इस ऐतिहासिक उड़ान का नेतृत्व किया। हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक टी सुवर्ना राजू ने बताया कि इस पहली उड़ान के साथ ही करीब 40 सुखोई-30 एमकेआई एयरक्राफ्ट में बदलाव किया जाएगा। राजू ने कहा कि यह मेक इन इंडिया और उड्डयन के क्षेत्र में इंजीनियरिंग के चमत्कार का शानदार उदाहरण है।
अगर इसका वास्तविक परीक्षण सफल रहा तो भारतीय वायुसेना क्रूज मिसाइल से लैस लड़ाकू विमानों वाला दुनिया की पहली वायुसेना होगी। रक्षा मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक इस परीक्षण पर दुनिया भर के देशों की पैनी नजर है। खासतौर पर चीन और पाकिस्तान के लिए यह बेचैन करने वाली खबर है।
(समाचार पत्रों का आभार)