रजत सिंह : देश भर में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद सबसे अधिक चर्चा का विषय है आरक्षण… !
सुविधा सम्पन पाटीदार समाज ने भी गुर्जर और जाट समाज की तरह आरक्षण माँगा।
क्या वो आरक्षण ख़त्म करने की मांग नही कर सकते थे ?
हाँ ,जरूर कर सकते थे लेकिन जाट ,गुर्जर और पाटीदार सभी को शायद इस बात
का अंदाजा है की आरक्षण को ख़त्म नही किया जा सकता है ?
लेकिन आंदोलन करने से आरक्षण मिल जरूर सकता है………………!!
क्या वाकई आरक्षण को ख़त्म नही किया जा सकता………?
हाँ , जरूर किया जा सकता है ,लेकिन एक झटके में ही आरक्षण को ख़त्म करना
शायद किसी भी सरकार के लिए असम्भव जरूर है………………!!
क्यों…? , क्या ऐसी किसी सरकार को फिर कभी आरक्षित वर्ग वोट देगा……?
कभी नही……. , तो फिर कोई सरकार अपने पैरों पर कुल्हाड़ी क्यों मारेगी ?
और आरक्षण समाप्ति की घोषणा से इतने दिनों से आरक्षण की मलाई खा रहा
आरक्षित वर्ग सड़कों पर नही उतर आयेगा…………?
इस से देश में संघर्ष के हालात पैदा होने से भी इंकार नही किया जा सकता।
तो फिर आरक्षण को कैसे ख़त्म किया जा सकता है ?
मैं इसके लिए कुछ सुझाव देना चाहूँगा।
पहला सुझाव………………..
आर्थिक आधार पर आरक्षण
सरकार को चाहिए की जाति आधारित आरक्षण की बजाय आर्थिक आधार पर आरक्षण दे।
लेकिन ऐसा आरक्षित वर्ग को विश्वास में लेकर ही किया जा सकता है।
दूसरा सुझाव
100 % आरक्षण
सबसे प्रभावी सुझाव
जनरल वर्ग को चाहिये की सरकार से 100 % आरक्षण लागू करने के लिये कहे
जनसँख्या के हिसाब से सभी को आरक्षण मिले , चाहे वो ब्राह्मण हो या
राजपूत………………
जैसे ब्राह्मण जनसंख्या 7 % है तो उसे 7 % आरक्षण मिले।
अगर ऐसी नीति लागू होती है तो ये आगे चलकर आरक्षण मुक्त भारत का कारण बनेगी।
क्योंकि लोहा ही लोहे को काटता है।
तीसरा सुझाव
क्रमबद्ध आरक्षण का नाश
इसके लिए सरकार को चाहिए की वो सबसे पहले जनरल /OBC /SC /ST सभी के लिए
सामान रूप से फ़ीस लागु करे , चाहे वो किसी प्रतियोगी परीक्षा के लिए
फॉर्म भरते समय लिए जाने वाला शुल्क हो या फिर किसी कॉलेज या संस्था में
फ़ीस जमा करवानी हो। सभी के लिए समान शुल्क होना चाहिए। केवल BPL या
आर्थिक आधार पर ही शुल्क में छूट हो।
इसके बाद शिक्षा में आरक्षण को ख़त्म करना चाहिए।
चाहे वो IIT ,PMT की प्रतियोगी परीक्षा हो या फिर किसी सामान्य कॉलेज में
प्रवेश की प्रकिया,
शिक्षा में आरक्षण पूर्ण रूप से ख़त्म होना चाहिए।
जब ये लागु होगा उसके बाद ही अन्य विभागों से आरक्षण ख़त्म करने के लिए
कदम बढ़ाये जा सकते है।
उपर दिए तीनो सुझावों में से कुछ बातें कॉमन है –
१ ये मांगे मनवाने के लिए जनरल समाज को सड़कों पर मतलब घर से बाहर
निकलकर धरने ,प्रदर्शन करने होंगे , फेसबुक ,ट्विटर पर चिल्लाने से कुछ
नही होगा।
२ सरकार चाहे १०० % आरक्षण लागू करे लेकिन आर्मी , मेडिकल और शिक्षा को
आरक्षण से मुक्त रखना चाहिए।