हिमांशु मिश्रा : पपीता एक जायकेदार फल होने के साथ ही कई खूबियों से भरपूर होता है. जब किसी को आंखों में कमजोरी या पेट की तकलीफ होती है, तब डाक्टर उसे पपीता खाने की सलाह देते हैं. पपीता हर जगह आसानी से मिलने वाला फल है । पपीता एक स्वादिष्ट तथा लाभदायक फल है जो हर जगह सरलता से लगाया जा सकता है। आप निम्न तकनीकी अपनायें और पपीता लगायें।
जातियों में बड़वानी लाल एवं पीला, हनीड्यू, पूसा डेलीसियस, कोयम्बटूर नं.2,3,5,6 तथा पूसा ज्वाइंट तथा पूसा नन्हा इसके अतिरिक्त विभिन्न निजी कम्पनियों के द्वारा भी पपीते की अच्छी किस्में बाजार में उपलब्ध कराई हैं।एक हेक्टर क्षेत्र के लिये 500 ग्राम बीज पर्याप्त है। संकर किस्मों का केवल 250 ग्राम बीज पर्याप्त होता है। रोपण 2 मीटर दूरी पर 50&50&50 से.मी. लम्बा-चौड़ा तथा गहरा गड्ढा तैयार करें। प्रति गड्ढा 20 किलो गोबर खाद पौध लगाने के 10 दिन पहले डालें गोबर की खाद के अलावा 500 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट तथा 250 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश भी डालें। उर्वरक एवं खाद वर्ष में 6 बार डाले जिसमें 90 ग्राम यूरिया, 250 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट तथा 125 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति पौध।
पपीता एक स्वादिष्ट तथा लाभदायक फल है जो हर जगह सरलता से लगाया जा सकता है। आप निम्न तकनीकी अपनायें और पपीता लगायें।
जातियों में बड़वानी लाल एवं पीला, हनीड्यू, पूसा डेलीसियस, कोयम्बटूर नं.2,3,5,6 तथा पूसा ज्वाइंट तथा पूसा नन्हा इसके अतिरिक्त विभिन्न निजी कम्पनियों के द्वारा भी पपीते की अच्छी किस्में बाजार में उपलब्ध कराई हैं।एक हेक्टर क्षेत्र के लिये 500 ग्राम बीज पर्याप्त है। संकर किस्मों का केवल 250 ग्राम बीज पर्याप्त होता है। रोपण 2 मीटर दूरी पर 50&50&50 से.मी. लम्बा-चौड़ा तथा गहरा गड्ढा तैयार करें। प्रति गड्ढा 20 किलो गोबर खाद पौध लगाने के 10 दिन पहले डालें गोबर की खाद के अलावा 500 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट तथा 250 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश भी डालें। उर्वरक एवं खाद वर्ष में 6 बार डाले जिसमें 90 ग्राम यूरिया, 250 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट तथा 125 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति पौध।