गोरखपुर, 01 अक्टूबर। युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 46 वीं एवं राष्ट्र संत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की प्रथम पुण्यतिथि समारोह के अन्तर्गत लगभग तीन घण्टें चली राष्ट्र संत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की श्रद्धान्जलि सभा में राष्ट्र स ंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की स्मृति में डाक टिकट जारी करते हुए मुख्य अतिथि भारत सरकार के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री माननीय रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारतीय संस्कृति, हिन्दू चिन्तक, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सामाजिक समरसता के अग्रदूत महन्त अवेद्यनाथ ज ी महाराज पर डाक टिकट जारी करते हुए मैं आहलादित हूँ और गौरवान्वित भी।
डाक टिकट पर लगे चित्र के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह चित्र उनकी प्रतिभा और तेजस्वि ता का परिचायक है। गुरू गोरखनाथ मन्दिर भारत की संस्कृति, संस्कारों और परम्परा का मन्दिर है। उन्होंने क हा यह पीठ धन्य है, जहाँ ऐसे सन्तों ने अपनी कर्मस्थली बनायी। जब कलकत्ता में बेटियों को कुछ धर्माचार्यो द्वारा वेदपाठ करने से रोका गया , उस समय नारी सशक्तिकरण को महत्व देते हुए ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज ने इसका विरोध किया । महन्त अवेद्यनाथ महाराज ने एक ऐसे भारत का स्वप्न देखा जहाँ राष्ट्रवाद, सामाजिक समरसता, हिन्दुत्व और विकास दिखायी दे। उनका वह स् व प्न वर्तमान की केन्द्रीय सरकार पूरी कर रही है। अयोध्या में राम मन्दिर के प्रकरण पर उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर मन्दिर का निर्माण महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज का सप ना था। मैं श्रीरामजन्म भूमि मन्दिर का वकील रहा हूँ। उच्च न्यायालय इलाहाबाद से हम विजय प्राप्त कर चुके है कि जहाँ रामलला हैं , मन्दिर वहीं बनेगा।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है , मेरा विश्वास है कि वहॉ भी हमें जीत मिलेगी, यह बात वतौर अधिवक्ता कह रहा हूँ। बेटियों का े पढ़ने और आगे बढ़ने पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ द्वारा गोरखपुर में प्रथम महिला महाविद्यालय की स्थापना 1948 में ही हो चुकी थी। अध्यक्षीय उद्बोधन के प्रारम्भ में ही महन्त योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने रूधे गले से अपने गुरू को श्रद्धान्ज लि देते हुए कहा कि यह अध्यात्मिक और सामाजिक पीठ है यही इसकी विशिष्ट पहचान है और गुरू जी ने अपना पूरा जीवन सनानत धर्म, हिन्दू संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य, समतामूलक समाज दीन-दुःखियों के चेहरे पर खुशी लाने और श्रीरामजन्म भूमि मुक्ति के लिए समर्पित कर दिया। आज भारत सरकार ने उन पर डाक टिकट जारी कर पूरे भारत की ओर से उन्हें सम्मान दिया है। हम सब उनके प्रति कृतज्ञ है।
देश सेवा, धर्म, हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान के प्रति वे पूर्ण समर्पित थे। ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज के जीवन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि तीन वर्ष् ा की अवस्था में माता-पिता और छः वर्ष की अवस्था में दादी ने साथ छोड़ दिया। ग्यारह वर्ष की अवस्था में उन्होंने घर छोड़ा और सन्त परम्परा में आ गये। सनातन हिन्दू धर्म के लिए उन्होंने पूरा जीवन समर्पित कर दिया। मुझें 22 वर्ष उनकी सेवा करने का शुभ अवसर िमला है। यह क्षण ग ौरवान्वित, आहलादित होने का है कि मेरे गुरूदेव राष्ट्र सन्त महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज को केन्द्र सरकार ने अपनी श्रद्धान्जलि डाट टिकट जारी करके दिया। पर मार्थ आश्रम, हरिद्वार के अध्यक्ष एवं भारत सरकार के पूर्व गृहराज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज ने कहा कि देश के सनातन धर्म, हिन्दुत्व, सामाजिक समरसता, रामजन्मभूमि मुक्ति और पूर्वांन्चल के शैक्षिक प्रगति के नये आयाम दोनों ब्रह्मलीन महन्त जी ने प्रस्तुत किये। आज महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की भौतिक अनुपस्थिति हमें व्यथित कर रही है। डाक टिकट जारी कर विश्व के अध्यात् िमक क्षितिज पर सरकार ने सम्मान व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज , महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज से लेकर अब महन्त योगी आदित्यनाथ तक , को हिन्दुत्व का संरक्षण विरासत में प्राप्त हुई है। गोरक्षपीठ ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को सजोकर रखने एवं देश को धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक नेतृत्व दिया। जयपुर से पधारे श्रीमद्पंचखण्डपीठाधीश्वर आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज ने कहा की यह श्र ा द्ध पक्ष है। इसमें अपने पित्रों के प्रति श्रद्धा ज्ञापित की जाती है। भारत सरकार ने डाक टिकट जारी कर महन्त अवेद्यनाथ जी के प्रति अपनी वास्तवि क श्रद्धा अर्पित की है। 1 वशिष्ट आश्रम अयोध्या के महन्त एवं पूर्व सांसद डॉ0 रामबेलासदास जी वेदान्ती जी ने कहा कि मैं महन्त जी से सन् 1971 से जुड़ा रहा हूँ। महन्त जी जैसा महापुरूष नहीं देखा, गोरक्षपीठ की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख् य मंत्री गोविन्द वल्लभ पंत से केन्द्र की सरकार ने रामलला की मूर्ति हटाने को कहा तो गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज गोरखपुर से हजारों भक्तों को लेकर वहॉ उस स्थान को घेर लिया और आज तक रामलला की मूर्ति हटाने की किसी को साहस नहीं हुआ। रामजन्म भूमि मुक्ति आन्दोलन को गति देने के लिए महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज ने इसकी अध्यक्षता स्वीकार की और उनके नेतृत्व में आन्दोलन चला। नेपाल से पधारे विश्व हिन्दू महासंघ के अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षक एवं नेपाल के पूर्व आर्मी चीफ जनरल भरत केशर सिंह ने कहा कि गोरक्षपीठ ने नेपाल के हित में सर्वादा समर्थन दिया है। नेपाल तपों भूमि है और भारत कर्म भूमि है। एक मात्र हिन्दू राष्ट्र नेपाल, अपने प्राचीन अस्तीत्व को प्राप्त करें, इसके लिए गोरक्षपीठ की सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने ब्रह्मलीन महन्त अवैद्यनाथ जी महाराज के साथ अपने सम्बन्धो ं की जिक्र करते हुए उनके प्रति अपनी श्रद्धान्जलि दी। चीफ पोस्ट मास्टर जनरल उ0प्र0 परिमण्डल लखनऊ के डाक्टर सरिता सिंह ने कहा कि गोरखनाथ का भव्य मन्दिर महन्त दिग्विजयनाथ जी की देन है। महन्त अवेद्यनाथ जी कुशल राजनीतिक, सामाजिक समरसता के ध्वजवाहक और रूढ़िवादिता के विरूद्ध संघर्ष करने वाले सन्त थे। दीनदयाल उपाध्या य गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो0 अशोक कुमार ने कहा कि ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज सनातन हिन्दू धर्म के पथप्रदर्शक थे। ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज ने पूर्वान्चल में शिक्षा का जो अभियान महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर चलाया था उसे ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज ने विस्त ारित किया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सहप्रान्त प्रचारक कौशल जी ने कहा कि समाज की शक्ति संगठन में है और अवेद्यनाथ जी महाराज ने समाज को संगठित करके शक्तिशाली ब नाया। इस अवसर पर सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह, सांसद हरीश द्विवेदी, सांसद कमलेश पासवान ने ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज के प्रति श्रद्धान्जलि अर्पित करते हुए उनके विराट व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। श्रद्धान्जलि सभा में सांसद रविन्द्र कुशवाहा, गोरखपुर की महापौर डॉ0 सत्या पाण्डेय, प्रो0 यू0पी0 सिंह, महन्त पंचाननपु री, महन्त राममिलनदास, महन्त शान्तिनाथ, महन्त सुरेन्द्रनाथ, महन्त शिवनाथ जी, महन्त गुलाबनाथ जी, महन्त सुरेशदास जी, विश्व हिन्दू परिषद के प्रान्त संगठन मंत्री प्रदीप पाण्डेय, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के सभी प्राचार्य ए वं प्राध्यापक, भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या प्रतिष्ठित नागरिक प्रमुख रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का प्रारम्भ दोनों ब्रह्मलीन महाराज जी के चित्र पर पुष्पार्चन से हुआ। पं0 रमानुज त्रिपाठी ने वैदिक मंगलाचरण, प्रांगेश मिश्र ने अवेद्यनाथ स्त्रोत्रपाठ, म हाराणा प्रताप बालिका विद्यालय की छात्राओं द्वारा श्रद्धान्जलि गीत प्रस्तुत की गयी। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 श्रीभगवान सिंह किया।