मध्यप्रदेश : राज्यपाल श्री राम नरेश यादव ने कुलपतियों से कहा है कि स्वच्छता की दिशा में हमारे प्रयास व्यक्तिगत साथ-साथ सामूहिक भी होना चाहिए। ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को सतत जन-आन्दोलन के रूप में संचालित करने की आवश्यक है। श्री यादव ने कुलपतियों से अपेक्षा की है कि वे व्यक्तिगत तौर पर तथा अपने शिक्षक परिवार के माध्यम से इस अभियान में अपनी स्व:स्फूर्त सहभागिता सुनिश्चित करेंगे।
राज्यपाल श्री यादव ने प्रदेश के समस्त शासकीय और अशासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भेजे पत्र के साथ केन्द्रीय शहरी विकास,आवास और शहरी गरीबी उपशमन एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री एम.वेंकैया नायडू के अर्ध-शासकीय पत्र की प्रतिलिपि भी संलग्न की है। इसमें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के उदबोधन में ‘स्वच्छता’ पर जोर देते हुए देशवासियों से आव्हान किया गया है कि हम 2 अक्टूबर 2019 के पूर्व देश को स्वच्छ बनाने के लिए दृढ़-संकल्पित होकर एक सशक्त राष्ट्र निर्माण के पुनीत कार्य में सहभागी बनें। यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि होगा।
श्री यादव ने आशा व्यक्त की कि बापू के जन्म-दिवस से प्रारंभ होने वाले स्वच्छ भारत अभियान में स्वच्छता को अपनी व्यक्तिगत आदत में शामिल करने के साथ ही सतत संवाद और सामूहिक चेतना विकसित करने के संकल्प के रूप में लिया जाए। ‘साधन व ‘साध्य’ की पवित्रता व लोक-जीवन में ‘शुचिता’ के लिये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का आग्रह/संदेश युवा पीढ़ी में शिक्षण प्रक्रिया के दौरान एक जीवन मूल्य के रूप में जाना ही चाहिए। इसी में हमारी आजादी की सार्थकता है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मंत्री श्री वेंकैया नायडू द्वारा भेजे पत्र में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचार ‘स्वच्छता राजनीतिक स्वतंत्रता से महत्वपूर्ण है’ के आलोक में भारत सरकार द्वारा बापू के जन्म-दिवस 2 अक्टूबर 2014 से ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का शुभारंभ किया जा रहा है। इस लोक हितकारी राष्ट्रीय अभियान के विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से सम्बद्ध समस्त महाविद्यालयों में सफल क्रियान्वयन के लिये राज्यपाल से नेतृत्व प्रदान करने का आग्रह किया गया है।