गुरुग्राम : कांग्रेस की बावल में हुई जन आक्रोश रैली को भाजपा ने फूहड़ता का शो बताया है। मंगलवार को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रमन मलिक ने मिलेनियम सिटी में मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस की जन आक्रोश रैली अश्लील नृत्य का प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा एक तरफ जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी हरियाणा की मौलिक सांस्कृतिक और आंचलिक पहचान को प्राथमिकता देने के लिए सरकार के द्वारा फ़िल्म नीति तैयार करा रहे है और एक फ़िल्म विश्वविद्यालय खोलने पर काम कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस रैली में अश्लील नृत्य को परोस रही है। मलिक ने कहा की यह हरियाणा की संस्कृति नहीं है। उन्होंने कहा कि जन आक्रोश रैली का एक वीडियो सामने आया जिसको मैंने सोशल मीडिया पर साझा भी किया है। इस वीडियो को देख कर आज सर शर्म से झुक जाता है क्या आज हरियाणा की दयनीय स्थिति के लिए यह “स्त्री को वास्तु-तुलनात्मक” मानसिकता जिम्मेदार नहीं है? इस वीडियो को देख कर शर्म आती है कि एक सार्वजनिक रैली, जो एक राजनीतिक दल की हो रही है सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश दिखाने के लिए उनको एक महिला से अभद्र अश्लील नृत्य कराया जाता है I जब हम हरियाणा में आए दिन महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की बात करते हैं, उस पर हर राजनीतिक दल अपना पक्ष रखता है तो हम यह क्यों भूल जाते हैं कि येही मानसिकता, जो दर्शाई गई थी इस जन आक्रोश रैली के मंच पर ! उसको हम क्यों भूलते हैं?
जवाब दें कांग्रेस नेता:
मलिक ने कहा कि कांग्रेस की यह मानसिकता, और ऐसे कृत्य ही हैं, जो बार-बार यह दर्शाते है कि महिलाओं के साथ इस प्रकार का व्यवहार या इस प्रकार के नृत्य कराने कोई गलत बात नहीं है I जिस मंच पे यह भर्त्सना योग्य नृत्य कार्यक्रम हुआ उस मंच से ना सिर्फ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर, अपितु किरण चौधरी सीएलपी लीडर और एक महिला और कैप्टन अजय यादव जो अपने आप को बावल और अहिरवाल का बड़ा नेता मानते हैं, इन तीनो ने भी उसी मंच से उन लोगों को संबोधित किया जो इसका लुफ्त उठा रहे थे I मेरा मानना यह है कि इस प्रकार की मानसिकता के लोग ही हरियाणा के अंदर महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को श्रेय देते हैं, ऐसे लोगों को सार्वजनिक जीवन से एकदम सन्यास ले लेना चाहिये, इनकी जगह एक सुधार गृह में होनी चाहिए ना कि सार्वजनिक जीवन में I मैं यह भी मानता हूं कि जिस प्रकार से बार-बार कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी महिला उत्थान के लिए बड़े-बड़े बोल बोलते हैं, उनको अपने घर में, अपने पार्टी के अंदर यह देखना चाहिए कि वहां हो क्या रहा है? चाहे वह कर्नाटक में हो रही हिंसा हो, महिलाओं के साथ अभद्रता हो, पत्रकारों की जघन्य हत्याकांड हों या नेताओं की वीवीआईपी मानसिकता हो I या अब हरियाणा के अंदर इस प्रकार के कृत्य जो उनकी पार्टी कर रही है यही दर्शाता है कि कभी भी कांग्रेस के मस्तिष्क में भारत की आधी आबादी का उत्थान नहीं था I आज देश को आजाद हुए 70 साल हो गए, लेकिन इतने सालों के बाद भी अगर महिलाएं अपने आप को, अपनी अभिव्यक्ति को प्रकट नहीं कर पाती और उनसे इस प्रकार के नृत्य कराए जाते हैं, भीड़ इकट्ठा करने के लिए तो शायद कहीं ना कहीं आत्म चिंतन और मंथन का समय है और उन्हें अपने पद से भी त्याग पत्र देते हुए किसी आम भरतीय महिला कर्यकर्ता को कांग्रेस की अध्यक्षा बनाकर यह सिद्ध करें कि वह जो कहते हैं वह सोचते भी हैं।