वशिष्ट भारत की कलम से ——-
प्रिय देश वासियो , क्या गरीबी का निर्धारण भी जातीय आधार पर किया जा सकता है ? जी हाँ हरियाणा सरकार के आदेश क्रमांक – 2961 B-SW ( 2 ) – 2005 Date chandigarh , the 14 – 12 -२००५. इस आदेश से तो ऐसा लगता है की हरियाणा में BPL ( गरीबी रेखासे नीचे परिवार ) की गरीबी जातीय आधार पर मानी जाती है |
हरियाणा में राज्य सरकार की योजना — इंद्रा प्रियदर्शनी विवाह शगुन योजना है | इस योजना में हरियाणा सरकार की और से BPL लडकियों की शादी में दी जाने वाली राशी. यदि लड़की BPL और SC ( अनुसूचित जाति ) है तो उसके विवाह के लिए 26 जनवरी 2010 से सरकार 31000 रूपये की कन्यादान राशी देती है.
यदि लड़की अनुसूचित जाति (NON SC) जाति की नहीं है तो उसके विवाह के लिए 11000 रुपये की कन्यादान राशी दी जाती है | वाह रे हरियाणा सरकार और हरियाणा की सभी राजनीतिक पार्टियों धन्य हो तुम जो गरीबी को भी जाति आधार से तौलते हो |
भाइयो आप सब बताएँ क्या कोई गरीब को जाती के अधार से मूल्यांकन करना ठीक बात है | मैं वर्तमान सरकार से विनम्र निवेदन करता हूँ की गरीबी को जाती के आधार पर मूल्याकन करना जल्दी से जल्दी बंद हो , और सभी गरीबो को समानता का अधिकार के तहत एक जैसी सुविधा मुहिया कराई जाये |