केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि हिंदू मैरीज एक्ट में बदलाव से पहले समाज के लोगों को इस बात पर मंथन करना चाहिए कि किन कारणों से हिंदू मैरीज एक्ट में बदलाव की मांग की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री रोहतक में महाराजा सूरजमल के 251वें बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पुराने समय में जाटों में पांच गोत्रों को छोडक़र विवाह करने की प्रथा थी। समय के साथ-साथ पांच की बजाए तीन गोत्र छोड़े जाने लगे और आज के समय में सिर्फ दो गोत्रों को छोडक़र जाटों में शादियां की जाने लगी हैं। चौ. बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि अगर हम इन कारणों पर मंथन करें तो हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि गोत्रों को छोडक़र शादी करने के पीछे कोई रूढि़वादी विचारधारा नहीं है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह साबित हुआ है कि एक ही गोत्र में शादी करने से अनुवांशिक बीमारियों से अगली पीढ़ी के ग्रस्त होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। अगर गोत्रों को छोडक़र शादी की जाये तो इन अनुवांशिक बीमारियों पर रोक लगाई जा सकती है।
महिला सशक्तिकरण को लेकर उन्होंने कहा कि हमारे समाज की महिलाएं किसी भी रूप में कमजोर नहीं हैं। बल्कि हमारी महिलाएं दूसरे समाज की महिलाओं से ज्यादा सशक्त हैं और ज्यादा जागरूक हैं। महिलाओं के प्रति अगर पुरूष समाज अपनी सोच व रवैये में बदलाव लाये तो महिलाएं खुद-ब-खुद उनके कंधे से कंधा मिलाकर समाज की उन्नति में और अधिक योगदान दे पायेंगी।
उन्होंने कहा कि जाट समुदाय को लोगों की भलाई के लिए सामाजिक कार्यो में मिलकर एक साथ खड़ा होना होगा। राजनीतिक तौर पर चाहे किसी से किसी कोई मनमुटाव हो। उन्होंने कहा कि जाट समुदाय की राजनीतिक क्षेत्र में भी एक अलग पहचान है लेकिन कई मामलों मे जाट बंटे हुए नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यो में आपसी भेदभाव की भावना से कार्य करना गलत है। समाज के लोगों की भलाई और जाट समुदाय को आगे ले जाने के लिए हमें एक साथ आना चाहिए। एक साथ किये गये प्रयासों से जल्दी कामयाबी मिलजी है।
उन्होंने कहा कि जाटों को मिले आरक्षण को लेकर कई नेता, पार्टी और संस्थाएं भर्म पाले हुए हैं कि आरक्षण उनके कारण मिला है। जाट समुदाए को आरक्षण उनकी मेहनत व समाज में अलग स्थान के चलते मिला है। उन्होंने कहा कि पिछले 70-80 सालों मेें समाज के लिए जाट समुदाय द्वारा किये गये प्रयास सराहनीय हैं। जाट समुदाय हमेशा सबको साथ लेकर चला है। समुदाय में राजनीतिक जागरूकता बहुत है।
कार्यक्रम को आयोजक राजबीर राज्याण व रवि मलिक ने संबोधित करते हुए हिंदू मैरीज एक्ट में बदलाव की मांग को जायज ठहराया तथा कहा कि हम इस पवित्र कार्य में अपने तन-मन-धन से जाट समाज का सहयोग करेंगे। समारोह में समाज की कुरीतियों के निवारण के लिए संस्कृति रक्षक संघर्ष समिति का गठन किया। राजबीर राज्याण को इस समिति का राष्ट्रीय अध्यक्ष व रवि मलिक को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये जाने की मांग की।
इस अवसर पर सुधीर फौगाट ने खाप पंचायतों से पहुंचे प्रबुद्ध व्यक्तियों का धन्यवाद किया कि वे इस कडकडाती ठंड में भी अपने समाज की भलाई व बच्चों के भविष्य के लिए भारी संख्या में इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए। समारोह में संतोष दहिया, राजबाला चहल, डॉ. परमहंस महाराज, जम्मू-कश्मीर के प्रधान कमल सिंह, राजबीर मुंडेठ, भले राम बैनिवाल, ओमप्रकाश धनखड़, विनोद बाला, कबड्डी कोच सुनील डबास, ललिता नांदल, सुदेश राणा, विजेन्द्र सिंगल, अमित दहिया, सुमन मलिक कोच, अशोक दांगी, श्याम सिंह प्रधान, डॉ. देवेन्द्र डबास, पालम-360 के किशनचंद, विजय कालीरमण, कुलबीर मलिक, साक्षी मलिक, सुमन कुंडू, गुजरात से कुलबीर लोहचब, शमशेर खरकड़ा सहित 101 हस्तियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सफल मंच संचालन गजेन्द्र फौगाट ने किया।
कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय सिंह, एच.पी. सिंह परिहार, शमशेर खरकड़ा, रामकर्ण हुड्डा, भूपेन्द्र चौधरी, डॉ. परमहंस जी महाराज, एडवोकेट राजबाला चहल, संतोष दहिया, विद्या ढ़ाका, अहलावत खाप के प्रधान जय सिंह, रोहज खाप के प्रधान अनिल रोहज, किन्हा खाप के सचिव धर्मपाल किन्हा, दलाल खाप के प्रवक्ता कैप्टन मान सिंह दलाल, दहिया खाप की महिला प्रधान निर्मला दहिया, पालम 360 के प्रधान ताराचन्द जाखड़, दिल्ली प्रदेश कालीरमण खाप प्रधान विजय कुमार, कालीरावणा खाप की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पुष्पा, खाप प्रधान विनोद बाला, गहलावत खाप के प्रधान सुमेर सिंह, कलकल सतगामा प्रधान अनूप सिंह, कैप्टन जगबीर मलिक, जसबीर मलिक, रविन्द्र सिंह जाखड़, कालीरमन खाप के प्रधान सज्जन सिंह, सतरोल खाप के प्रवक्ता बनवारी लाल, सतबीर पहलवान, राजमल काजल, संजय राठी, जोगेन्द्र दलाल आदि ने भी अपने विचार रखे।