चण्डीगढ़ : आर के विक्रमा शर्मा :०४–०३–२०१२ :– जाने माने मरहूम शायर वेद दीवाना जी की याद में अदिति कलाकृति ने युवा लेखक कला मंच चंडीगढ़ के बैनर तले यादगार राष्ट्रीय मुशायरा आयोजित किया ! मुशायरा का आरम्भ अदिति कलाकृति के संस्थापक और जाने माने समाज सेवक पंडित आर के शर्मा द्वारा शमा रोशन करने से हुआ ! युवा लेखक कला मंच के युवा अध्यक्ष और क्रन्तिकारी कवि व् गीतकार नवीन नीर जी ने मुशायरा में शिरकत करने आये जाने माने शायरों का परिचय करवाया ! मुशायरा की अध्यक्षता उर्दू के नामावर शायर व् कलमकार सुल्तान अंजुम ने की ! आयोजक अदिति कलाकृति हब ऑफ़ हाबिज एंड हैंडी क्राफ्ट्स की निदेशिका मोनिका शर्मा आभा के मुताबिक मुशायरा में जनाब नरेश नाज (पटियाला) ,जनाब अभिषेक शुक्ल (जलंधर) , साहिल माधोपुरी (रूडकी),राजेन्द्र चाँद (जीरकपुरी) , सुल्तान अंजुम(मोहाली) और
मुसव्विर (फिरोजपुरी) , युवा शायर नवीन नीर व् विकास कविराज और अमरजीत अमर व् जनाब विजय अख्तर (सब चंडीगढ़ से ) सहित जनाब महेंद्र सोनी पंचकुला (हरियाणा) ने दिल दिमाग की बत्ती जला देने वाले शेयर पेश कर दर्शकों और श्रोताओं की खूब तालियाँ बटोरीं ! अढाई घंटे रोशन रही शमा के साथ मुशायरा बड़े तहजीब और सलीके व् तरीके से धीरे धीरे पुर यौवनता की ओर बढ़ता गया ! श्रोताओं ने सांस रोक कर मुशायरा के इक इक लफ्ज ओर लहजे का मजा लिया! सामाजिक और धार्मिक सहित देश व् मानव जाति से जुड़े सवालों को बखूबीपन से पेश किया गया!यहीं नहीं गरीबी अशिक्षा बेटी सबल सहारा और बेरोजगारी ने मुशायरा में विशेष तरजीह पाई ! मुशायरे के जरिये लोगों को जागृत करने का ये अनूठा प्रयास जारी रहेगा ये वादा पंजाबी फिल्मों के सरताज संगीतकार अतुल शर्मा ने अपनी शायरी को विराम देते हुए कहे! विख्यात शायर डाक्टर बशीर बद्र साहब और राहत इन्दौरी साहब के शहर से आये युवा शायर पंकज परमार ने खूब वाह वाही लूटी ! मुशायरे के विशेष अतिथि जाने माने समाज सुधारक पंडित आर के शर्मा जी ने आह्वान किया कि शायरों की कलम समाज में बुझती संस्कृति व् सभ्यता सहित शिक्षा की लौ को नया जीवनदान दे सकती है ! और युवा लेखक कला मंच का ये प्रयास अनूठी मिसाल है ! राष्ट्रीय मुशायरा के सह आयोजक सुपर कप टी पीओ तो जानो थे! शायरों ने समाज ओर तन्त्र में फैली कुरीतियों पर भी पीने वार किये ! मुशायरा की समाप्ति आयोजक-प्रवक्ता आर के विक्रमा शर्मा के शुक्रिया अदा करने के साथ हुआ ! मुशायरा का आनन्द लेने के लिये श्रोता मोहाली पंचकुला ओर कालका ओर अम्बाला व् पटियाला तक से आये हुए थे !